शनिवार, 14 अगस्त 2010

जुलिया का हिंदू प्रेम कहीं सतही तो नहीं..



डॉ. महेश परिमल

लोगों को यह जानकर बहुत ही खुशी हुई कि हॉलीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री जुलिया राबर्ट्स ने हिंदू धर्म अंगीकार कर लिया। जुलिया के बयान पर नजर डालें, तो जब उसने नीम करोल बाबा की तस्वीर देखी, तो उसके मन में हिंदू धर्म के प्रति आस्था बढ़ गई। किसी बाबा की तस्वीर देखकर जब इतने प्रभावित हुई, तो फिर धर्म अंगीकार करके उसकी क्या हालत होगी? वास्तव में यह एक स्टंट है। बहुत ही जल्द भारत में भी जुलिया राबर्ट्स की फिल्म ‘इट, प्रे, लव’ रिलीज होने वाली है। उसी फिल्म को हिट करने के लिए यह चोंचला किया गया है।
आखिर कौन है ये जुलिया राबर्ट्स, पहले इसके बारे में जान लें। हॉलीवुड की नम्बर वन 42 वर्षीय हीरोइन जुलिया राबर्ट्स ने हाल ही में प्रेटी वुमन नामक फिल्म में अभिनय के लिए ऑस्कर पुस्स्कार प्राप्त किया है। इसका जन्म जार्जिया प्रांत में हुआ था। उसके माता-पिता बाप्टीस्ट और केथोलिक हैं। एल्ले नामक मैगजीन को दिए गए एक साक्षात्कार में वह कहती हैं कि केवल वे ही नहीं, बल्कि उनका पूरा परिवार ही हिंदू बन गया है। हम सब साथ-साथ मंदिरों में जाते हैं, वहाँ भजन-कीर्तन करते हैं। वह बताती हैं कि उसके पति ने भी हिंदू घर्म स्वीकार कर लिया है।
अब आते हैं इस करोल बाबा पर। इस बाबा का असली नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा है। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के अकबरपुर गाँव में हुआ था। ये बाबा महाराज के रूप में जाने जाते थे। भारत एवं विदेशों में उनके लाखों शिष्य हैं। आध्यात्मिक शिक्षक बाबा रामदास और योगी भगवान दास भी इनके शिष्य थे। जय उत्तल और कृष्णादास जैसे संगीतकार भी नीम करोल बाबा को अपना गुरु मानते हैं। एपल कंपनी के सीईओ स्टीव जोब्स इसी बाबा से मिलने 1973 में भारत आए। पर वे बाबा से मिल पाते, उसके पहले ही बाबा का स्वर्गवास हो गया। अमेरिका और जर्मनी में बाबा के आश्रम भी हैं। वे कई प्रकार के चमत्कार करते थे। इसलिए इनके भक्तों की संख्या लाखों में है।
भारत में इसके पहले भी कई विदेशी हस्तियाँ आईं और हिंदू धर्म अपनाया। 1960 के दशक में विख्यात बीटल्स स्टार जार्ज हेरिसन ने वैदिक धर्म अंगीकार किया था। वे इस्कॉन के अभियान से जुड़े थे। इसके पीछे वास्तविकता यह है कि अमेरिका में इस्कॉन के अभियान को बल देने के लिए यह चोंचलेबाजी की गई थी। बीटल्स का अनुसरण करते हुए लाखों अमेरिकियों ने हिंदू धर्म अंगीकार कर इस्कॉन से जुड़ गए। इससे हिंदू धर्म को किसी प्रकार का लाभ नहीं हुआ। इसका दूसरा पहलू यह है कि अमेरिका में इस्कॉन के अभियान को हत्या, ड्रग्स और अनेक मामलों के कारण काफी बदनामी हुई। इससे हिंदू संस्कृति पर भी छींटे पड़े। विख्यात पॉप गायिका मेडोना ने भी हिंदू धर्म अपनाने का नाटक किया था। क्रोजन नामक एलबम में मेडोना हाथ में मेंहदी देखने को मिलती है। लोगों ने जब हाथ को ध्यान से देखा, तो आश्चर्यचकित रह गए, क्योंकि उसके हाथ में ओम लिखा था। बाद में पता चला कि यह तो उसने अपने एलबम के प्रचार के लिए किया था।
जब भी विदेशी अभिनेत्री भारतभूमि पर अपने पाँव रखती हैं, तब वह यहाँ की संस्कृति से काफी प्रभावित होती हैं। लिज हर्ली को तो भारत इतना भाया कि उसने अपनी शादी पूरी तरह से हिंदू रीति-रिवाजों से करना तय किया। इसके लिए उसने जोधपुर का राजमहल ही किराए पर ले लिया। इस दौरान भजन संध्या जैसे धार्मिक कार्यक्रम भी हुए। कुछ समय पहले ही डेमी मूर को मेंहदी लगाकर घूमते लोगों ने देखा। रिचर्ड गेरे जैसी बड़ी हस्ती ने कुछ समय पहले बौद्ध धर्म स्वीकार किया। वे कई बार धर्मशाला आते हैं, वहाँ रहते हैं। वे दलाई लामा से भी कई बार मिल चुके हैं। तिब्बत की मुक्ति के लिए चलाए जा रहे दलाई लामा के अभियान से भी वे जुड़े हैं। इस अभियान में उनके जुड़ जाने से थोड़ा बल मिला है। पर इसका मतलब यह कतई नहीं है कि गेरे ने बौद्ध धर्म स्वीकार कर इस धर्म को बहुत बड़ा सहारा दिया है।
बात फिर जुलिया की। अपनी फिल्म ‘इट, प्रे, लव’ की शूटिंग के लिए पिछले साल जुलिया भारत आई थी। तब वह हरियाणा के एक आश्रम में भी काफी समय तक रुकी थी। इस वर्ष जनवरी में वह अपने पति के साथ भारत आई थीं। जब वह ताजमहल देखने गई, तब उसके माथे पर ¨बदी देखकर लोगों को आश्चर्य हुआ था। इसके बाद भी उसने कहीं भी यह नहीं कहा कि वह हिंदू धर्म को स्वीकार कर रहीं हैं। अभी अमेरिका में जब उसकी फिल्म रिलीज होने वाली थी, उसकी पूर्व संध्या ही उसने यह घोषणा की कि वह ¨हदू धर्म स्वीकार कर रहीं हैं। आखिर घोषणा करने के लिए उसे फिल्म रिलीज होने के एक दिन पहले ही मिला। वैसे देखा जाए, तो इस फिल्म की स्टोरी भी जुलिया से मिलती-जुलती है। फिल्म की नायिका एलिजाबेथ गिल्बर्ट एक लेखिका है। जो अपने वैवाहिक जीवन से खुश नहीं है। इससे दु:खी होकर कई बार वह रात में बाथरुम के फ्लोर पर खूब रोती है। इन हालात में वह एक व्यक्ति के प्रेम में पड़ जाती है। इधर वह अपने पति से तलाक के लिए कोशिश करती है। उसका पति तलाक के लिए तैयार नहीं होता। इस बीच जिससे वह प्रेम करने लगी थी, वह व्यक्ति उसे धोखा दे देता है। इससे वह बुरी तरह से टूट जाती है। एक बार वह योग पर कुछ काम करती रहती है, उसी दौरान उसकी भेंट एक आध्यात्मिक व्यक्ति से होती है। वह उससे काफी प्रभावित होती है। तब गिल्बर्ट उस आध्यात्मिक व्यक्ति से कहती है कि एक दिन मैं आपके पास आकर रहूँगी। कुछ दिनों बाद ही उसे तलाक मिल जाता है। अब उसके पास काफी वक्त था, तो उसने एक वर्ष भ्रमण में बिताने का संकल्प लिया। इस विषय पर पुस्तक लिखने के लिए उसे एडवांस में धन मिला। इस धन से वह चार महीने तक इटली में रही। वहाँ खूब मौज-मस्ती की। यानी खाया-पीया। मतलब (इट), उसके बाद वह भार आ गई, जहाँ एक आश्रम में रही। यहाँ योग-साधना का अध्ययन किया। यानी (प्रे), इसके बाद के अंतिम चार महीने उसने इंडोनेशिया के एक टापू पर बिताए। यहाँ उसका प्यार ब्राजील के एक फैक्टरी मालिक से हो जाता है। फिर तो वह तय करती है कि अब वह अपना बाकी जीवन इसी टापू पर अपने प्रेमी के साथ बिताएगी। इस तरह से उसकी जिंदगी का तीसरा पड़ाव लव पर आकर समाप्त होता है।
पश्चिम के लोग जब भी भारत आते हैं और यहाँ की प्राचीन संस्कृति के दर्शन करते हैं, तो पहली नजर में वह उस संस्कृति से प्यार करने लगते हैं। उन्हें लगता है कि वे वैदिक धर्म अपना सकते हैं। दूसरी ओर उनका लालन-पालन कुछ दूसरे ही तरीके से हुआ होता है, इसलिए वे इससे तादात्म्य स्थापित नहीं कर पाते। भारत की संस्कृति में तप, त्याग, संयम और सहिष्णुता रग-रग में बसी है, इन विदेशियों के खून में यह सब नहीं होता। उनपका जीवन तो भोग प्रधान होता है। इसी भोग प्रधान जीवन से जब वे बोर हो जाते हैं, तब वे योग और त्याग की बातें करते हैं। इस जीवन में आकर कुछ समय बाद वे इससे भी बोर होने लगते हैं, तब वे फिर भोग की दुनिया में चले जाते हैं। जुलिया राबर्ट्स के लिए संभव है कि वह हिंदू धर्म को हृदय से स्वीकार न कर पाए और फिर उसी दुनिया में चली जाए, जहाँ से वह आई हैं। हिंदू धर्म के प्रति उनका प्रेम कुछ समय बाद पिघल जाए, तो इससे हमको आश्चर्य नहीं करना चाहिए।
डॉ. महेश परिमल

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