बुधवार, 28 अक्तूबर 2015

नागार्जुन की कविता अकाल और उसके बाद

कवि नागार्जुन की इस क‍विता में अकाल और उसके बाद की स्थिति का वर्णन किया गया है कि किस तरह अकाल का प्रभाव न केवल घर के लोगों पर पडता है, बल्कि छोटे छोटे जीवधारी भी इससे प्रभावित हुए बिना नहीं रहते हैं।

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