शुक्रवार, 20 नवंबर 2015

सूर्यकान्‍त त्रिपाठी 'निराला' की कविताऍं

सूर्यकान्‍त त्रिपाठी 'निराला' हिंदी कविता के छायावादी यु्ग के प्रमुख चार स्‍तंभों में से एक माने जाते हैं। अपने समकालीन कवियों से अलग उन्‍होंने अपनी कविता में कल्‍पनाशीलता का सहारा बहुत कम लिया है और यथार्थ को प्रमुखता से चित्रित किया है। वे हिंदी में मुक्‍त छंद के प्रवर्तक भी माने जाते हैं।

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