गुरुवार, 21 जनवरी 2016

कहानी - वेदना से संवेदना तक

संवेदना का संबंध मात्र मनुष्‍य से ही नहीं होता, प्रकृति के सानिध्‍य में रहते पेड़-पौधे भी वेदना-संवेदना से जुड़े होते हैं। वे भी अपनी खुशी में खुश होते हैं अौर दुख में दुखी होते हैं। जब वे दुखी होते हैं, तो मुरझाने लगते हैं और खुश होने पर झूमने लगते हैं। इसी बात को प्रस्‍तुत करती है ये संवेदनशील कहानी ...

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