शुक्रवार, 15 जनवरी 2016

बाल कविताऍं - रमेश तैलंग

बच्‍चों की अपनी एक अलग दुनिया होती है। इस दुनिया में सजीव और निर्जीव का भेद मिट जाता है। निर्जीव वस्‍तुऍं भी बातें करती हैं। अपनेपन और मासूमियत से भरी हुई प्‍यारी-प्‍यारी बातें... आइए सुनते हैं, उनकी कुछ प्‍यार भरी मीठी-मीठी बातें कवि रमेश तैलंग की कलम से...

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Post Labels