मंगलवार, 10 मई 2016

एन. रघुरामन - जीने की कला - 4

आज का युग तकनीक का युग है। चारों तरफ इंटरनेट का जाल बिछा हुआ है। हमारी सुबह और शाम इसी से होती है। दिन ढलता भी इसके साए मे है और उगता भी इसकी ही छत्रछाया में ही है। हमारा पूरा जीवन इंटरनेट के आधुनिक तारों से घिरा हुआ है। हम चाह कर भी इससे बच नहीं सकते। कभी-कभी तो हम इसमें इतना उलझ जाते हैं कि लगता है, कैसे इससे बाहर निकलें। लेकिन सच्‍चाई यह है कि यदि सकारात्‍मक सोच के साथ अच्‍छे व्‍यवहार के साथ इसे अपनाया जाए तो यह हमारी सफलता का मार्ग प्रशस्‍त करता है। आशातीत संभावनाएँँ और सफलताएँँ इंटरनेट के माध्‍यम से बाँँहें फैलाए खड़ी हैं। एन. रघुरामन अपने इस लेख के माध्‍यम से इन्‍हीं सफलताओं की कहानी हम तक पहुँँचा रहे हैं, जो कि इस दौड़ती-भागती जिंदगी में इंटरनेट के प्रयोग से हमें सफलता की ओर ले जाएगी। तो आइए ऑडियो के माध्‍यम से सुनते हैं इंटरनेट एवं जीवन की सफलता से जुड़े जीने की कला के नए तरीके...

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