मंगलवार, 13 सितंबर 2016

बाल कहानी – चिड़िया की सीख – राजकुमार जैन

कहानी का अंश… एक पेड़ की डाल पर मोनू और सोनू नामक दो कबूतर रहते थे। सोनू बहुत मेहनती था जबकि मोनू आलसी था। मोनू सारा दिन सोता रहता था। सोनू कबूतर बाहर से दाना चुग कर लाता और उसमें से थोड़ा-बहुत माँगकर मोनू अपना पेट भरता था। बरसात आने से पहले सोनू कबूतर तिनके इकट्‌ठे करके खूबसूरत-सा घोंसला बना लेता ओर बरसात का मौसम आने पर मजे से उसमें रहता। लेकिन जब भी वह मोनू को घोंसला बनाने के लिए कहता तो वह कोई न कोई बहाना बनाकर बात को टाल देता। बरसात आने पर वह हर बार की तरह खुशामद करके सोनू के घोंसले में घुस जाता। इस तरह मोनू बिना कुछ किए अपना काम चलाता और सोनू दिन भर मेहनत करता रहता था। एक दिन उस पेड़ पर फिसी नाम की एक चिड़िया रहने के लिए आई। सोनू और मोनू ने जब उसे देखा तो वे दोनों बहुत खुश हुए। कुछ दिन बाद सोनू ने अपनी समस्या फिसी को बताई। फिसी ने उसकी बात ध्यान से सुनी और फिर कहा कि इसमें मोनू का कम लेकिन तुम्हारा दोष अधिक है। फिर उसने सोनू को मोनू का आलसीपन दूर करने का उपाय भी बताया। क्या उस उपाय से यानी कि चिड़िया की सीख से मोनू का आलसीपन दूर हो गया? क्या वह बदल गया? यह जानने के लिए ऑडियो की मदद लीजिए…

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