tag:blogger.com,1999:blog-3095988659802522890.post204358433731533905..comments2023-11-05T14:33:52.361+05:30Comments on संवेदनाओं के पंख / दिव्य-दृष्टि: कुछ भी ठीक नहीं है भारतीय सेना मेंDr. Mahesh Parimalhttp://www.blogger.com/profile/11819554031134854400noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3095988659802522890.post-56742485995140012882009-02-02T18:19:00.000+05:302009-02-02T18:19:00.000+05:30शब्दों को जैसे पत्थर पे उकेरा है----------ज़रूर पढ़...शब्दों को जैसे पत्थर पे उकेरा है<BR/><BR/>----------<BR/>ज़रूर पढ़ें:<BR/><A HREF="http://podcast.hindyugm.com/2009/02/anand-bakshi-song-writer-of-common-man.html" REL="nofollow">हिन्द-युग्म: आनन्द बक्षी पर विशेष लेख</A>Vinayhttps://www.blogger.com/profile/08734830206267994994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3095988659802522890.post-52475439274865017032009-02-02T17:28:00.000+05:302009-02-02T17:28:00.000+05:30बड़ा ही दुखद लगा यह पढ़ना जानना.बहुत सही कहा आपने....बड़ा ही दुखद लगा यह पढ़ना जानना.बहुत सही कहा आपने.....आज भी सैनिक जिस तरह से देश की आतंरिक बाह्य मोर्चे पर प्रत्येक विपदा में अपनी जान देकर रक्षा करने को तत्पर रहते हैं,उसमे इस तरह घुन लगते देखकर बड़ा ही दुःख होता है.एक यही विंग तो था जिसके इमानदारी पर हम नाज करते थे.रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.com