tag:blogger.com,1999:blog-3095988659802522890.post48302813361955421..comments2023-11-05T14:33:52.361+05:30Comments on संवेदनाओं के पंख / दिव्य-दृष्टि: जूता: एक मौलिक पीएचडी प्रस्तावDr. Mahesh Parimalhttp://www.blogger.com/profile/11819554031134854400noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3095988659802522890.post-58903326428499467562009-04-27T17:31:00.000+05:302009-04-27T17:31:00.000+05:30और यक़ीन मानें इसमें आपको बहुत मुश्किल भी नहीं होगी...और यक़ीन मानें इसमें आपको बहुत मुश्किल भी नहीं होगी. क्योंकि आप लोगों के लिए सन्दर्भ ग्रंथ मैने तैयार कर दिया है. चाहें तो क्लिकिए : <br />http://iyatta.blogspot.com/2009/04/32.html.इष्ट देव सांकृत्यायनhttps://www.blogger.com/profile/06412773574863134437noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3095988659802522890.post-68006164146059869762009-04-20T12:01:00.000+05:302009-04-20T12:01:00.000+05:30खरे जी से कहिये कि यह प्रस्ताव व्यंग्य से बाहर निक...खरे जी से कहिये कि यह प्रस्ताव व्यंग्य से बाहर निकालकर किसी विश्वविद्यालय में जमा करा ही दें! जूता-शास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि रखने वालों की बहुत जरूरत पड़ने वाली है देश को!Anil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/06680189239008360541noreply@blogger.com