tag:blogger.com,1999:blog-3095988659802522890.post7783811368042718081..comments2023-11-05T14:33:52.361+05:30Comments on संवेदनाओं के पंख / दिव्य-दृष्टि: ऐसे न सताओ निरीह कोDr. Mahesh Parimalhttp://www.blogger.com/profile/11819554031134854400noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3095988659802522890.post-68737029019333273362008-07-10T00:06:00.000+05:302008-07-10T00:06:00.000+05:30जीव-जगत को ऐसी ही संवेदना की दरकार है.इंसान होने क...जीव-जगत को ऐसी ही <BR/>संवेदना की दरकार है.<BR/>इंसान होने का हक़ <BR/>अदा करने की दुहाई <BR/>देने वालों को मूक पशुओं से <BR/>सीख लेने की ज़रूरत है !<BR/>आपने यह भली भांति समझा दिया है. <BR/>==============================<BR/>साधुवाद भाई महेश जी.<BR/>डा.चन्द्रकुमार जैनDr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3095988659802522890.post-64711246304229761742008-07-09T13:26:00.000+05:302008-07-09T13:26:00.000+05:30अच्छा लिखा है नैयर जी, सचमुच कुत्तों की दशा पर कभी...अच्छा लिखा है नैयर जी, सचमुच कुत्तों की दशा पर कभी कभी बहुत दया आती है. आपने भी उनकी दशा का मार्मिक वर्णन किया है. हम सभी को इन निरीह जानवरों का ख्याल रखना चाहिए. सबकी तरह इनका भी अन्तिम सस्कार करना चाहिए ताकि इन्हे भी गति मिल सके.vineetahttps://www.blogger.com/profile/10454738518371482174noreply@blogger.com