tag:blogger.com,1999:blog-3095988659802522890.post6286289534616430377..comments2023-11-05T14:33:52.361+05:30Comments on संवेदनाओं के पंख / दिव्य-दृष्टि: मानवजाति की जान का दुश्मन है चूहाDr. Mahesh Parimalhttp://www.blogger.com/profile/11819554031134854400noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-3095988659802522890.post-34151649942528753032016-02-10T19:31:32.593+05:302016-02-10T19:31:32.593+05:30नही ऐसा मत कहो सारे चूहे दुशमन नही जंगली चूहे ही द...नही ऐसा मत कहो सारे चूहे दुशमन नही जंगली चूहे ही दुशमन है जबकि पालतू चूहे बहुत ही मासूम है यह अपने आप कुछ नही खाते है ना ही नुकसान करते इंहे तो जब खाने को दो तभी खाते है और पालतू बनाने पर मानव से बहुत ही पृेम करते हैAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/12444660886732622917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3095988659802522890.post-11156909162146559822008-01-11T23:15:00.000+05:302008-01-11T23:15:00.000+05:30पुनश्च: आपने जो आंकडे/तथ्य दिये हैं उन्हें पढ कर च...पुनश्च: आपने जो आंकडे/तथ्य दिये हैं उन्हें पढ कर चूहों के बारे में बहुत ताज्जुब हुआ.Shastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3095988659802522890.post-38381221338305101632008-01-11T23:14:00.000+05:302008-01-11T23:14:00.000+05:30प्रिय डॉ परिमल जी,आप ने इस लेख में इतनी जानकारी भर...प्रिय डॉ परिमल जी,<BR/><BR/>आप ने इस लेख में इतनी जानकारी भर दी है कि मैं पढ कर दंग रह गया. कृपया लिखते रहें, हम पढ रहे हैंShastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3095988659802522890.post-60342277022506501722008-01-11T13:11:00.000+05:302008-01-11T13:11:00.000+05:30चूहा मानव का दुशम्न नहीं डॉ साहब, मानव खुद मानव का...चूहा मानव का दुशम्न नहीं डॉ साहब, मानव खुद मानव का दुश्मन है, वजह?<BR/>चूहे का सबसे बड़ा दुश्मन है ऊल्लू जो एक रात में कम से कम दस से पन्दर बड़े चूहों का भोजन कर लेता है, एसे मानव मित्र उल्लू को हमने लगभग खत्म कर दिया है। <BR/>है ना मानव खुद अपना दुश्मन.. वरना चूहे पहले भि थे परन्तु उल्लू भी थे। यह एक एच्छा क्रम था जिसमें एक दूसरे को भोजन बना कर प्रकृति को संतुलित रखा जाता था, हमने उसमें से एक नहीं कई कड़ियों को तोड़ दिया और परिणाम .... आज आपकी पोस्ट :)सागर नाहरhttps://www.blogger.com/profile/16373337058059710391noreply@blogger.com