tag:blogger.com,1999:blog-3095988659802522890.post6834238591448260143..comments2023-11-05T14:33:52.361+05:30Comments on संवेदनाओं के पंख / दिव्य-दृष्टि: अधिक सोच आदमी को निराशा देती हैDr. Mahesh Parimalhttp://www.blogger.com/profile/11819554031134854400noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-3095988659802522890.post-8597516860491412442008-09-08T15:57:00.000+05:302008-09-08T15:57:00.000+05:30"जीवन जीने की कला यही है कि मौत से पहले मत मरो और ..."जीवन जीने की कला यही है कि मौत से पहले मत मरो और दु:ख आने से पहले दु:खी मत हो"<BR/><BR/>प्रेरणा के लिये आभार्!!<BR/><BR/><BR/><BR/>-- शास्त्री जे सी फिलिप<BR/><BR/>-- हिन्दी चिट्ठाकारी अपने शैशवावस्था में है. आईये इसे आगे बढाने के लिये कुछ करें. आज कम से कम दस चिट्ठों पर टिप्पणी देकर उनको प्रोत्साहित करें!!Shastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.com