



















जीवन यात्रा जून 1957 से. भोपाल में रहने वाला, छत्तीसगढ़िया गुजराती. हिन्दी में एमए और भाषा विज्ञान में पीएच.डी. 1980 से पत्रकारिता और साहित्य से जुड़ाव. अब तक देश भर के समाचार पत्रों में करीब 2000 समसामयिक आलेखों व ललित निबंधों का प्रकाशन. आकाशवाणी से 50 फ़ीचर का प्रसारण जिसमें कुछ पुरस्कृत भी. शालेय और विश्वविद्यालय स्तर पर लेखन और अध्यापन. धारावाहिक ‘चाचा चौधरी’ के लिए अंशकालीन पटकथा लेखन. हिन्दी गुजराती के अलावा छत्तीसगढ़ी, उड़िया, बँगला और पंजाबी भाषा का ज्ञान. संप्रति स्वतंत्र पत्रकार।
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डॉ. महेश परिमल, टी-3, 204 सागर लेक व्यू होम्स, वृंदावन नगर, अयोघ्या बायपास, भोपाल. 462022.
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बेहतरीन तस्वीरों का बेहतरीन प्रस्तुतिकरण।
जवाब देंहटाएंमहेश जी एक बार राजनांदगांव से कवर्धा गया था। वहां से रायपुर जाना पडा। रास्ते में मैंने ऐसे ही एक ट्रक को देखा जिस पर ट्रेन का इंजन सवार था। ड्राईवर से बात की तो पता चला कि वह जबलपुर से आ रहा है और रायगढ जा रहा है। सिमगा के आसपास उससे सामना हुआ था। उसने बताया कि करीब 20 दिन पहले वह निकला था और पांच दिन और लगने थे।
बहरहाल अच्छी तस्वीरें।