रविवार, 14 नवंबर 2021

महाराष्ट्र में इतना सन्नाटा क्यों है?

हाराष्ट्र में एक तरफ तो आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है, तो दूसरी तरफ राजनीति के गलियारों में सन्नाटा छाया हुआ है। नवाब मलिक को बोलती बंद कर सके, ऐसी हिम्मत न तो किसी मंत्री में है और ना ही किसी विधायक में। सब मौन धारण किए हुए तमाशा देख रहे हैँ। मानों सभी को सांप सूंघ गया हो। सच ही कहा गया है कि राजनीति के घाट पर जब भी कपड़े धोए जाते हैं, तो सभी की गंदगी सामने आ जाती है। बॉलीवुड तो खुश है कि सभी का ध्यान अब आर्यन के मामले से हट गया है। उधर शिवसेना और एनसीपी को यह डर सता रहा है कि आरोप-प्रत्यारोप के इस दंगल में कहीं उनकी पोल न खुल जाए।

इस समय देश में ऐसा कोई भी कद्दावर नेता नहीं है, जो महाराष्ट्र में होने पर इस दंगल में कुछ बोल सके। शरद पवार, राहुल गांधी, उद्धव ठाकरे ने खामोशी की चादर ओढ़ ली है। नवाब मलिक ओर देवेंद्र फड़नवीस के तीखे बयानों से राजनीति में एक तरह से भूचाल ही आ गया है। आर्यन को पकड़ने वाले अधिकारी समीर वानखेड़े के समर्थन में बहुत से लोग सामने आ गए हैं। हवा में तलवारें चलने लगीं हैं। फड़नवीस जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे, तब उनके पास नवाब मलिक के बारे में काफी जानकारी थी, लेकिन नवाब मलिक के पास देवेंद्र फड़नवीस के खिलाफ कुछ भी ऐसा नहीं है, जिसे लेकर वे कुछ नया कर सकें। अब तो दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ मानहानि का दावा भी ठोंक दिया है।

आर्यन खान ड्रग्स मामले में जमानत पर छूट चुका है। उन्हें गिरफ्तार करने वाले समीर वानखेड़े को भ्रष्ट साबित करने के लिए एक द्वंद्व युद्ध शुरू कर दिया गया है। मीडिया भी बुरी तरह से उन पर फिदा हो गया है। ऐसा लगने लगा है कि देश में अब कुछ भी बताने के लिए बचा ही नहीं है। अब न तो महाराष्ट्र के भीष्म पितामह शरद पवार में इतना दम-खम बचा है कि वे नवाब मलिक को खामोश रहने के लिए बोल सकें। वे भी यह अच्छी तरह से जानते हैं कि उनका दामाद समीर वानखेड़े के कारण जेल की हवा खा चुका है। समीर के वैवाहिक जीवन को लेकर उन पर कीचड़ उछाला जा रहा है। सबूत के बतौर दस्तावेज भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके बावजूद समीर के समर्थन में काफी लोग सामने आ गए हैं।

बॉलीवुड कितने दलदल में धंसा हुआ है, यह सभी जानते हैं। बॉलीवुड के लोग कई बार अपने असली चेहरे के साथ सामने आ चुके हैं। इसके भीतर की बजबजाती गंदगी से हर कोई वाकिफ है। लेकिन इस मामले में बॉलीवुड की लॉबी इस बार चालाक सिद्ध हुई है। पूरी इंडस्ट्री यही चाहती थी कि लोगों का ध्यान आर्यन मामले से भटकाया जाए। जब से आक्षेपबाजी शु्रू हुई है, तब से लोग केवल फड़नवीस वर्सेस नवाब मलिक में ही उलझे हुए हैं। इनका मामला ठंडा पड़ेगा, तो आर्यन का मामला फिर से सुर्खियों में आ जाएगा। इसलिए वाद-विवाद चलता रहे, यही बॉलीवुड चाहता है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इन दिनों अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं। इसलिए राज्य की तीन पार्टियों से बनी सरकार सकते में हैं, कोई कुछ बोलने को तैयार ही नहीं है। सभी फड़नवीस वर्सेस नवाब मलिक के बीच होने वाले टी-20 मैच के तमाशबीन हैं। इन दोनों की लड़ाई में महाराष्ट्र सरकार की छवि लगातार धूमिल होती जा रही है। कुछ लोग चाहते हैं कि इनके बीच का मामला सुलझ जाए, पर इसके लिए कौन आगे आएगा, यह सवाल सभी को मथ रहा है। सरकार के गृह मंत्री अनिल देशमुख जेल में हैं। सरकार अपने गृहमंत्री को नहीं बचा पाई, इसलिए पुलिस विभाग के कई उच्च अधिकारियों को नोटिस भेजे गए हैं। सरकार सांसत में है कि जब गृहमंत्री ही एक करोड़ रुपए के रिश्वत के मामले में फंस सकते हैं, तो बाकी मंत्रियों की क्या हालत होगी। अब तक समीर वानखेड़े के बचाव में शिवसेना ने भी कुछ नहीं कहा है। बॉलीवुड को बचाने वाला जो भी सामने आया, वह फंस गया है। अंडरवर्ल्ड की पकड़ महाराष्ट्र की राजनीति में कितनी है, यह साफ दिखाई दे रहा है।

मलिक और फड़नवीस के बीच चल रहे वाक युद्ध के दौरान कई और भी मामले सामने आएंगे, यह तय है। कई नए खुलासे भी हो सकते हैं। इसे शिवसेना और एनसीपी के नेता भी जानते हैं। इन्हें डर है कि यह वाक युद्ध कहीं महाराष्ट्र सरकार के लिए सुनामी साबित न हो जाए।

डॉ. महेश परिमल

 


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