मंगलवार, 21 फ़रवरी 2017
बाल कविता – सच्चा मित्र
कविता का अंश…
करो मित्र की मदद हमेशा, तन-मन, धन से खुश होकर,
उसको जो भी काम पड़े तो करो उसे पूरा हँसकर।
खाना हो जब पास तुम्हारे, उसे खिलाकर तुम खाओ,
फल मेवा हो या कि मिठाई, आपस में मिलकर खाओ।
बोझ उठाता हो जब साथी, तुम भी उसकी मदद करो,
पड़ जाए बीमार अगर वह, सेवा उसकी सदा करो।
साथी भी हर एक काम में, हँसकर हाथ बँटाएगा,
काम पड़ेगा कभी तुम्हें तो पूरा कर दिखलाएगा।
इस कविता का आनंद ऑडियो की मदद से लीजिए…
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दिव्य दृष्टि,
बाल कविता

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