सोमवार, 7 फ़रवरी 2011

तैयार हो जाएँ धन वर्षा के साक्षी होने के लिए



डॉ. महेश परिमल
पिछले 6 महीनों से देश की प्रजा महँगाई के नाम पर आँसू बहा रही है। महँगाई के समाचार दिखाते और छापते हुए मीडिया भी परेशान हो गया है। उनके प्रयासों से कर्मचारियों के न तो वेतन बढ़े और न ही महँगाई कम हुई। लेकिन इस सबसे ध्यान हटाने के लिए अब हम सबके सामने एक नया औजार आ रहा है। वह है आईपीएल का उत्सव। अगले महीने से शुरू होने वाले इस खेल कुंभ में करोड़ों रुपए के वारे-न्यारे होंगे। उसके बाद वर्ल्ड कप का शोर शुरू हो जाएगा। इस तरह से देश में क्रिकेट का बुखार बहुत ही जल्द शुरू होने वाला है। देश की जनता सब कुछ भूलकर क्रिकेट में रम जाएगी। इस दौरान हमारे खिलाड़ी कई तरह के प्रोडक्ट के लिए विज्ञापन करते नजर आएँगे। उनका गेटअप भी देखने लायक होगा। यानी सब कुछ भुला देने की तैयारी के साथ शुरू होने वाली है धन वर्षा, आपको इसका साक्षी बनने के लिए तैयार हो जाना चाहिए।
वर्ल्ड कप और आईपीएल के लिए जो तैयारी चल रही है, उसका अंदाजा इसी बात से लग जाता है कि विभिन्न कंपनियों द्वारा टीवी के लिए तैयार किए जाने वाले विज्ञापनों की राशि 1500 करोड़ होगी। क्रिकेटप्रेमियों के लिए आगामी तीन महीने तक भरपूर मनोरंजन का प्रबंध किया गया है। अगले महीने 19 फरवरी से शुरू होने वाले वर्ल्ड कप की धमाल शुरू हो जाएगी। उसके बाद 8 अप्रैल से आईपीएल का तमाशा शुरू हो जाएगा। हाल ही में ही आईपीएल 4 के लिए क्रिकेटरों की नीलामी के बाद ही सारे समीकरण बनने शुरू हो गए हैं। क्रिकेटरों के भाव पर पूरा दारोमदार है। वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम की घोषणा हो चुकी है। एक तरफ क्रिकेटर नेट प्रेक्टिस कर रहे होंगे, तो दूसरी तरफ वे विज्ञापनों की शूटिंग में व्यस्त होंगे। वर्ल्ड कप के दौरान एक तरफ क्रिकेटर मैदान में चौके-छक्के मार रहे होंगे, तो दूसरी तरफ उन्हें चमकाकर अपना उत्पाद बेचने वाली कंपनियों के विज्ञापन भी दिखाए जा रहे होंगे।
एक अंदाज के मुताबिक भारत एवं विदेशी कंपनियाँ वर्ल्ड कप और आईपीएल के दौरान टीवी के विज्ञापनों के पीछे करीब 1500 करोड़ रुपए खर्च कर रहीं हैं। आगामी 90 दिनों के दौरान विभिन्न उत्पादनों का प्रचार जाने-पहचाने क्रिकेटर करते दिखाई देंगे। इसके लिए लोकप्रिय क्रिकेटरों को मोटी राशि के साथ साइन भी कर लिया गया है। प्रचार माध्यमों की दृष्टि से यह सबसे बड़ी घटना होगी, क्योंकि वर्ल्ड कप और आईपीएल के दौरान युवाओं का अधिकांश समय टीवी के सामने ही गुजरेगा। संभवत: इन दिनों क्रिकेट का ओवरडोज भी हो जाए। कुछ भी हो, पर क्रिकेटरों की लोकप्रियता को भुनाने की पूरी तैयारी हो चुकी है। क्रिकेटर ने भी इस माध्यम से कमाई करनी शुरू कर दी है। विज्ञापन एजेंसियाँ खूब व्यस्त हैं। वे दिन-रात इस दिशा में काम कर रही हैं। इसके पहले सौरव और सचिन तेंदुलकर और शाहरुख खान जैसी हस्तियों को पेप्सी का ब्रांड एम्बेसेडर बनाया जा चुका है। इनकी उम्र अधिक हो गई, इसलिए पेप्सी ने इनसे किनारा कर लिया। अब उनके सामने हैं धोनी, सहवाग, और हरभजन सिंह जैसे क्रिकेटर और रणबीर कपूर जैसी फिल्मी हस्ती। ये लोग पेप्सी की पहली पसंद हैं। पेप्सी ने धोनी, हरभजन, सहवाग, सुरेश रैना और विराट कोहली को लेकर एक विज्ञापन बनाने वाली है। इस विज्ञापन में ये क्रिकेटर अपने शरीर पर वस्त्रों के बदले बॉडी पेंटिंग के साथ दिखाई देंगे। इस विज्ञापन में धोनी अपना प्रसिद्ध हेलीकाप्टर शॉट किस तरह खेलें, यह बताते हुए दिखाई देंगे। पेप्सी इस तरह के 5 विज्ञापन बना रही है।

सचिन तेंदुलकर रिनोल्ड और आइवा जैसी कंपनियों के ब्रांड एम्बेसेडर हैं। रिनोल्ड कंपनी ने वर्ल्ड कप के लिए सचिन को चमकाने वाला एक विशेष विज्ञापन की शूटिंग की है। इस विज्ञापन में सचिन की श्रेष्ठता और उनका अनुशासन को विशेष रूप से ध्यान में रखा गया है। इस विज्ञापन की टेग लाइन है आप जितना अधिक लिखेंगे, उतना अधिक याद रखेंगे।’ आइवा भी सचिन को लेकर बच्चों की शिक्षा के लिए बीमा पॉलिसी का विज्ञापन वर्ल्ड कप के लिए विशेष रूप से बना रही है। इस विज्ञापन में सचिन एक आदर्श पिता के रूप में दिखाई देंगे। फरवरी 2010 को ग्वालियर में वन डे में सचिन के दोहरे शतक के रिकॉर्ड को भुनाने के लिए कोका-कोला कंपनी ने उनसे करार किया है। इस कारण सचिन वर्ल्ड कप के दौरान कोका-कोला के विज्ञापनों में भी दिखाई देंगे।
जो क्रिकेटर अधिक सफल होता है, उसे अधिक विज्ञापन मिलते हैं। यहाँ सभी उगते सूरज को सलाम करते हैं। विफल क्रिकेटर टीम से निकाल दिए जाएँ, इसके पहले ही विज्ञापन कंपनियाँ उनसे किनारा कर लेती हैं। किसी भी क्रिकेटर के सफल होने की देर है कि उसके सामने विज्ञापन के लिए कांट्रेक्ट करने की होड़ लग जाती है। गौतम गंभीर ने केप टाउन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेलते हुए 92 रन बनाए, तो एमआरएफ कंपनी ने उन्हें साइन कर लिया। दक्षिण अफ्रीका से गौतम गंभीर जैसे ही लौटेंगे, वैसे ही एमआरएफ अपने विज्ञापन की शूटिंग शुरू कर देगी। इसके अलावा हमारे क्रिकेटर ठंडे पेय पदार्थो, सीमेंट, रियल एस्टेट, घड़ी और शराब के विज्ञापनों के लिए काम कर रहे हैं। हरभजन ने हाल ही में एक प्रसिद्ध शराब कंपनी में विज्ञापन करने के लिए कांटेक्ट साइन किए हैं।
आईपीएल और वर्ल्ड कप के मद्देनजर कुछ प्रसिद्ध कंपनियों ने विज्ञापनों के लिए खास बजट तैयार किया है। अनिल धीरुभाई अंबानी ग्रुप की रिलायंस इंडीकॉम कंपनी ने टीवी के विज्ञापनों के लिए 50 करोड़ का बजट तैयार किया है। वर्ल्ड कप के लिए पहले से स्लॉट खरीदना भी कई बार महँगा साबित होता है। यदि मैच के दौरान भारतीय टीम खेल रही हो, तो विज्ञापनों का रुपया वसूल हो जाता है। पर भारतीय टीम पहले ही दौर में बाहर हो गई, तो गई भैंस पानी में। 2007 में ऐसा ही हुआ था। वेस्ट इंडीज में भारतीय टीम पहले ही बाहर हो गई थी, इसलिए जिसने भी पहले से विज्ञापनों का स्लॉट बुक करवाया था, वह घाटे में रहा। कई कंपनियाँ तो बुक किए गए विज्ञापनों को रद्द करवाकर रिफंड माँगने के लिए भी दौड़ पड़ी थी।
इलेक्ट्रानिक्स का सामान बनाने वाली कोरियन कंपनी एल जी वर्ल्ड कप के दौरान भारत जल्द ही बाहर फिंक जाए, इसका खतरा उठाने को तैयार नहीं है। इस कारण उसने वर्ल्ड कप के दौरान विज्ञापनों का एक भी स्लॉट बुक नहीं करवाया है। एलजी वर्ल्ड कप का आयोजन करनेवाली कंपनी आईसीसी की ग्राउंड पार्टनर है। इस कारण जिस स्टेडियम में वर्ल्ड कप का मैच खेला जाएगा, वहाँ एलजी कंपनी के साइन बोर्ड देखने को मिलेंगे। देश की सबसे बड़ी मीडिया एजेंसी ‘ग्रुप एम’ द्वारा व्यक्त की गई संभावना के अनुसार भारत और विदेशी कंपनियाँ वर्ल्ड कप के दौरान 750 करोड़ रुपए और आईपीएल -4 के दौरान करीब उतने ही धन के विज्ञापन दिखाएँगी। दर्शकों की संख्या के लिहाज से देखा जाए, तो आईपीएल देखने वाले युवा अधिक हैं। यह अधिक लाभदायक है। पर स्टेटस की दृष्टि से देखें, तो वर्ल्ड कप का स्कोर बढ़ जाता है। इसलिए इस दौरान दर्शकों को सबसे अधिक पेप्सी और हीरो होंडा के विज्ञापन देखने को मिलेंगे। इसके अलावा सोनी और नोकिया कंपनी भी अपनी रणनीति बनाने में लगी हैं। सेट मेक्स पर आईपीएल-4 के 80 प्रतिशत प्रायोजकों में हुंडाई, वोडाफोन, केडबरी आदि सात कंपनियों का समावेश होता है।

वर्ल्ड कप की सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि 80 प्रतिशत मैचों में भारत की टीम रहेगी ही नहीं। जिस मैंच में भारत की टीम नहीं खेलेगी,उसमें भारत के दर्शकों की दिलचस्पी कम ही होती है। इस कारण इन मैचों में भारत में व्यापार करने वाली कंपनी अपने विज्ञापनों देने के लिए तुरंत तैयार नहीं होती। इसके बाद भी यदि भारतीय टीम सेमी फाइनल और फाइनल तक नहीं पहुँच पा रहीं हैं, तो उसमें भी टीआरपी कम हो जाती है। इन कंपनियों की ईश्वर से यही प्रार्थना है कि भारतीय टीम फाइनल तक पहुँच जाए। भारतीय टीम का प्रदर्शन यदि ठीक नही हुआ, तो सबसे बड़ा झटका इन कंपनियों को लगेगा।
इन मैचों को देखते हुए अनेक कंपनियों ने अपने विशेष उत्पाद बाजार में लाने को तैयार हैं। बिग बाजार कंपनी द्वारा वर्ल्ड कप को ध्यान में रखते हुए साबुन और टूथपेस्ट की विशेष ब्रांड लांच करने की तैयारी कर रही है। इन सभी उत्पादों में उनके ब्रांड एम्बेसेडर सचिन तेंदुलकर दिखाई देंगे।अंत में एक बात, कार्ल मार्क्‍स ने धर्म को अफीम बताया है। पर यदि आज वे जीवित होते, तो निश्चित ही उन्हें अपने विचार बदलने पड़ते। वे क्रिकेट को ही अफीम की संज्ञा देते। क्योंकि पिछले 6 महीनों से भारतीय जनता महँगाई के बोझ तले इतना अधिक दब गई है कि उसकी आवाज ही नहीं निकल रही है। अब यदि मैदान में सचिन छक्का मारते हैं, धोनी चौका मारते हैं, तो भारतीय जनता अपना दु:ख भूलकर उस खुशी में शामिल हो जाएगी। भारत दर्शक भी अब परिवर्तन चाहते हैं, इसलिए उनके लिए तैयार है आईपीएल और वर्ल्ड कप की जाजम। जिस पर चलकर उन्हें विज्ञापन कंपनियों को पुनर्जीवित करना है।
डॉ. महेश परिमल

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