मंगलवार, 9 अगस्त 2011
भारी पड़ सकता है वीभत्स एसएमएस भेजना
डॉ. महेश परिमल
आजकल मोबाइल के माध्यम से वीभत्स क्लिपिंग और एसएमएस-एमएमएस भेजना आसान हो गया है। थोडे समय की मस्ती के लिए ये भले ही मजाक हो, पर यह मजाब भारी पड़ सकता है। इसके लिए कानूनी रूप से सजा का भी प्रावधान है। पर अभी हमारे देश में जागरुकता की कमी के कारण ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है। वीभत्स क्लिपिंग और एसएमएस की शिकार अधिकांश छात्राएँ या महिलाएँ ही होती हैं, जो लोकलाज के भय से सामने नहीं आतीं। इसलिए कई मामले दब जाते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। पुलिस इस दिशा में गंभीर हो गई है। इस मामले में दोषी पाए जाने पर पहली बार में 5 साल की जेल और एक लाख का जुर्माना और दूसरी बार में 10 साल की जेल और दो लाख का जुर्माना होगा। इसलिए अब आज के युवाओं को इस दिशा में सतर्क हो जाना चाहिए।
आज के युवा ‘सेक्सेटिंग’ से शायद वाकिफ न हो, पर यह सच है कि युवा इसके जाल में उलझते जा रहे हैं। ‘सेक्सेटिंग’ यानी सेक्स के ओवरटोन वाले एसएमएस-एमएमएस और ई मेल पिछले कुछ सालों से हमारे देश में काफी प्रचलित हो गए हैं। अमेरिका में जब इसकी शुरुआत हुई थी, तब इसमें दोषी पाए जाने वालों को कड़ी सजा होती थी। इसके बाद भी यह प्रदूषण वहाँ फैलता ही जा रहा है। इस पर अमेरिकन एकेडमी आफ पिडीयाट्रिक्स को अधिकृत रूप से ‘सेक्सेटिंग’ की व्याख्या करनी पड़ी। इस व्याख्या के अनुसार ‘सेक्सेटिंग’ यानी सेक्स से भरे संदेश सेलफोन, कंप्यूटर या फिर अन्य किसी डिजीटल माध्यम से भेजना, प्राप्त करना या फारवर्ड करना। कुछ समय पहले एक अमेरिका के एक कांग्रेसी एंथोनी वेनर ने ऑनलाइन माध्यम का इस्तेमाल करते हुए कुछ उत्तेजक चित्र 6 महिलाओं को भेजा। यह मामला इतना अधिक तूल पकड़ा कि आखिर में उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। यह समस्या लगातार बढ़ रही है, आखिर क्या है इसका कारण?
इस पर एक मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि वास्तव में जब मस्तिष्क में सेक्स के विचार अपना कब्जा पूरी तरह से जमा लेते हैं, तब व्यक्ति सेक्स जैसी हरकतें करना शुरू कर देता है। जिस व्यक्ति के दिमाग में हमेशा सेक्स रहता है, उसके बाद इसके अलावा कोई विकल्प होता ही नहीं। तब वे सेक्सेटिंग जैसी प्रवृत्ति के लिए आकर्षित होता है। दूसरी तरफ अश्लील संदेश भेजते समय वह एक तरह की खुशी या पॉवर का अनुभव करता है। जो लोग उसके संदेश पढ़कर दु:खी होते हैं, तो उसे और दु:खी करके वह खुशी प्राप्त करता है। यह एक विकट स्थिति है। अपनी कुंठित भावनाओं को इस तरह से व्यक्त करने वाला और दूसरों की पीड़ा से खुशी प्राप्त करने वाला व्यक्ति समाज के लिए भी घातक हो सकता है। सेक्सटिंग की इस समस्या पर शोध करने वाली एक संस्था के प्रमुख का मानना है कि मोबाइल फोन के आने से यह समस्या अब विकराल रूप धारण करने लगी है। वीभत्स संदेश पढ़-पढ़कर और बार-बार फारवर्ड करने युवाओं का नैतिक पतन हो रहा है। कई युवा जब ऐसी हरकतें करते हुए पकड़े जाते हैं, तो उन्हें शर्म नहीं आती। उन्हें पता होता है कि वे इस तरह का अपराध कर रहे हैं। इसके समाधान के लिए युवाओं का मानसिक इलाज करवाना चाहिए। घर के बुजुर्गो को इस बात का खयाल रखना होगा कि घर का युवा सदस्य कहीं वीभत्स संदेश के आदान-प्रदानके जाल में तो नहीं उलझ गया है?
सेक्सटिंग अपराध के बारे में बात करते हुए मुंबई हाईकोर्ट में प्रेक्टिस करने वाले एक वकील का कहना है कि भारत देश का समावेश ऐसे देशों में होता है जहाँ सेक्सटिंग करने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है। फोन या इंटरनेट के माध्यम से अश्लील संदेश भेजने वाले व्यक्ति को लंबे समय तक जेल की सजा हो सकती है। भारतीय दंड संहिता में महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी अनेक प्रावधान हैं। इसके तहत सेक्सटिंग के माध्यम से यदि कोई महिला इसका शिकार होती है, तो उसे खुलकर पुलिस की सहायता लेनी चाहिए। ताकि अन्य महिलाएँ भी इससे प्रेरणा ले सके। इसका दूसरा पहलू यह है कि सेक्सटिंग के मामले में अभी तक कानून ही बन पाया है, इसका सख्ती से पालन नहीं हो पा रहा है। सरकार चाहे तो इस दिशा में सक्रियता दिखाते हुए कानून को सख्त बनाए और इसे अमल में लाने के तमाम उपाय करे। इसके लिए एक ईमानदार प्रयास आवश्यक है, ताकि देश में महिलाओं की सुरक्षा हो सके। देश की महिला सांसद भी इस दिशा में रुचि लें, तो कानून के अमल में तेजी आ सकती है।
सेक्सेटिंग की रोकथाम के लिए कानून
आईटी एक्ट के तहत कानून 67 धारा के अनुसार जो व्यक्ति अश्लील या वीभत्स जानकारी प्रकाशित करता है या किसी को भेजता है, तो आरोप सिद्ध होने पर उसे 5 वर्ष की जेल और एक लाख रुपए जुर्माना हो सकता है। यदि यह अपराध वह दोबारा करता है, तो उसे दस वर्ष की जेल और दो लाख रुपए जुर्माना हो सकता है। इसके अलावा पुलिस मामले को देखते हुए धारा 509 के तहत आरोपी की धरपकड़ करती है, तो उसे दो से 7 साल तक की कैद की सजा का प्रावधान कर सकती है। इसके दायरे में सामान्य व्यक्ति से लेकर सेलिब्रिटी भी आते हैं। कई बार ऐसा होता है कि सामान्य व्यक्ति के अलावा सेलिब्रिटी भी सेक्सटिंग इसका शिकार हो सकते हैं। मार्च 2008 में दिल्ली के एक बी.कॉम के छात्र ने अभिनेत्री सुष्मिता सेन को वल्गर एसएमएस भेजने के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था। इसके पहले फरवरी 2007 में फीलांस मीडिया पर्सन को नवोदित अभिनेत्रियों को डांसरों के वीभत्स मेसेज भेजन के आरोप में पकड़ा था। 2007 में ही अभिनेत्री नगमा ने बांद्रा पुलिस स्टेशन में एफआईआर में कहा था कि काई अनजाना व्यक्ति उसे धमकी भरे और अश्लील एसएमएस भेज रहा है। आश्चर्य इस बात का है कि अभी तक इन मामलों का निबटारा नहीं हुआ है। सभी प्रकरण ट्रायल कोर्ट में हैं।
डॉ. महेश परिमल
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आज का सच
जीवन यात्रा जून 1957 से. भोपाल में रहने वाला, छत्तीसगढ़िया गुजराती. हिन्दी में एमए और भाषा विज्ञान में पीएच.डी. 1980 से पत्रकारिता और साहित्य से जुड़ाव. अब तक देश भर के समाचार पत्रों में करीब 2000 समसामयिक आलेखों व ललित निबंधों का प्रकाशन. आकाशवाणी से 50 फ़ीचर का प्रसारण जिसमें कुछ पुरस्कृत भी. शालेय और विश्वविद्यालय स्तर पर लेखन और अध्यापन. धारावाहिक ‘चाचा चौधरी’ के लिए अंशकालीन पटकथा लेखन. हिन्दी गुजराती के अलावा छत्तीसगढ़ी, उड़िया, बँगला और पंजाबी भाषा का ज्ञान. संप्रति स्वतंत्र पत्रकार।
संपर्क:
डॉ. महेश परिमल, टी-3, 204 सागर लेक व्यू होम्स, वृंदावन नगर, अयोघ्या बायपास, भोपाल. 462022.
ईमेल -
parimalmahesh@gmail.com
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