शुक्रवार, 2 अप्रैल 2021

गीत - जहाँ सबसे सुन्दर रंग श्याम - कवि - जयकृष्ण राय तुषार

जहाँ वंशी गूँजे हर शाम |
किशोरी जी का जो छवि धाम 
जहाँ पर कृष्ण रूप में राम !
वही है वृन्दावन का धाम |

जहाँ भगवान भक्त के दास 
सूर ,वल्लभ ,स्वामी हरिदास ,
जहाँ राजा से रंक का मेल 
सुदामा कृष्ण का सुंदर खेल ,
जहाँ यमुना का क्रीड़ाधाम 
वही है वृन्दावन का धाम |

जहाँ बस प्रेम है द्वेष न राग 
जहाँ हर मौसम होली ,फाग ,
जहाँ फूलों में इत्र सुवास 
जहाँ उद्धव जी का परिहास ,
जहाँ संतो का सुख हरिनाम 
वही है वृन्दावन का धाम |

जहाँ गीता का अमृत पान 
गोपियों का नर्तन -मधु गान ,
जहाँ मिट जाते दुःख -संताप 
पुण्य का उदय ,अस्त हो पाप ,
है जिसके वश में माया ,काम 
वही है वृंदावन का धाम |

जहाँ गिरि गोवर्धन का मान 
इन्द्र का टूटा था अभिमान ,
जहाँ गायों का पालनहार 
जहाँ भक्तों के मोक्ष का द्वार 
जहाँ सबसे सुन्दर रंग श्याम
वही है वृन्दावन का धाम |


कवि -जयकृष्ण राय तुषार 
इस कविता का आनंद लीजिए, ऑडियो की सहायता से...


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