बुधवार, 8 जून 2011

ई तो ‘एब्सर्ड’ रामलीला है........

भ्रष्टाचार की लंका ढाने
विदूषकों के झुंड लड़े
रावण बैठा मौज करे
ये कैसी रामलीला रे.......

कहीं ट्विटर का ‘सुंदर’ कांड
कहीं डंडे का ‘युद्ध’कांड
‘प्रश्न’ वहीं के वहीं खड़े
रावण बैठा मौज करे
ये कैसी रामलीला रे....

सीताहरण नहीं लक्ष्मीहरण
लक्ष्मण रेखा भी कैसी?
छोटा चोर जेल जाए
बड़े चोर को ए.सी.
रावण बैठा मौज करे
ये कैसी रामलीला रे.....

कभी दुबई-मॉरिशस में
कभी स्वीस बैंक में ढूँढते हैं
अरे! लंका खड़ी है दिल्ली में
जहाँ सभी कुंभकरण से सोते हैं
रावण बैठा मौज करे
ये कैसी रामलीला रे.......

युद्ध भी कितना भीषण
जहाँ मीडिया ढूँढे विभीषण
वार्ताकार भी चार मिले
चारों रावण के मुखौटे
नौटंकी ये गजब चली
हर भांड राम का रोल करे
अंजनिपुत्र पश्चाताप में
हमारे राम खोय किस वन में?
रावण क्यों न मौज करे
ई तो ‘एब्सर्ड’ रामलीला है........

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