सोमवार, 21 मई 2012

शाहरुख कानून से ऊपर तो नहीं....

 डॉ. महेश परिमल
इन दिनों अभिनेता शाहरुख चर्चा में हैं। जब से आईपीएल शुरू हुआ है, तब से न जाने क्यों वे स्वयं को कानून से ऊपर मानने लगे हैं। एक ओर यही शाहरुख अमेरिका में इमिग्रेशन विभाग द्वारा किए गए अपमान को आसानी से पचा जाते हैं, वही दूसरी ओर वे देश के कानून को तोड़ने में भी संकोच नहीं करते। आखिर इसका कारण क्या है? जब हमारे देश का संविधान तैयार किया गया, तब सभी को कानून की दृष्टि से समान माना गया है। पर वास्तव में ऐसा नहीं है। आज भी कई लोगों के लिए कानून हाथ का खिलौना मात्र है, तो कई लोगों को पूरी जिंदगी घुट-घुटकर जीने के लिए विवश करता है। राज्य सभा में अब तक न जाने कितने लोगों ने शपथ ली गई होगी, पर रेखा ने जब शपथ ली, तब कैमरा पूरे समय तक उन्हीं पर फोकस रहा। इसके पहले इस तरह से किसी भी सदस्य को तरजीह नहीं मिली। शाहरुख खान ने दो दशक तक फिल्मी दुनिया में बेताज बादशाह के रूप में राज किया है। अब नए सितारे आगे आने लगे हैं। इस कारण बालीवुड का यह बादशाह उलझन में है। वह असुरक्षा की भावना से ग्रस्त हो गए हैं। इस कारण उसे बार-बार गुस्सा आ रहा है। उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि वे 24/7 लाइव टीवी के जमाने में जी रहे हैं। उनकी छोटी-सी भी हरकत या भूल मीडिया के लिए कई घंटों की खुराक बन सकता है। जिस मीडिया ने शाहरुख को बनाया है, वही उसे खत्म भी कर सकता है। अतएव उन्हें 24/7 से सावधान रहना चहिए और अपने व्यवहार को नियंत्रण में करना होगा।
आजकल विवाद शाहरुख का पीछा नहीं कर रहा है, बल्कि शाहरुख ही विवादों को आमंत्रण दे रहे हैं। बुधवार की रात को वानखेड़े स्टेडियम में जो कुछ हुआ, वह उनके द्वारा परिश्रम से तैयार की गई इमेज के बिलकुल ही अलग था। देखा जाए तो शाहरुख खान के दो रूप हैं। एक है परफेक्ट एंटरटेइटर, परफेक्ट हसबेंड, परफेक्ट पेरेंट और परफेक्ट देशभक्त है। जो देश के कानून का पूरी गंभीरता के साथ पालन करता है। उनका दूसरा रूप है एक घमंडी, असुरक्षा की भावना से ग्रस्त, धूम्रपान के शौकीन इंसान हैं। वे इंसान की सभी कमजोरियों से भरे हुए हैं। शाहरुख खान के करोड़ों प्रशंसक उनके पहले रूप से परिचित हैं, इसलिए उन्हें पूजते हैं। पर जब उन्हें असली शाहरुख खान के दर्शन हो जाते हैं, तो वे हताश हो जाते हैं। शाहरुख खान अपनी सेलिब्रिटी स्टेटस के आवेश में देश के कानून की परवाह नहीं करते। इसका उदाहरण जयपुर में ही पिछले महीने आयोजित आईपीएल के मैच के दौरान ही मिल गया था। राजस्थान में सन् 2000 से ही यह कानून लागू है कि वहाँ सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने पर पाबंदी है। इस नियम को जानते हुए भी उन्होंने मैच के दौरान स्टेडियम में बिंदास होकर धूम्रपान किया। उन्हें ऐसा करते हुए उनके करोड़ों प्रशंसकों ने देखा भी। उन्हें मालूम था कि वे टीवी के कैमरे में कैद हो सकते हैं, परंतु उन्होंने इसकी परवाह नहीं की। उनकी इस हरकत को देखकर नाराज हुए वकील नेमसिंह ने जयपुर की अदालत का दरवाजा खटखटाया। इस आधार पर शाहरुख खान को अदालत में हाजिर होने का समंस भेजा गया। कुछ समय पहले ही शाहरुख अमेरिका के प्रवास पर थे। वहाँ उन्हें येल विश्वविद्यालय में भाषण करना था। उन्हें विश्वविद्यालय ने ही बुलाया था। अमेरिका पहुंचकर हवाई अड्डे पर इमिग्रेशन विभाग के अधिकारियों ने उन्हें पूछताछ के नाम पर दो घंटे तक रोके रखा। उस समय उन्होंने थोड़ा सा भी विरोध नहीं किया। अधिकािरयों के सारे नखरों को वे सहन करते रहे। उसके बाद वे येल विश्वविद्यालय पहुंचे। वहाँ उन्होंने अपने भाषण में इमिग्रेशन अधिकािरयों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब भी मेरे भीतर घमंड भर जाता है, तो मैं अमेरिका चला आता हूं, क्योंकि यहां आकर मेरा घमंड इमिग्रेशन के अधिकारी उतार देते हैं। यहां शाहरुख अमेरिका के कड़े कानून का आदर करते हैं, पर भारत के कानून की परवाह नहीं करते। यह हमें वानखेड़ेक में हुई घटना से समझ में आ जाता है।
शाहरुख खन की तरह अधिकांश फिल्मी सितारे स्वयं को कानून से ऊपर ही मानते हैं। सलमान खान ‘हम साथ-साथ हैं’की शूटिंग करने राजस्थान गए थे, वहाँ केवल मौज-मस्ती की खातिर उन्होंने काले हिरण का शिकार किया। राजस्थान में वन्य प्राणियों के लिए अपनी जान दाँव पर लगाने वाले विश्नोई समुदाय के लोगों ने उस पर मुकदमा ठोंक दिया। जो अभी तक चल रहा है। इसी तरह एक बार बांदरा की सड़क पर लापरवाही पूर्ण तरीके से कार चलाते हुए फुटपाथ पर सोए कई लोगों को कुचल दिया था। ये मामला भी अभी चल रहा है। सैफ अली खान द्वारा होटल में किए गए अभद्र व्यवहार का मामला भी अभी ताजा ही है। जब वे करीना और कई मित्रों के साथ एक आलीशान होटल गए थे। वहाँ वे जोर-शोर से बातचीत कर रहे थे। इससे वहाँ भोजन करने आए कई लोगों को बुरा लगा। उनकी शांति में खलल पड़ने लगा। इस दौरान होटल के मैनेजर ने उन्हें शांत कराया। कुछ समय बाद फिर वही शोर-गुल शुरू हो गया। ऐसे में एक व्यक्ति ने अपनी जगह बदलने की गुजारिश मैनेजर से की। सैफ को यह नागवार गुजरा। उन्होंने उक्त ग्राहक के वृद्ध पिता की पिटाई कर दी। मामला पुलिस स्टेशन पहुँच गया। तब घबराए हुए सैफ ने माफी मांगकर समाधान किया। सैफ ही नहीं, सभी सितारे यह मानते हैंकि वे सार्वजनिक स्थलों पर लोग उनकी सभी हरकतों को झेल लेंगे। शाहरुख और फराह खान के बची अनेक वर्षो से गाढ़ी मित्रता थी। फराह खान के पति शिरीष कुंदर को यह पसंद नहीं था। इस कारण फराह ने शाहरुख से अपनी दोस्ती छोड़ दी। ऐसा शाहरुख सोचते थे। इसलिए शिरीष कुंदर के प्रति वे कटुता रखते थे। यह कटुता खुन्नस में उस वक्त बदल गई, जब एक पार्टी में वे शराब पीकर कुंदर से भिड़ गए। शाहरुख ने कुंदर की खूब पिटाई कर दी। उस समय वहाँ पत्रकार भी थे, इसलिए मामले ने तूल पकड़ लिया। दूसरे दिन अखबारों और टीवी में इस घटना को हाईलाइट किया गया, तब शाहरुख को लगा कि उनसे गलती हो गई है। बस फिर क्या था, उन्होंने कुंदर से माफी मांग ली। जब भी शाहरुख अपने असली स्वभाव में आ जाते हैं, तब वे विवादों में उलझ जाते हैं और मारपीट करने लगते हैं। पर जैसे ही उन्हें यह खयाल आता है कि वे एक सेलिब्रिटी भी हें, तो वे माफी मांग लेते हैं। उनके माफी माँगने के पीछे का कारण यह है कि यदि मीडिया में उनकी छवि को थोड़ा सा भी नुकसान होता है, तो करोड़ों का नुकसान हो सकता है। शाहरुख इमामी, हुंडई और डीश टीवी जैसे ब्रांडो के एम्बेसेडर हैं। इन कंपनियों से उन्हें हर वर्ष सा से आठ करोड़ रुपए मिलते हैं। इस सभी ब्रांड में शाहरुख खान एक संवेदनशील, इंटेलिजेंट और भारतीय संविधान का सम्मान करने वाला बताया गया है। यदि उनके सार्वजनिक जीवन में इस तरह की घटनाएं होती हैं, तो उनकी इमेज बिगड़ सकती है। अब यह लोगों को समझ में आने लगा है कि शाहरुख का स्वभाव लगातार चिड़चिड़ा होता जा रहा है। वे छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा होने लगे हैं। वे अपने आप को कानून से ऊपर मानने लगे हैं। सभा-समारोहों में उन्हें कैसा व्यवहार करना चाहिए, ये उन्हें शायद नहीं पता। यदि शाहरुख इसी तरह अपनी इमेज बिगाड़ते रहें, तो ब्रांड एम्बेसेडर की कमाई से वंचित हो सकते हैं।
 भारत के युवा किसका सम्मान सबसे अधिक करते हैं, इस पर ब्रांड इक्विटी नामक मैगजीन ने एक सर्वे किया। जिससे पता चलता है कि यूथ आइकोन के रूप में सचिन तेंदुलकर और सलमान खान के बाद शाहरुख खान को पसंद करते हैं। हाल ही में एक सर्वेक्षण से यह पता चलता है कि सचिन, सहवाग और धोनी को आईपीएल में बेशुमार काला धन मिला है। सलमान खान अपने क्रुद्ध व्यवहार, लापरवाही पूर्ण तरीके से वाहन चालन और कानून को तोड़ने की आदत के कारण खबरों की सुर्खियां बनते रहे हैं। एक समय ऐसा भी था, जब लोग सुभाषचंद्र बोस, भगतसिंह और खुदीराम बोस को अपना आदर्श मानते थे। अब लोग सलमान और शाहरुख की पूजा करने लगे हैं। इसका कारण यह है कि आज के युवा फिल्मी सितारों की रील लाइफ से इतने अधिक प्रभावित होने लगे हैं कि उनकी रियल लाइफ की सच्चई को स्वीकारने को तैयार ही नहीं हैं। शाहरुख खान के प्रशंसक यह दलील कर सकते हैं कि देश में लाखों लोग सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीते हैं, सिगरेट पीते हैं, तो उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती। मीडिया वाले उसी के पीछे क्यों पड़े रहते हैं? इसका कारण यही है कि हमारे देश में फिल्मी कलाकार एक अलग ही स्थान रखते हैं। करोड़ो युवा उनकी नकल कर स्वयं को गौरवशाली समझते हैं। उनकी लाइफ स्टाइल से करोड़ों लोगों का जीवन प्रभावित हो सकता है। इस कारण उन्हें यह विशेषाधिकार मिल जाता है, इससे उनकी जवाबदारी भी बढ़ जाती है। यदि उनका व्यवहार अभद्र हुआ, तो युवा उनकी इस आदत को भी अपने जीवन में शुमार कर लेंगे। इसलिए सेलिब्रिटी का असभ्य व्यवहार कई लोगों को इसके लिए प्रेरित करता है। शाहरुख के इसी व्यवहार के कारण यदि वानखेड़े स्टेडियम में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाता है, तो इसकी प्रशंसा ही करनी होगी। सेलिब्रिटी यह समझ लें कि उनका जीवन केवल उन्हीं का जीवन नहीं है। वे प्रेरणा होते हैं, वे देश की शान होते हैं, उनका व्यवहार बच्चों को संस्कार देने के काम आता है। इसलिए वे निजी जीवन में भी शालीनता बरतें, तो उनके बच्चों ही नहीं देश के मासूमों में भी एक नई ऊर्जा का संचार करने में सहायक सिद्ध होगा।
   डॉ. महेश परिमल

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