गुरुवार, 1 जनवरी 2009
एक साल में कई बार आता है नया साल
नया साल यानी नई खुशियां, नई उमंगें, नई उम्मीदें और जश्न मनाने का मौका। लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि एक ंवर्ष में नया साल मनाने का मौका कई बार आता हैं। तो नए साल के मौके पर अपना थोड़ा उत्साह बचाकर रखें। आखिर पूरे साल में जश्न मनाने का यह इकलौता मौका थोड़े ही है।
एक जनवरी को मनाया जाने वाला नववर्ष ग्रिगोरियन कैलेंडर पर आधारित है। दुनिया भर में प्रचलित इस कैलेंडर को पोप ग्रेगोरी अष्टम ने 1582 में तैयार किया था। वहीं ईस्टर्न आर्थोडाक्स चर्च रोमन कैलेंडर को मानता है। इस कैलेंडर के अनुसार नया साल 14 जनवरी को मनाया जाता है। यही वजह है कि आर्थोडाक्स चर्च को मानने वाले देशों रूस, जार्जिया, इजरायल और सर्बिया में नया साल 14 जनवरी को भी मनाया जाता है। इस्लाम के कैलेंडर को हिजरी साल कहते हैं। इसका नववर्ष मोहर्रम माह के पहले दिन होता है।
इस कैलेंडर के मुताबिक नया साल आठ जनवरी को मनाया जाएगा। हिजरी कैलेंडर के बारे में दिलचस्प बात यह है कि इसमें दिनों का संयोजन चंद्रमा की चाल के अनुसार नहीं होता। लिहाजा इसके महीने हर साल करीब 10 दिन पीछे खिसक जाते हैं। इसी तरह चीन का भी अपना अलग कैलेंडर है। जो चंद्र गणना पर आधारित है, इसके मुताबिक चीनियों का नया साल 21 जनवरी से 21 फरवरी के बीच पड़ता है।
भारत भी कैलेंडरों के मामले में कम समृद्ध नहीं हैं। भारत में फिलहाल विक्रम संवत, शक संवत, बौद्ध और जैन संवत, तेलगु संवत प्रचलित हैं। इनमें हर एक का अपना नया साल होता है। देश में सर्वाधिक प्रचलित विक्रम और शक संवत हैं। विक्रम संवत को सम्राट विक्रमादित्य ने शकों को पराजित करने की खुशी में 57 ईसा पूर्व शुरू किया था। विक्रम संवत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होता है। इस दिन गुड़ी पड़वा और उगादी के रूप में भारत के विभिन्न हिस्सों में नव वर्ष मनाया जाता है।
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अभिमत
जीवन यात्रा जून 1957 से. भोपाल में रहने वाला, छत्तीसगढ़िया गुजराती. हिन्दी में एमए और भाषा विज्ञान में पीएच.डी. 1980 से पत्रकारिता और साहित्य से जुड़ाव. अब तक देश भर के समाचार पत्रों में करीब 2000 समसामयिक आलेखों व ललित निबंधों का प्रकाशन. आकाशवाणी से 50 फ़ीचर का प्रसारण जिसमें कुछ पुरस्कृत भी. शालेय और विश्वविद्यालय स्तर पर लेखन और अध्यापन. धारावाहिक ‘चाचा चौधरी’ के लिए अंशकालीन पटकथा लेखन. हिन्दी गुजराती के अलावा छत्तीसगढ़ी, उड़िया, बँगला और पंजाबी भाषा का ज्ञान. संप्रति स्वतंत्र पत्रकार।
संपर्क:
डॉ. महेश परिमल, टी-3, 204 सागर लेक व्यू होम्स, वृंदावन नगर, अयोघ्या बायपास, भोपाल. 462022.
ईमेल -
parimalmahesh@gmail.com
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आप पूरी दुनिया छान कर लौटें तो बताएंगे कि हर दिन कहीं न कहीं नया साल होता है। कवि गुलकंद जी साल में अनेक बार जन्म दिन मनाते थे। जिस दिन मौज आ जाए वही उन का जन्मदिन।
जवाब देंहटाएंमुहर्रम का माह 30 दिसम्बर को ही शुरू हो चुका है और 8 जनवरी को मुहर्रंम के महीने की 10 तारीख को मुहर्रम मनाया जाएगा।
नव वर्ष पर बहुत बहुत शुभकामनाएँ।