मंगलवार, 17 मार्च 2009
काल और देश की सीमा से परे ओमपुरी
जन्मदिन- 18 अक्टूबर, 1950
जन्मस्थान- अंबाला,पंजाब
कद- 5 फुट 10 इंच
ओमपुरी भारतीय सिनेमा के कालजयी अभिनेताओं की सूची में शुमार हैं। उनके अभिनय का हर अंदाज दर्शकों को प्रभावित करता है। रूपहले पर्दे पर जब, उनका हंसता-मुस्कुराता चेहरा दिखता है तो दर्शकों को भी अपनी खुशियों का अहसास होता है और उनके दर्द में दर्शक भी दु:खी होते हैं।
ओमपुरी हिंदी फिल्मी दर्शकों के चहेते हैं। उनके अभिनय का हर अंदाज दर्शकों को भाता है। हिंदी फिल्मों में लगभग चार दशकों तक अपनी प्रभावी उपस्थिति से दर्शकों का आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं ओमपुरी। नई पीढ़ी के अभिनेताओं की मौजूदगी में भी अपने परिपक्व अभिनय की छाप छोड़ रहे ओमपुरी के अभिनय के प्रशंसक केवल भारत तक ही सीमित नहीं हैं। श्याम बेनेगल और गोविंद निहलानी जैसे दिग्गज निर्देशकों के प्रिय ओमपुरी नई पीढ़ी के अभिनेताओं के प्रेरणा-स्रोत हैं। उनके सान्निध्य में कई युवा अभिनेताओं ने अपनी अभिनय-प्रतिभा को निखारा है, संवारा है। नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से अभिनय का औपचारिक प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ओमपुरी ने हिंदी फिल्मों का रूख किया। घासीराम कोतवाल में वे पहली बार हिंदी फिल्मी दर्शकों से रू-ब-रू हुए। घासीराम की संवेदनशील भूमिका में अपनी अभिनय-क्षमता का प्रभावी परिचय ओमपुरी ने दिया और धीरे-धीरे वे मुख्य धारा की फिल्मों से अलग समानांतर फिल्मों के सर्वाधिक लोकप्रिय अभिनेता के रूप में उभरने लगे। उनकी छवि धीर-गंभीर अभिनेता की बन गई। प्रयोगात्मक सिनेमा के दौर में ओमपुरी का अभिनय दर्शकों को खूब भाने लगा। भवनी भवई,स्पर्श,मंडी,आक्रोश,शोध जैसी फिल्मों में ओमपुरी के सधे हुए अभिनय का जादू दर्शकों के सिर चढ़कर बोला, पर उनके फिल्मी सफर में मील का पत्थर साबित हुई, अर्द्धसत्य। अर्द्धसत्य में युवा,जुझारू और आंदोलनकारी पुलिस ऑफिसर की भूमिका में वे बेहद जंचे।
धीरे-धीरे ओमपुरी समानांतर सिनेमा की जरूरत बन गए। समानांतर सिनेमा जगत में अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराने के साथ-साथ ओमपुरी ने मुख्य धारा की फिल्मों का भी रूख किया। कभी नायक कभी खलनायक तो कभी चरित्र अभिनेता और हास्य अभिनेता के रूप में वे हर दर्शक वर्ग से रू-ब-रू हुए। धीरे-धीरे ओमपुरी के अभिनय के विविध रंगों से दर्शकों को परिचित होने का मौका मिला। जाने दो भी यारो में उन्होंने अपने हल्के-फुल्के अंदाज से दर्शकों को खूब हंसाया तो, सनी देओल अभिनीत नरसिम्हा में सूरज नारायण सिंह की नकारात्मक भूमिका में भी वे खूब जंचे। यदि उन्होंने द्रोहकाल और धारावी जैसी गंभीर फिल्में की तो डिस्को डांसर और गुप्त जैसी कमर्शियल फिल्मों में भी अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज करायी। दो बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित हो चुके ओमपुरी हिंदी फिल्मों की उन गिने-चुने अभिनेताओं की सूची में शामिल हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनायी है। ईस्ट इज ईस्ट,सिटी ऑफ ब्वॉय,वुल्फ,द घोस्ट एंड डार्कनेस जैसी हॉलीवुड फिल्मों में भी उन्होंने अपने उम्दा अभिनय की छाप छोड़ी है। जीवन के उनसठ वसंत देख चुके ओमपुरी आज भी हिंदी फिल्मों में अपनी सक्रिय उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। फर्क, बस इतना है कि इन दिनों वे नायक या खलनायक नहीं बल्कि, चरित्र या हास्य अभिनेता के रूप में हिंदी फिल्मों दर्शकों से रू-ब-रू हो रहे हैं। चाची 420,हेरा फेरी,मेरे बाप पहले आप,मालामाल विकली में ओमपुरी हंसती-गुदगुदाती भूमिकाओं में दिखे तो शूट ऑन साइट,महारथी,देव और हालिया रिलीज दिल्ली 6 में चरित्र अभिनेता के रूप में वे दर्शकों से रू-ब-रू हुए।
काल और देश की सीमा से परे किसी सामान्य व्यक्ति की तरह दिखने वाले इस असाधारण अभिनेता के प्रशंसकों का एक बड़ा वर्ग है जिसमें आम दर्शकों से लेकर शीर्ष के अभिनेता भी हैं। उम्र के इस पड़ाव पर भी ओमपुरी के अभिनय में ताजगी है,ऊर्जा है। उम्मीद है,आने वाले कई वर्षो तक इस सम्मानित दिग्गज अभिनेता की उपस्थिति से हिंदी फिल्मों का आकर्षण बढ़ता रहेगा और अभिनेताओं की कई और नई पीढि़यां ओमपुरी के सान्निध्य से लाभान्वित होती रहेगी।
कैरियर की मुख्य फिल्में
वर्ष-फिल्म-चरित्र
1976-घासीराम कोतवाल-घासीराम
1978-अरविंद देसाई की अजीब दास्तां-मािर्क्सस्ट
1978-भूख-कोलोनल
1979-सांच को आंच नहीं
1979-शायद
1980-अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है-मधु
1980-आक्रोश-भीखू
1980-भवनी भवाई-मानव भगत
1980-स्पर्श-दूबे
1981-शोध-सुरेन्द्र
1981-सद्गति-दुखी
1981-कलयुग-भवानी पांडे
1982-विजेता-अरविंद
1982-आरोहण-हरि मोंडल
1982-गांधी-नहारी
1983-मंडी-राम गोपाल
1983-चोख-जदुनाथ
1983-जाने भी दो यारो-आहूजा
1983-अर्द्धसत्य-अनंत वेलांकर
1983-डिस्को डांसर-डेविड ब्राउन
1984-पार-रामनरेश
1984-तरंग-नामदेव
1984-गिद्ध-बसया
1984-होली-प्रिंसिपल पांडे
1984-पार्टी-अविनाश
1984-मांटी मांगे खून-दुर्जन
1984-दुनिया-वासुदेव
1984-रावण-सामंत
1984-राम की गंगा-लालू
1985-मिर्च मसाला-चौकीदार अबु मिया
1985-बहू की आवाज-जसवंत श्रीवास्तव
1985-जमाना-श्यामलाल
1986-न्यू देल्ही टाइम्स-अजय सिंह
1986-लांग दा लश्कारा-दीतू
1987-मरते दम तक-दौलत
1987-सुष्मन-रामलालू
1988-हम फरिश्ते नहीं-गोपी
1988-एक ही मकसद-डॉक्टर रामकुमार वर्मा
1989-इलाका-भीमा
1990-घायल-जो डिसूजा
1990-दिशा-परशुराम सर्पत
1991-पत्थर-रेशम सिंह
1991-नरसिम्हा-सूरज नारायण सिंह
1991-मीना बाजार-एक्टर
1992-अंगार-परवेज हुसैन
1992-धारावी-राज किरन
1992-कर्म योद्धा-सब इंस्पेक्टर पटवर्द्धन
1992-करेंट-वेलू
1992-सिटी ऑफ जॉय-हजारी पल
1992-जख्मी सिपाही-ओम चौधरी
1993-तर्पन-जस्सू
1994-त्रिया चरित्र
1994-द्रोहकाल-अभय सिंह
1994-पतंग-मथुरा
1995-कर्तव्य-गुलाम रसूल
1995-टार्गेट-राम भरोसा
1995-आतंक ही आतंक-शरद जोशी
1996-प्रेम ग्रंथ-बालीराम
1996-कृष्णा-अमर प्रभाकर
1996-माचिस-सनातन
1996-घातक-सचदेव
1996-राम और श्याम-सूर्य प्रताप
1997-आस्था-अमर
1997-भाई-सत्यप्रकाश
1997-गुप्त-उधम सिंह
1997-मृत्युदंड-रामबरन
1997-जोर-शाह आलम
1997-जमीर-जयचंद मारवा
1998-चाची चार सौ बीस-बन्वारी लाल
1998-चाइना गेट-कृष्णकांत
1998-विनाशक-अब्दुल रहमान
1998-प्यार तो होना ही था-इंस्पेक्टर खान
1999-खूबसूरत-दिलीप चौधरी
2000-दुल्हन हम ले जाएंगे-भोला नाथ
2000-पुकार-कोलोनल हुसैन
2000-हे राम-गोयल
2000-हेरा फेरी-खारक सिंह
2000-कुंवारा-बलराज सिंह
2000-कुरूक्षेत्र-बाबुराव देशमुख
2001-बॉलीवुड कॉलिंग-सुब्रमण्यम
2001-फर्ज-अर्जुन सिंह
2001-जहरीला-अरूण देव
2001-इंडियन-जोगिंदर सिंह
2001-दीवानापन-सूरज के पिता
2002-पिता-ठाकुर अवध नारायण सिंह
2002-क्रांति-कृष्णकांत
2002-प्यार दीवाना होता है-डॉक्टर पुरी
2002-मर्डर-आकाश गुप्ता
2002-शरारत-डीसीपी भोंसले
2002-चोर मचाए शोर-डीसीपी पांडे
2002-आवारा पागल दीवाना-माफिया डॉन
2003-आपको पहले भी कहीं देखा है-सैम
2003-काश आप हमारे होते-यशवंत राज मनकोटिया
2003-मकबूल-इंस्पेक्टर पंडित
2003-चुपके से-कासिम खान
2003-कगार-सब इंस्पेक्टर गोखले
2003-धूप-सुरेश कुमार
2004-युवा-प्रसेनजीत भट्टाचार्य
2004-आन-कमिश्नर खुराना
2004-देव-तेजिंदर खोंसला
2004-लक्ष्य-सुबेदार प्रीतम सिंह
2004-क्यों हो गया ना-मिस्टर खन्ना
2004-किसना-जुमन मासूम किश्ती
2005-मुंबई एक्सप्रेस-एसीपी एस पी राव
2005-क्योंकि-डॉक्टर खुराना
2005-दीवाने हुए पागल-साइंटिस्ट खुराना
2006-रंग दे बसंती-अमन उल्लाह खान
2006-मालामाल विकली-बलवंत
2006-चुप चुप के-प्रभात सिंह
2006-डॉन-विशाल मलिक
2006-बाबुल-बलवंत
2007-बुड्ढा मर गया-विद्युत बाबा
2007-विक्टोरिया नंबर 203-राणा
2007-ढोल-त्रिपाठी
2008-मेरे बाप पहले आप-माधव माथुर
2008-किस्मत कनेक्शन-हैरी गिल
2008-सिंह इज किंग-रंगीला
2008-मुखबिर-राठौड़
2008-महारथी-ए सी पी गोखले
2008-शूट ऑन साइट-जुनैद
2009-बिल्लू-दामचंद
2009-दिल्ली 6-मदन गोपाल
आने वाली फिल्में-जिहाद,वांटेड डेड एंड अलाइव,लंदन ड्रीम्स,डॉन 2।
-सौम्या अपराजिता
लेबल:
जिंदगी
जीवन यात्रा जून 1957 से. भोपाल में रहने वाला, छत्तीसगढ़िया गुजराती. हिन्दी में एमए और भाषा विज्ञान में पीएच.डी. 1980 से पत्रकारिता और साहित्य से जुड़ाव. अब तक देश भर के समाचार पत्रों में करीब 2000 समसामयिक आलेखों व ललित निबंधों का प्रकाशन. आकाशवाणी से 50 फ़ीचर का प्रसारण जिसमें कुछ पुरस्कृत भी. शालेय और विश्वविद्यालय स्तर पर लेखन और अध्यापन. धारावाहिक ‘चाचा चौधरी’ के लिए अंशकालीन पटकथा लेखन. हिन्दी गुजराती के अलावा छत्तीसगढ़ी, उड़िया, बँगला और पंजाबी भाषा का ज्ञान. संप्रति स्वतंत्र पत्रकार।
संपर्क:
डॉ. महेश परिमल, टी-3, 204 सागर लेक व्यू होम्स, वृंदावन नगर, अयोघ्या बायपास, भोपाल. 462022.
ईमेल -
parimalmahesh@gmail.com
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