बुधवार, 30 दिसंबर 2009
भारतीय सिनेमा पहुँचा सात समुंदर पार
भारतीय सिनेमा ने वर्ष २००९ में पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परचम फहराते हुए अपनी सशक्त पहचान बनाई। इस साल संगीतकार ए, आर, रहमान संगीत की दुनिया में सैलाब बन कर आए और देखते ही देखते पूरी दुनिया पर छा गए। रहमान ने बाफ्टा, गोल्डन ग्लोब और आस्कर जीतकर इतिहास रच दिया। ऐसा करने वाले वह पहले भारतीय बने। रहमान की जय हो की धुन पर थिरकते फिलीपींस के कैदियों कावीडियो यू ट्यूब पर जबरदस्त हिट हुआ जबकि स्पेन के गायकों द्वारा गाया जय हो के वीडियो ने भी खूब हिट बटोरे। रहमान २००९ में हालीवुड में छाए रहे। २००९ में आठ आस्कर जीतने वाली फिल्म स्लमडाग मिलिकोयर ने मिस्टर इंडिया यानी अनिल कपूर को भी अंतरराष्ट्रीय मंच दिया। स्लमडाग के आने के बाद वे अमरीका के मशहूर टीवी शो २४ में काम कर रहे हैं। इसी फिल्म ने चंद और सितारों को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। स्लमडाग में लतिका के छोटे से किरदार के जरिए भारत की फ्रीडा ङ्क्षपटो अपनी पहली ही फिल्म में छा गई। २००९ की तमाम अवार्ड समारोहों में रेड कार्पेट पर उनका जलवा रहा, वे वुडी ऐलन जैसी हालीवुड के निर्देशकों के साथ काम कर रही हैं। उन्होंने भले ही एक भी पुरस्कार न जीता हो लेकिन सबसे खूबसूरत, सबसे सेक्सी, , ऐसी तमाम सूचियों में उनका नाम रहा, उनके और देव पटेल के फोटो हर टेबलाइड के कवर पेज पर रहे। दो नन्हें भारतीय सितारों को भी इस साल पूरी दुनिया ने सर आंखों पर बिठाया। स्लमडाग के बाल कलाकार अजहर और रुबिना, असल ङ्क्षजदगी में झुग्गियों में रहने वाले इन बच्चों का आस्कर तक का सफर किसी सुंदर सपने से कम नहीं था, आस्कर से लौटने के बाद दोनों का सामना एक फिर हकीकत से हुआ। इसी साल पेरिस के मशहूर सलों ड्यू सिनेमा फेस्टिवल में अमिताभ बच्चन की फिल्मों का रेट्रोस्पेक्टिव भी आयोजित हुआ और उन्हें दुबई फिल्म फेस्टिवल में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड मिला। लता मंगेशकर को फ्रांस ने अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया। ङ्क्षहदी फिल्म इंडस्ट्री के लिए साल २००९ एक ठीक ठाक साल ही कहा जाएगा। वर्ष २००९ ने ङ्क्षहदी सिनेमा को कुछ बिलकुल नए सांचे, नए प्रतिमान, नए रुप, नए कलेवर, नए कलेवर, नए तौर, नए मायने दिए। देव डी ने देवदास की छवि को नए आयाम दिए तो लव आज कल में लिव इन रिलेशनशिप से भी एक कदम की बात कही गई, कमीने की नायिका सेक्स संबंधों की पहल करने में नहीं हिचकती, संबंधों के इस नवाचार को दर्शकों ने पसंद भी खूब किया है, इस तरह २००९ में बालीवुड रुढिय़ों को तोड़ता नजर आया।
अक्षय कुमार, सुनील शुट्टी, अजय देवगन, संजय दत्त, जैसे एक्शन स्टार्स के कामेडी में हाथ आजमाने की वजह से एक्शन थ्रिलर फिल्में बनना कम हो गईं थीं लेकिन इस और देखे जरा, एक ८, १० तस्वीर, लक, ब्लू, न्यूयार्क, कुर्बान, वांटेड के जरिए बडे सितारे फिर से एक्शन की तरफ मुडे। मुन्ना भाई सीरीज से जो कामेडी का दौर शुरु हुआ वो २००९ में भी जारी इस साल भी सबसे ज्यादा फिल्में कामेडी की हो आई। राजकुमार हिरानी ने आमिर खान को लेकर थ्री इडियट्स साल के अंत में सिनेमा घरों में रिलीज की। साल की दस बड़ी फिल्मों में चार फिल्में कामेडी ही थीं। हालांकि स्तरीय कामेडी केा इस साल भी पूर्णत अभाव ही रहा। अजब प्रेम की गलब कहानी, इस साल कुछ अनोखे प्लोट्स वाली फिल्मूें भी आईं, प्रियंका चोपड़ा, ने व्हाट्स योर राशि में बारह भूमिकाएं निभा कर रिकोर्ड बनाया, तो साल के अंत में अमिताभ बच्चन पा में अभिषेक के १२ वर्षीय पुत्र बने, लव आजकल, अलादीन, देव डी, की कहानी भी हटकर थी लेकिन ये पसंद की गईं। इस साल भी बालिवुड ने कई विदेशी सिताओ को अपनी तरफ खीचा कमबख्त इश्क में सिल्वेस्टर स्टेलोन ब्लू में कैली मिनोग अलादीन में जैकलिन और देंसी रिचड्र्स जैसे सितारे बालिवुड में नजर आए आगे भी कई फिल्में ऐसे आ रही हैं जिनके जरिए बालीवुउ , हालीवुड का मिलन हो रहा है। तकनीक और लागत का विकास बालीवुड की फिल्में अब तकनीकी और लागत का विकास बालीवुड की फिलमें अब तकनीक रूप से ज्यादा समृद्ध होती जा रहीं ब्लू एकदम हालाीवुड की झलक देती है जबकि पा में अमिताभ का मेकप बेजोड़ हैं ज्यादातर फिल्में अब भारत के मेट्रो ही नहीं बल्कि विदेश में शूट होती हैं इस तरह इन फिल्मों से गांव तो बहुत पहले ही गायब हो गया था अब छोटे शहर भी गायब हो रहे हैं। इस साल की फिल्मों की सबसे बड़ी खासियत ये थी कि ज्यादातरजो फिल्में सफल थीं उनमें संगीत एक पूरक तत्व की तरह तो था लेकिन उसकी प्रधानता उतनी नहीं थी जितनी बालीवुडकी फिल्मों में आमतौर पर होती है। इस मामले में लव आजकल ही एक मात्र ऐसी फिल्म कही जा सकती है जो सही मायनों में म्यूसिकल थीं।
ज्यादातर फिल्मों में गाने या तो जरूरत के वक्त थे या फिर उपस्थिति दर्शाने के लिए जबरदस्ती ठूंस दिए गए थे मतलब गीतों का वर्चस्व अब उतना नहीं रह गया। इस साल फिल्म जगत को वर्ष २००९ में कई विवादों से दो चार होना पड़ा। किसी फिल्म का शीर्षक बदलने को मजबूर होना पड़ा तो कहीं राजनीतिक बवाल के कारण फिल्म में किसी शब्द के इस्तेमाल पर माफी मांगनी पड़ी। सालभर में फिल्मों से जुडे कई किस्से सामने आए। लमडाग के नन्हे कलाकार भी खबरों एवं विवादों में रहे। खबर आई कि जहर और रबीनां की झुग्गियां तोड़ दी गई हैं क्योंकि वे अवैध हैं दावे और वादे हुए कि बच्चों को नया घर दिया जाएगा दोनों के लिए जय हो ट्रस्ट बनेगा। इन आरोपों से सनसनी मच गई कि रबीना के पिता ने पैसों के लिए उसे बेचने की कोशिश की। शाहरुख खान की बहुचर्चित फिल्म बिल्लू बारबर के नाम में बारबर शब्द को लेकर एक समुदाय विशेष ने कड़ी आपत्ति जताई जिसके चलते आखिरकार फिल्म के शीर्षक से बारबर शब्द हटा दिया गया। गुजरात के दंगों की विभीषिका बताने वाली फिल्म फिराकर गुजरात के मल्टीप्लेक्स मालिकों को रास नहीं आई। १९ मार्च को गुजरात के मल्टीप्लेक्स मालिकों ने नंदिता दास निर्देशित इस फिल्म का प्रदर्शन न, न करने का फैसला किया। मणिरत्नम की बहुचॢचत फिल्म रावण की शूङ्क्षटग के दौरान जून में महाराष्ट्र में वन विभाग के अधिकारियों ने वन संपदा को नुकसान पहुंचाने को लेकर इस फिल्म के निर्माण से जुडे १४ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। मई में इस फिल्म की शूङ्क्षटग कुछ समय के लिए रोकी गई थी क्योंकि फिल्म के सेट पर एक हाथी भड़क गया था। दो अक्टूबर को रिलीज हुई करण जौहर की फिल्म वेक अप सिड महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के गुस्से का निशाना बनी। पहले ही दिन
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना समर्थकों ने करण जौहर की फिल्म वेक अप सिड में मुंबई के स्थान पर बंबई का प्रयोग करने पर आपत्ति जताते हुए फिल्म का प्रदर्शन रूकवा दिया।
मनसे कार्यकर्ताओं ने पुणे स्थित सिटीप्राइड मल्टीप्लेक्स में भी वेक अप सिड फिल्म का प्रदर्शन रुकवाया। मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा सिनेमा हाल मालिको से फिल्म के प्रदर्शन को रोक देने के लिए कहे जाने के बाद ३७ वर्षीय जौहर मध्य मुंबई स्थित ठाकरे से मुलाकात के लिए उनके निवास पर गए। बाद में जौहर ने कहा कि मुंबई की जगह बंबई का इस्तेमाल उनकी ओर से एक भूल थी। उन्होंने कहा कि आगे से वह बंबई की जगह मुंबई का इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने कहा कि वह किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते और फिल्म में वह इस आशय की सूचना देंगे। शिवसेना के कोप का निशाना कुर्बान भी बनी। इस फिल्म के पोस्टर में अभिनेत्री करीना कपूर की खुली पीठ दिखाई गई थी, जिसे लेकर शिवसैनिकों ने अश्लीलता का आरोप लगाया और खूब हंगामा किया। आखिरकार ये पोस्टर बदलने पड़े। नवंबर माह में संदिग्ध अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमेन हेडली के साथ महेश भट्ट के बेटे राहुल का नाम जुडऩे के बाद महेश की फिल्म तुम मिले को विरोध का सामना करना पड़ा। गुजरात के राजकोट में राज्य के पूर्व गृहमंत्री गोधन झड़पिया की ओर से गठित एक पार्टी के कार्यकर्ता एक सिनेमाघर में घुस गए तुम मिले का प्रदर्शन बाक्स आफिस पर सामान्य नतीजे दिए।
प्रेम कुमार
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फिल्म संसार
जीवन यात्रा जून 1957 से. भोपाल में रहने वाला, छत्तीसगढ़िया गुजराती. हिन्दी में एमए और भाषा विज्ञान में पीएच.डी. 1980 से पत्रकारिता और साहित्य से जुड़ाव. अब तक देश भर के समाचार पत्रों में करीब 2000 समसामयिक आलेखों व ललित निबंधों का प्रकाशन. आकाशवाणी से 50 फ़ीचर का प्रसारण जिसमें कुछ पुरस्कृत भी. शालेय और विश्वविद्यालय स्तर पर लेखन और अध्यापन. धारावाहिक ‘चाचा चौधरी’ के लिए अंशकालीन पटकथा लेखन. हिन्दी गुजराती के अलावा छत्तीसगढ़ी, उड़िया, बँगला और पंजाबी भाषा का ज्ञान. संप्रति स्वतंत्र पत्रकार।
संपर्क:
डॉ. महेश परिमल, टी-3, 204 सागर लेक व्यू होम्स, वृंदावन नगर, अयोघ्या बायपास, भोपाल. 462022.
ईमेल -
parimalmahesh@gmail.com
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जवाब देंहटाएंमुझसे किसी ने पूछा
तुम सबको टिप्पणियाँ देते रहते हो,
तुम्हें क्या मिलता है..
मैंने हंस कर कहा:
देना लेना तो व्यापार है..
जो देकर कुछ न मांगे
वो ही तो प्यार हैं.
नव वर्ष की बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ.