मंगलवार, 17 जून 2008
समय के साथ खुद का ढालती आज की नायिकाएँ
डॉ. महेश परिमल
परिवर्तन समय की माँग है। सभी में समय के साथ बदलाव आता ही है। ऐसे में समाज का मनोरंजन करने वाला फिल्म उद्योग भला कैसे पीछे रह सकता है? इसीलिए आज बॉलीवुड जबर्दस्त परिवर्तन के दौर से गाुर रहा है। एक समय ऐसा था, जब हजारों-लाखों रुपए प्राप्त करने वाले कलाकार आज करोड़ों रुपए ले रहे हैं। लोग समझते हैं कि केवल अमिताभ, शाहरुख या अक्षय कुमार ही करोड़ों रुपए ले रहे हैं, बल्कि आजकल तो अभिनेत्रियाँ भी करोड़ों की बात कर रही हैं। इस मामले में अब अभिनेत्रियाँ भी अभिनेताओं के साथ कदमताल कर रही हैं। करीना कपूर, कैटरीना कैफ, बिपाशा बसु, रानी मुखर्जी, शिल्पा शेट्टी इनके उत्तम उदाहरण हैं। अब तो रोज ही नायिकाओं द्वारा अधिक से अधिक राशि की माँग की खबरें सुखयाँ बनने लगी हैं। हाल ही में शिल्पा शेट्टी ने एक फिल्म के लिए साढढ्े पाँच करोड़ रुपए लेने की खबर सुर्खी में आई, तो करीना आदि के तेवर ही बदल गए। अब इनमें यही होड़ मची है कि कौन कितने अधिक रुपए लेता है।
'जब वी मेट' की अपार सफलता के बाद तो करीना कपूर और कद्दावर हो गई है। इसी फिल्म के बाद ही अपने लम्बे प्रेम प्रकरण को विराम दे दिया और छोटे नवाब सैफ अली खाँ का दामन थाम लिया। मात्र 28 बरस की यह बाला आज वह एक फिल्म के तीन से साढ़े तीन करोड़ रुपए ले रही है। इसके पहले केवल ऐश्वर्या राय ही तीन करोड़ रुपए लेती थीं, पर अब करीना पारिश्रमिक लेने में सबसे आगे है। यह बात अलग है कि करीना को कद्दावर बनाने में फिल्म 'जब वी मेट' का बड़ा हाथ है। इस फिल्म के निर्माण के समय शाहिद-करीना पे्रम के सागर में डुबकियाँ लगा रहे थे। उनके पे्रम की अभिव्यक्ति इस फिल्म के कई दृश्यों में देखने को मिली। इसी फिल्म से शाहिद कपूर का भी बोलबाला हो गया। उन्होंने भी अपना पारिश्रमिक बढ़ा दिया है। हॉलीवुड हो या फिर बॉलीवुड, यहाँ लोगों को अभिनय से नहीं, बल्कि पारिश्रमिक से जाना और पहचाना जाता है। अब करीना ही नहीं, बल्कि रानी मुखर्जी भी अपने आप को एक्शन हीरोइन के रूप में स्थापित कर रही हैं।
परर्िवत्तन के दौर से गाुरते बॉलीवुड में एक बात अभी भी नहीं बदली, वहाँ आज भी हीरो की पसंद की हीरोइन को रखा जाता है। दर्शक वर्ग आज भी हीरो का नाम देखकर ही टॉकीज पहुँचता है, लेकिन अब हीरोइनें भी अपने आप को केवल हीरो के आगे-पीछे नाचने-गाने तक ही सीमित न रखकर ऐसी महत्वपूर्ण भूमिकाएँ करने लगी हैं, जिससे उनका कलाकार उभरकर सामने आ रहा है। इसीलिए वे भी अब मुँहमाँगा दाम माँग रहीं हैं।
इस संबंध में एक माकर्ेंटिंग एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी का कहना था कि आज फिल्मों में टेलेंटेड हीरोइनों का अभाव है, इसलिए जिसकी हीरोइन की फिल्म हिट होती है, उसका भाव तुरंत ही बढ़ जाता है। आज हर फिल्म में एक सुंदर हीरोइन का होना अतिआवश्यक हो गया है। इसलिए सुंदर अभिनेत्रियाँ बहुत ही व्यस्त रहने लगी हैं। इनकी व्यस्तता का एक और कारण यह भी है कि आज की सारी सफल नायिकाओं के अपने प्र्रेम संबंध हैं, जिनके कारण उन्हें काफी पब्लिसिटी मिलती है। कइर्ण बार तो ये जान-बूझकर भी अपने प्रेम प्रकरणों पर खुलकर बात करती हैं, ताकि इस तरह से फिल्म भी चल जाए। फिल्म के बाद इन हीरोइनों को विज्ञापनों से भी काफी धन मिलने लगा है। इतने से भी पूरा नहीं पड़ने पर गमयों में ये किसी न किसी स्टॉर के साथ विदेशों में जाकर स्टे शो करतीं हैं, ताकि भारत से गर्मी से निजात मिल जाए और धन भी कमा लिया जाए।
आज चाहे करीना हो, कैटरीना हो, या फिर बिपाशा हो, ये सभी अपने गुरु ऐश्वर्या राय के नक्शे-कदम पर चल रही है। ऐश्वर्या राय तीन प्रेम प्रकरणों के चलते काफी विवादास्पद हुई, धीरे-धीरे अपनी प्रतिभा के बल पर चुनिंदा फिल्में ही लेने लगी। कई बार तो ऐसा भी हुआ, जब उसे कहानी पसंद न आई हो, तो उसने फिल्म में काम करने से ही मना कर दिया। मॉडल से हीरोइन बनने के सफर में उसने हमेशा लिखित समझौते ही किए। मुँहमाँगी रकम न मिलने पर उसे फिल्म छोड़ने का ारा भी दु:ख नहीं होता। यही कारण है कि आज की अभिनेत्रियाँ उसे अपना गुरु मानकर वैसा ही कर रही हैं। आज की अभिनेत्रियाँ अब किसी से डरती भी नहीं हैं। वे बेखौफ होकर शूटिंग के लिए पहुँचने लगी हैं। आजकल की नायिकाओं के साथ उनकी माता, भाई-बहन या फिर कोई संबंधी नहीं होता। पहले की नायिकाओं में इसके नखरे बहुत थे। पर समय के साथ अब यह भी बदल गया है। करीना हो या बिपाशा, ये दोनों तो परिवार प्रेमी हैं, इनके साथ कोई नहीं होता, पर कैटरीना इसमें थोड़े अपवाद के रूप में सामने आती हैं। वे अपने साथ सदैव अपनी 16 वर्षीय बहन इजाबेले को रखती हैं।
करीना कपूर ने शुरू में काफी फ्लॉप फिल्में दी हैं, लेकिन बाद में उसकी कई फिल्में हिट रहीं। उसने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन केवल कामर्शियल फिल्मों में ही नहीं, बल्कि 'चमेली' और 'ओमकारा' जैसी ऑफबीट फिल्मों में भी अच्छी भूमिकाएँ की हैं। करीना आज एक तरह से 'जब वी मेट' की नायिका गीत की तरह ही अपना जीवन जी रही है। वह अपने आप को खूब प्यार करती है और जीवन के सारे निर्णय लेते समय अत्यंत सजग रहती है।
आज की नायिकाओं में दूरदर्शिता स्पष्ट दिखाई देती है, अब वह बात नहीं रही, जब हम पुरानी फिल्मों की नायिकाओं की मौत की खबर सुनते थे, तब पता चलता था कि वह किस तरह से गरीबी और लाचारी में अपना जीवन काट रही थीं। आज की नायिकाओं ने अपने चारों ओर धन के इतने अधिक स्रोत तैयार रखे हैं कि भविष्य में उन पर किसी तरह का आर्थिक संकट नहीं आएगा, ऐसा कहा जा सकता है। अपने आपको बॉलीवुड में स्थापित रखने के लिए आज की नायिकाएँ स्टंट भी सीखने लगी हैं। डॉन में पि्रयंका चोपड़ा ने शाहरुख के साथ किए गए स्टंट सीन स्वयं ही किए हैं। 'टशन' में करीना कपूर को कई हैरतअंगेज स्टंट सीन के साथ हम देख सकते हैं। इस तरह से आज की नायिकाओं ने अपने आपको समय के साथ ढाल लिया है और बदलते जीवन मूल्यों के साथ स्वयं को भविष्य में पूरी तरह से सुरक्षित रखना भी सीख लिया है।
डॉ. महेश परिमल
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आज का सच
जीवन यात्रा जून 1957 से. भोपाल में रहने वाला, छत्तीसगढ़िया गुजराती. हिन्दी में एमए और भाषा विज्ञान में पीएच.डी. 1980 से पत्रकारिता और साहित्य से जुड़ाव. अब तक देश भर के समाचार पत्रों में करीब 2000 समसामयिक आलेखों व ललित निबंधों का प्रकाशन. आकाशवाणी से 50 फ़ीचर का प्रसारण जिसमें कुछ पुरस्कृत भी. शालेय और विश्वविद्यालय स्तर पर लेखन और अध्यापन. धारावाहिक ‘चाचा चौधरी’ के लिए अंशकालीन पटकथा लेखन. हिन्दी गुजराती के अलावा छत्तीसगढ़ी, उड़िया, बँगला और पंजाबी भाषा का ज्ञान. संप्रति स्वतंत्र पत्रकार।
संपर्क:
डॉ. महेश परिमल, टी-3, 204 सागर लेक व्यू होम्स, वृंदावन नगर, अयोघ्या बायपास, भोपाल. 462022.
ईमेल -
parimalmahesh@gmail.com
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