शुक्रवार, 15 मई 2009

सबसे अधिक जूते लालू पर पड़े हैं........



डॉ. महेश परिमल
शीर्षक निश्चित रूप से आपको चौंका सकता है। पर सच यही है कि आज जिस तरह से लालू प्रसाद यादव बेलगाम होते जा रहे हैं, उनका व्यवहार उनकी वाणी में झलकने लगा है, उससे उनकी छवि लगातार धूमिल होती जा रही है। वैसे ये महाशय सदैव अपनी वाकपटुता के लिए जाने जाते रहे हैं। उनकी शैली ही आज उनकी दुश्मन बन गई है। लोग उन्हें सामने तो कुछ नहीं कहते, पर पीठ पीछे उनको उतारने में कोई कसर नहीं छोड़ते। वैसे चुनाव प्रचार के दौरान हर तरह के नेताओं पर जूते फेंके गए हैं, मानो जूता पहनने की वस्तु न होकर अपने आक्रोश को निकालने की वस्तु हो। यदि किसी के कहा जाए कि उसे कुछ देर के लिए यह वरदान मिल जाए कि एक निश्चित समय तक वह लोगों की ऑंखों से अदृश्य हो जाएगा, वह जो कुछ भी करेगा, किसी को दिखाई नहीं देगा, तो निश्चित रूप से वह व्यक्ति अपने दुश्मन की पिटाई करना चाहेगा। गरीब होगा, तो वह किसी बैंक में जाकर काफी धन ले आएगा। लेकिन अधिकांश लोग यही चाहेंगे कि वह अपने दुश्मन की पिटाई करे और कोई देखे भी नहीं। लोग डब्ल्यूडब्ल्यूएफ शायद इसीलिए देखते हैं कि उसमें जो पिटता है, उसे देखने वाला अपने दुश्मन को देखता है और जो पीटता है, उसमें वह अपनी छबि देखता है।
मनुष्य की इसी भावना को ध्यान में रखकर एक भलेमानुस ने एक वेबसाइट तैयार की है, जिसमें कई नेताओं की तस्वीरों पर आप जूते मार सकते हैं। इस वेबसाइट को शुरू हुए अधिक दिन नहीं हुए हैं और यह लगातार लोकप्रिय होते जा रही है। जानते हैं अब तक किसे सबसे अधिक जूते मारे गए हैं। जी हाँ शीर्षक तो यही बताता है। वह हैं हमारे बड़बोले लालू प्रसाद यादव। तो फिर जान लो, इस वेबसाइट का नाम। इसका नाम है (www.joote maro. com) यानी डब्ल्यूडब्ल्यू. जूते मारो डॉट कॉम। इसमें एक सुविधा यह भी है कि व्यक्ति किसी भी नेता को कितने भी जूते मार सकता है। अभी तक यह सुविधा किसी के पास नहीं थी कि जिस नेता को हम धिक्कारते हैं, उन्हें हम खुलेआम जूते मार सकते हों। वेबसाइट के माध्यम से लोगों को यह सुविधा मिल गई है। इस वेबसाइट को शुरू करने वाले से पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि इसे केवल निर्दोष मनोरंजन के लिए ही शुरू किया गया है। इसका संबंध किसी राजनीतिक दल से नहीं है, इसलिए इसमें सभी दलों के नेताओं की तस्वीरें हैं। आप जिसे चाहें, जूते मार सकते हैं और अपनी भड़ास निकाल सकते हैं।
जूते मारो डॉट कॉम पर नेताओं का बँटवारा तीन चरणों पर किया गया है। पहले चरण में सबसे अधिक जूते खाने वाले दस नेताओं की तस्वीरों को रखा गया है। उन्हें उनके स्कोर के मुताबिक घटते क्रम में रखा गया है। दूसरे चरण में उन दस नेताओें को रखा गया है, जिन्होंने उपरोक्त दस नेताओं से कम जूते खाए हैं। तीसरे चरण में उन नेताओं को शामिल किया गया है, जो अभी-अभी राजनीति में आए हैं। इसी में पहले चरण्ा में 11 हजार 7 सौ 32 हिट्स के साथ रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव सबसे आगे हैं। दूसरे नम्बर पर 10,655 हिट्स के साथ मनसेना के राज ठाकरे हैं। राज ठाकरे की पार्टी के प्रत्याशियों में से किेतने जीत पाएँगे, यह तो किसी को पता नहीं, पर इस जूते स्कोर में उन्होंने एक लंबा हाथ मार लिया है। जूते बटोरने में तीसरा नम्बर कांग्रेसाध्यक्ष सोनिया गांधी का नम्बर आता है। इनके लिए कुल 7536 हिट्स किए गए। इसके बाद 7053 हिट्स के साथ लाल कृष्ण्ा आडवाणी, नरेंद्र मोदी 6226 हिट्स, मायावती 2770 हिट्स के साथ छठे क्रम पर आती हैं। आपको आश्चर्य होगा कि इसमें हमारे सीधे-सादे प्रधानमंत्री का कहीं कोई नाम क्यों नहीं है? सचमुच हमारे मनमोहन सिंह मन को इतना मोहते हैं कि उन्हें अधिक हिट्स नहीं मिले। उनके खाते में 2101 हिट्स ही आए हैं। इसके बाद मुलायम सिंह, करुणानिधि और सुषमा स्वराज का नम्बर आता है।
जिन दस नेताओं पर सबसे कम जूते मारे गए हैं, वे हैं भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी(341), दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित (277)। इस सूची में कई अन्य नेताओं के भी नाम हैं, इसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार और उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का समावेश होता है। जूते मारो डॉट कॉम एक खेल है, इसमें आप माउस क्लिक करके किसी भी नेता को जूते मार सकते हैं। आप जितने जूते कथित नेता को मारेंगे, उसके स्कोर में वृद्धि होती जाएगी। चुनाव के दौरान होने वाले शोर से मतदाता यदि बुरी तरह से बोर हो गए हों, उनके लिए यह साइट एक स्वस्थ मनोरंजन देगी, ऐसा कहा जा सकता है। इसे दृष्टिगत रखते हुए इंटरनेट पर आजकल राजनीति से संबध्द कुछ वेबसाइट शुरू की गई है। कई इंटरएक्टिव गेम भी शुरू किए गए हैं। इनकी संख्या करीब एक दर्जन है। इतने सारे गेम हों और उसमें हमारे लालू प्रसाद यादव न हों, ऐसा कभी हो सकता है? यह गेम खूब खेला जा रहा है। इस गेम में लालू यादव को रेलवे स्टेशन पर दिखाया गया है, जो रात की आखिरी टे्रन का इंतजार कर रहे हैं। ट्रेन आती है और छूट भी जाती है, पर लालू टे्रन पर नहीं चढ़ पाते हैं। टे्रन जा रही है, लालू दौड़ रहे हैं। टे्रने तेज होती जाती है, तो लालू की मशक्कत बढ़ जाती है। वे हिम्मत नहीं हारते। वे भी टे्रन को पकड़ने की जी-तोड़ मेहनत करते हैं। कई बाधाएँ आती हैं, लालू उनका सामना करते हैं, आखिरकार उन्हें टे्रन नहीं मिल पाती। वे चूक जाते हैं। इस गेम से यह बताने की कोशिश की गई है कि आज लालू की पार्टी की जो हालत है, उससे उससे वे प्रधानमंत्री तो नहीं बन पाएँगे, बल्कि उनसे रेल मंत्री का पद भी चूक जाएगा।
इंडिया वोटिंग डॉट कॉम नाम की एक वेबसाइट पर एक नेता गली में वोट माँगने के लिए निकलता है। वह एक मकान के पास आता है और वोट की भीख माँगता है। सभी नागरिक एक के बाद एक घर का दरवाजा खोलकर बाहर निकलते हैं और नेता की पेटी पर अपने वोट को फेंकते हैं। इससे कुछ वोट ही उसकी पेटी पर गिरते हैं। बाकी वोट पास की कचरापेटी पर गिरते हैं। कई नागरिक वोट देने के बजाए नेता को जूते मारते हैं। आखिर में नेता को भीख में मिले वोटों की गिनती होती हैं, जिसके आधार पर उन्हें पराजित माना जाता है। लोग खुशियाँ मनाते हैं। एक अन्य गेम में नेता मंच से आश्वासनों की झड़ी लगा देता है। लोग उसके आश्वासनों के आधार पर फूलमालाएँ लाकर उसे पहनाते हैं। अच्छा और ईमानदारीपूर्ण भाषण करने वाला नेता जीत जाता है।
आजकल लोग मतदान नहीं करना चाहते। मतदान का प्रतिशत लगातार गिर रहा है। इसका आशय यही हुआ कि लोग नेताओं की इात नहीं करते। सभी प्रत्याशियों के प्रति उनकी नाराजगी दिखाई देती है। इसी नाराजगी को देखते हुए इस तरह की वेबसाइट बनने लगी है, ताकि लोग अपना गुस्सा किसी तरह बाहर निकाल पाएँ। आज के नेता इसे भले ही मजाक के रूप में लें, पर इसमें लोगों की रुचि लगातार बढ़ रही है, इससे यह सिध्द हो जाता है कि अभी तो यह नाराजगी वेबसाइट पर माउस के माध्यम से निकल रही है, पर नेताओं ने यदि अपना चरित्र नहीं बदला, तो संभव है कि हर हाथ में जूता होगा और ऑंखों में होंगे अंगारे। अगर इससे बचना है तो नेताओं को अपने बारे में न सोचकर केवल देश के बारे में सोचना होगा।
डॉ. महेश परिमल

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