शुक्रवार, 22 मई 2009
पाइरसी का मुफ्त इलाज
आशीष पांडे
म्यूजिक पाइरसी को रोकने के लिए नया फंडा सामने आ रहा है। जी हां, अगर चोरी नहीं रोक सकते तो मुफ्त में दीजिए, कुछ इसी फॉर्म्युले को अपना रही हैं कंपनियां। यानी आप डिवाइस खरीदिए और डाउनलोड का अधिकार फ्री में पाइए। मोबाइल फोन इंडस्ट्री की कुछ सबसे बड़ी कंपनियां (जिनमें नोकिया भी शामिल है) जल्द ही इस तरह के पैकिज का ऐलान करने वाली हैं, लेकिन भारत में इसकी धमाकेदार शुरुआत वर्जिन मोबाइल ने कर दी है। आप वर्जिन का हैंडसेट खरीदेंगे तो एक लाख गानों के ऑनलाइन स्टोर के दरवाजे आपके लिए खुल जाएंगे। एक साल तक आप यहां से देसी-विदेशी कोई भी गाना डाउनलोड कर सकते हैं, बिल्कुल मुफ्त। वी-बाइट्स (वर्जिन मोबाइल डेटा पोर्टल) से फुल लेंग्थ गाना डाउनलोड करने के लिए फोन पर एक हॉट-की दी गई है। करीब सवा चार हजार रुपये के फोन पर आपको एक जीबी का कार्ड मिलेगा यानी खूब गाने स्टोर कीजिए।
क्या है फंडा
आपको फ्री में पैकिज देने के लिए म्यूजिक कंपनियां पैकिज प्रवाइडर्स के साथ आगे भी इस तरह की डील करेंगी। ऐसा वे गानों की पाइरसि रोकने के लिए करेंगी। इस वजह से इस पैकिज में मिलनेवाले मुफ्त गाने डीएमआर (डिजिटल म्यूजिक राइट) प्रोटेक्टेट होंगे। यानी इन गानों को आप अपने हैंडसेट पर लोड तो कर सकते हैं लेकिन दोस्तों को आगे फॉरवर्ड नहीं कर पाएंगे। इसी तरह, कार्ड से गाने को अपने पीसी में भी नहीं डाल पाएंगे। यानी मुफ्त का माल सिर्फ आपके लिए, आगे बांटने के लिए नहीं।
किसके लिए फायदेमंद
म्यूजिक अब सीडी से निकलकर फाइल्स में आ गया है। मोबाइल फोन और डिजिटल प्लेयर ने इसे काफी हद तक बदला है। ऑनलाइन स्टोर या दूसरी जगहों से पूरा गाना डाउनलोड करने पर 30-40 रुपये तक देने पड़ते थे या फिर दूसरा रास्ता होता था मुफ्त में गाना देने वाली पाइरटेड साइट्स का। ऐसे में फ्री का यह फंडा आज के यूथ को गिल्ट-फ्री मजा दे सकता है। आनेवाले वक्त में अगर नोकिया जैसे बड़े प्लेयर इस रास्ते पर नजर आएंगे तो पाइरसि पर काफी हद तक लगाम कसी जा सकेगी।
टीवी में एलईडी की चमक
एलसीडी और प्लाज्मा अब गुजरे दौर की बात हुई। ड्रॉइंगरूम में रखा टीवी सेट अगर आपके लिए स्टेटस सिंबल है तो एलईडी टीवी खरीदें। भारत में सैमसंग ने सबसे पहले एलईडी टीवी सेट की रेंज उतारी है और माना जा रहा है। एलईडी एक तरह से अडवांस्ड एलसीडी टीवी है। अंतर बस इतना है कि एलसीडी टीवी में बैकलाइट के लिए फ्लोरसंट लैंप इस्तेमाल किया जाता है, जबकि एलईडी टीवी में लाइट एमिटिंग डायोड। टीवी में बैकलाइट की वजह से ही आपको तस्वीर दिखती है। इंडस्ट्री का अनुमान है कि 2012 तक एलईडी का मार्किट शेयर 12 फीसदी तक हो सकता है।
क्या है नया
एलईडी टेक्नॉलजी ज्यादा स्मार्ट और इको फ्रेंडली है। एलईडी से ज्यादा ब्राइट पिक्चर आती है। इसके अलावा टीवी सेट की मोटाई भी महज दो इंच तक समेटी जा सकती है। एलसीडी और प्लाज्मा टीवी के मुकाबले एलईडी में बिजली की खपत कम होती है और यह गर्म भी कम होता है। इनमें मरकरी का भी इस्तेमाल नहीं होता।
क्या है भविष्य
फिलहाल तो एलईडी टीवी बेहद महंगे हैं और हर किसी की पहुंच से बाहर हैं। सैमसंग की सीरीज ही 1.25 लाख से शुरू होती है। लेकिन इस फील्ड की एजंसी विट्सव्यू का अनुमान है कि आगे रेट कम होंगे। माना जा रहा है कि आनेवाले वक्त में छोटे साइज के एलईडी टीवी सेट भी आएंगे, जिनकी कीमत कम होगी।
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दृष्टिकोण
जीवन यात्रा जून 1957 से. भोपाल में रहने वाला, छत्तीसगढ़िया गुजराती. हिन्दी में एमए और भाषा विज्ञान में पीएच.डी. 1980 से पत्रकारिता और साहित्य से जुड़ाव. अब तक देश भर के समाचार पत्रों में करीब 2000 समसामयिक आलेखों व ललित निबंधों का प्रकाशन. आकाशवाणी से 50 फ़ीचर का प्रसारण जिसमें कुछ पुरस्कृत भी. शालेय और विश्वविद्यालय स्तर पर लेखन और अध्यापन. धारावाहिक ‘चाचा चौधरी’ के लिए अंशकालीन पटकथा लेखन. हिन्दी गुजराती के अलावा छत्तीसगढ़ी, उड़िया, बँगला और पंजाबी भाषा का ज्ञान. संप्रति स्वतंत्र पत्रकार।
संपर्क:
डॉ. महेश परिमल, टी-3, 204 सागर लेक व्यू होम्स, वृंदावन नगर, अयोघ्या बायपास, भोपाल. 462022.
ईमेल -
parimalmahesh@gmail.com
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नमस्कार. आपकी पोस्ट अच्छी और जानकारीपूर्ण लगी. आपसे भोपाल में मिलूँगा. मैं मीनाल (राज होम्स) का रहनेवाला हूँ और दिल्ली में नौकरी करता हूँ. मेरे ब्लौग http://hindizen.com पर अवश्य आयें. यह अपनी तरह का एकमात्र हिंदी ब्लौग है.
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