विदेशी चमक दमक में सारी सीमाएं लांघ गई युवा पीढ़ी
विदेश में बसने की चाहत में भारत की युवा पीढ़ी किस हद को पार कर सकती है ,इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि माता और पिता के उम्र दराज के लोगों के साथ ब्याह रचाने में आतुरता दिखा कर सामाजिक ताने-बाने को तारतार करने से भी परहेज नहीं कर रही है। आमतौर पर विवाह के मामले में युवक और युवतियों को काफी होशियार समझा जाता रहा है लेकिन अमेरिका में रहने वाले 70 साल के वृद्ध एनआरआई के साथ ब्याह रचाने के लिए उनकी आधी उम्र की युवतियां और 66 साल की वृद्धा के साथ सात फेरे लेने के लिए तीस साल के युवकों की कतार लग गई थी । इससे गिरते सामाजिक स्तर का सहज ही कयास लगाया जा सकता है। इस प्रकार का एक चौंकाने वाला मामला प्रकाश में आया है। यह सर्वविदित है कि प्यार में उम्र की सीमा या बंधन नहीं होते हैं लेकिन इस प्रेम में विदेशी चमक-दमक साफ झलकती हैं जिसके पीछे युवक और युवतियां सारी सीमाओं को फांदने के लिए लालायित हैं।
बुजुर्ग एनआरआई को सताने लगी पत्नी की कमी:
करीब 35 साल से अमेरिका के न्यूयार्क में खुद का कारोबार करने वाले मूल गुजराती चंद्रकांतभाई की पत्नी लीलीबहन का दो साल पहले बीमारी से निधन हो गया था। पुत्र-पुत्री और पुत्र बधू के साथ ही पौत्र-पौत्रियों का जमावड़ा होने के बाद भी इस सज्जन को पत्नी की कमी खलने लगी थी। इस कारण से उन्होंने यहां बिनामूल्य अमूल्य सेवा से जीवनसाथी की तलाश के लिए संपर्क किया। संस्था के नटूभाई व भारतीबहन ने बताया कि अपनी जरुरतों को बताते हुए उन्होंने जल्द जीवनसाथी की तलाश की बात कही थी। इस कारण से मीडिया में विज्ञापन दिए गए थे। दो दिनों में दस से अधिक विवाह इच्छुक युवतियों के प्रस्ताव मिले जिनमें से पांच 30 से 35 साल की युवतियां थीं। सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि ये प्रस्ताव उनके परिजनों की जानकारी में भेजे गए थे। यह देखकर संस्था के नटुभाई और खुद चंद्रकांतभाई भी चकित रह गए थे।
संस्था के नटूभाई ने बताया कि दो युवतियां प्रस्ताव के साथ अपने पिता की चिठ्ठी भी लाईं थीं जिसमें लिखा था कि पुत्री को किसी भी तरह से अमेरिका जाना है ,इस कारण से उम्र का कोई मायने नहीं रह जाता । इसके लिए तुरंत मुलाकात की व्यवस्था कराई जाए।
दूल्हे की सबसे छोटी पुत्री की उम्र है 40 साल:
जीवनसाथी की तलाश में गुजरात आए चंद्रकांतभाई ने संस्था को बताया कि उनकी चार संतानों में से सबसे छोटी पुत्री की उम्र 40 साल की है। ऐसे में इतनी कम उम्र की युवतियों के साथ शादी रचाने का विचार तक नहीं किया जा सकता। उधर अन्य बायोडाटा में से 58 वर्षीय एक विधवा के साथ उनकी मुलाकात करावाई गई जिसे चंद्रकांतभाई ने जीवसाथी के तौर पर चुना और उसके साथ शादी कर ली।
66 वर्षीय विधवा से उसके आधी उम्र के युवक शादी को तैयार:
अमेरिका के शिकागो में अपने 35 वर्षीय पुत्र के साथ रहने वाली 66 वर्षीय विधवा को भी आखिरी वक्त पर जीवनशाथी की कमी खल रही है। शिकागो में उनका मोटेल का कारोबार है। योग्य जीवनसाथी की तलाश में वे यहां आईं थीं और उक्त संस्था से मद्द मांगी। इसमें भी ऐसा हुआ कि 66 वर्षीय वृद्धा के साथ शादी रचाने के लिए 30 से 32 साल के युवकों ने दिलचस्पी दिखाई। इससे संबंधित प्रस्ताव भी मिले। यह देखकर चकित पद्माबहन ने बताया कि उनके पुत्र की उम्र पैंतीस साल की है । ऐसे में वह इतने कम आयु के युवक को अपना जीवनसाथी कैसे बना सकती हैं। उनका कहना था कि उनका जीवन साथी अधेड़ होना चाहिए जिससे कि उनका पुत्र उसे पापा कह सके। फिलहाल पद्माबहन को जीवनसाथी की तलाश है।
बुधवार, 18 नवंबर 2009
70 साल के बूढ़े और 66 साल की बुढिय़ा से शादी रचाने को भी तैयार
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आज का सच
जीवन यात्रा जून 1957 से. भोपाल में रहने वाला, छत्तीसगढ़िया गुजराती. हिन्दी में एमए और भाषा विज्ञान में पीएच.डी. 1980 से पत्रकारिता और साहित्य से जुड़ाव. अब तक देश भर के समाचार पत्रों में करीब 2000 समसामयिक आलेखों व ललित निबंधों का प्रकाशन. आकाशवाणी से 50 फ़ीचर का प्रसारण जिसमें कुछ पुरस्कृत भी. शालेय और विश्वविद्यालय स्तर पर लेखन और अध्यापन. धारावाहिक ‘चाचा चौधरी’ के लिए अंशकालीन पटकथा लेखन. हिन्दी गुजराती के अलावा छत्तीसगढ़ी, उड़िया, बँगला और पंजाबी भाषा का ज्ञान. संप्रति स्वतंत्र पत्रकार।
संपर्क:
डॉ. महेश परिमल, टी-3, 204 सागर लेक व्यू होम्स, वृंदावन नगर, अयोघ्या बायपास, भोपाल. 462022.
ईमेल -
parimalmahesh@gmail.com
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