मंगलवार, 3 नवंबर 2009
.....मोबाइल डुयेल सिम lसे बदलती दुनिया
मोबाइल हैंडसेट बाजार में डुयेल सिम की हिस्सेदारी बढ़ी: नब्बे के दशक में भारतीय टेलीकॉम बाजार में जब मोबाइल का आगमन हुआ था तो शायद ही किसी ने सोचा होगा कि उस समय एक सिम और एक नंबर वाला उनका मोबाइल भविष्य में दो अलग.अलग कंपनियों के नंबर और विभिन्न (जीएसएम.सीडीएमए) तकनीक पर एक साथ काम कर सकेगा। नब्बे के दशक के आखिर में जब देश में मोबाइल क्रांति का सूत्रपात हुआ था तो आरंभिक दौर में एयरटेल, बीपीएल समेत कुछ कंपनियां ही मौजूद थी जो जीएसएम तकनीक आधारित सुविधायें लोगो को उपलब्ध करा रही थी। आरंभिक दौर में जहां बड़ी.बड़ी और भारी भरकम मोबाइल सेट मौजूद थे वहीं मोबाइल कंपनियों ने बदलते समय के साथ साथ प्रौद्योगिकी में आये बदलाव को देखते हुये बाजार में काफी हल्के और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हैंडसेट ग्राहकों के लिये उपलब्ध करा दिए है। इसके अलावा आरंभिक दौर में जहां मोबाइल अधिकतर हैंडसेट रंगविहीन होते थे वहीं बदलते समय ने इसे रंगीन भी बना दिया।पहले मोबाइल का इस्तेमाल केवल बातचीत करने के लिये होता था लेकिन बदलते समय के साथ आज मोबाइल फोन मल्टीमीडिया डिवाइस के रूप में काम कर रहा है। मोबाइल फोन का क्रमिक विकास होने के दौरान पहले तो रंगीन हुये उसके बाद उसमें एफएम रेडियों की सुविधा भी उपभोक्ताओं को मिलने लगी। बदलते समय के साथ.साथ मोबाईल फोन में कई खुबियां जुड़ती गयी जिसका सिलसिला आज तक जारी है और आगे भी जारी रहेगा। इसके बाद तकनीक में आये बदलाव ने मोबाइल फोन में कैमरा का पंख लगा और लोग अपनी मन पंसद तस्वीरे कैमरे के बजाय मोबाइल फोन से ही खींचने लगे। बदलती तकनीक के साथ आज बाजार में ऐसे कैमरा फोन भी उपलब्ध है जिनकी क्षमता 12 मेगा पिक्सल से अधिक है।
अपनी इन्हीं बेजोड़ खूबियों के कारण मोबाइल फोन की पहुंच युवा वर्ग के साथ.साथ गृहणियों और बड़े .बुजुर्गो तक हो गयी है। तकनीक में आयी बदलाव से मोबाइल की सग्रहण क्षमता(स्टोरेज कैपेसिटी) को बढ़ा दिया। पहले जहां इसमें महज कुछ सौ नंबर ही संग्रहित होते थे। अब एसडी कार्ड और माइक्रोएसडी भी लगने लगे है जिनकी क्षमता एक गेगाबाइट से दस गेगाबाइट और विशेष परिस्थितयों में इससे भी अधिक हो सकती है।
साथ ही बाजार में ऐसे मोबाइल उपलब्ध है जिनकी स्टोरेज क्षमता आठ जीबी है जिसमें एक साथ पूरी चार फीचर फिल्में या पांच हजार से अधिक गाने के या फिर दस हजार से अधिक फोटोग्राफ संग्रहित किये जा सकते है। बाजार में उपलब्ध अधिकतर मल्टीमीडिया मोबाइल 2जी तकनीक पर आधारित है लेकिन वर्ष 2009 के आरंभ में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड :बी.एस.एन.एल : द्वारा देश के ग्यारह शहरों में थ्रीजी सेवायें शुरू करने के साथ ही उपभोक्ता अब पहले की तुलना में काफी तीव्र गति से डाटाओं का इंटरनेट के माध्यम से आदान.प्रदान कर सकेंगे।
इन सब के बीच टेलीकॉम कंपनियों के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा और ग्राहकों के समक्ष विभिन्न प्रकार की योजनायें आने से उनके बीच असंमजस्य की स्थिति है और ग्राहक हर एक दो माह में दूसरे कंपनियों के स्कीम से प्रभावित होकर उसका सिम कार्ड खरीद रहे है जिसके कारण ग्राहकों को कई हैंडसेट एक साथ रखना पड़ रहा है। ग्राहको को इन परेशानियों से निजात दिलाने के लिये कुछ माह पूर्व सैमसंग और स्पाइस समेत कई कंपनियों ने डुयेल सिम मोबाइल फोन बाजार में उतारा है जिससे ग्राहक एक ही फोन में दो अलग.अलग दूरसंचार प्रदाता कंपनियों की सेवाओं का उपयोग कर सकते है।
तकनीकी में आये बदलाव में आज एक ही फोन के अंदर उपभोक्ताओं को जीएसएम तकनीक के साथ सीडीएमए तकनीक पर आधारित सेवाओं का लाभ उठाने का मौका दे दिया है और अब ग्राहक भी अपनी पंसद और जरूरतों के मुताबिक जीएसएम.जीएसएम जीएसएम.सीडीएमए तकनीक आधारित मोबाइल फोन खरीद रहे है जिससे डुयेल सिम का बाजार नया आकार ले रहा है। मोबाइल के कारोबार से जुड़े लोगों को कहना है कि आज बाजार में बिकने वाले हर दस मोबाइल में दो डुयेल सिम वाला ही होता है। अब डुयेल सिम को आये हुये कुछ महीने भी नहीं बीते है कि नित्य नये बदल रही तकनीक ने बाजार में एक और धमाकेदार मोबाइल फोन उतार दिया है जिसमें दो नहीं बल्कि तीन सिम का इस्तेमाल उपभोक्ता एक साथ कर सकते है । हालांकि बड़ी कंपनियां डुयेल सिम और ट्रिपल सिम मोबाइल हैंडसेट को बाजार मे ंउतारने से अभी बच रही है। जहां तक इन कंपनियों के बाजार में ंउतरने से बचने का सवाल है तो ऐसा लगता है कि कंपनियां अपनी वॉल्यूम की बिक्री को बढ़ाने के लिये एक सोची समझी रणनीति के तहत इसमें नहीं उतरना चाहती है। बदलती तकनीक और लोगों की बढ़ती जरूरतों को ध्यान में रखते हुये आज नहीं तो कल सभी बड़ी मोबाईल निर्माता कंपनियों को भारतीय बाजार में डुयेल और ट्रिपल सिम फोन को उतारना ही होगा।
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दृष्टिकोण
जीवन यात्रा जून 1957 से. भोपाल में रहने वाला, छत्तीसगढ़िया गुजराती. हिन्दी में एमए और भाषा विज्ञान में पीएच.डी. 1980 से पत्रकारिता और साहित्य से जुड़ाव. अब तक देश भर के समाचार पत्रों में करीब 2000 समसामयिक आलेखों व ललित निबंधों का प्रकाशन. आकाशवाणी से 50 फ़ीचर का प्रसारण जिसमें कुछ पुरस्कृत भी. शालेय और विश्वविद्यालय स्तर पर लेखन और अध्यापन. धारावाहिक ‘चाचा चौधरी’ के लिए अंशकालीन पटकथा लेखन. हिन्दी गुजराती के अलावा छत्तीसगढ़ी, उड़िया, बँगला और पंजाबी भाषा का ज्ञान. संप्रति स्वतंत्र पत्रकार।
संपर्क:
डॉ. महेश परिमल, टी-3, 204 सागर लेक व्यू होम्स, वृंदावन नगर, अयोघ्या बायपास, भोपाल. 462022.
ईमेल -
parimalmahesh@gmail.com
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sahi hain vaise bhi dual sim ke bahut se faayde hain
जवाब देंहटाएंjyotishkishore.blogspot.com
यह अच्छी जानकारी दी अपने मै सोच ही रहा था ,लेकिन पसोपेश मे हू कौनसा लूँ जिसमे कैमरा . रेकोर्डिंग फोन टेप औए यह डुएल सिस्टम सब एक सातह हो ।
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