बुधवार, 28 अक्तूबर 2015

गिरीश पंकज की कुछ गजलें

गिरीश पंकज मूल रूप से व्‍यंग्‍यकार हैं। इनकी कई किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। विदेशों में आयोजित कई हिंदी सम्‍मेलनों में इन्‍होंने शिरकत की है। अभी उनकी कृतियों पर पी-एच.डी. हो रही है।

2 टिप्‍पणियां:

  1. वाह, ये अभिनव प्रयोग है. मुझे बड़ी खुशी हुयी कि मेरी ग़ज़लों को इतना पसंद किया गया, उसे स्वर दे कर उसे और प्रभावशाली बनाया गया है. आभारी हूँ . बहुत-बहुत धन्यवाद.

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  2. भारती परिमल का हार्दिक आभार.

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