बुधवार, 28 अक्तूबर 2015
गिरीश पंकज की कुछ गजलें
गिरीश पंकज मूल रूप से व्यंग्यकार हैं। इनकी कई किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। विदेशों में आयोजित कई हिंदी सम्मेलनों में इन्होंने शिरकत की है। अभी उनकी कृतियों पर पी-एच.डी. हो रही है।
लेबल:
गजल,
दिव्य दृष्टि
जीवन यात्रा जून 1957 से. भोपाल में रहने वाला, छत्तीसगढ़िया गुजराती. हिन्दी में एमए और भाषा विज्ञान में पीएच.डी. 1980 से पत्रकारिता और साहित्य से जुड़ाव. अब तक देश भर के समाचार पत्रों में करीब 2000 समसामयिक आलेखों व ललित निबंधों का प्रकाशन. आकाशवाणी से 50 फ़ीचर का प्रसारण जिसमें कुछ पुरस्कृत भी. शालेय और विश्वविद्यालय स्तर पर लेखन और अध्यापन. धारावाहिक ‘चाचा चौधरी’ के लिए अंशकालीन पटकथा लेखन. हिन्दी गुजराती के अलावा छत्तीसगढ़ी, उड़िया, बँगला और पंजाबी भाषा का ज्ञान. संप्रति स्वतंत्र पत्रकार।
संपर्क:
डॉ. महेश परिमल, टी-3, 204 सागर लेक व्यू होम्स, वृंदावन नगर, अयोघ्या बायपास, भोपाल. 462022.
ईमेल -
parimalmahesh@gmail.com
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वाह, ये अभिनव प्रयोग है. मुझे बड़ी खुशी हुयी कि मेरी ग़ज़लों को इतना पसंद किया गया, उसे स्वर दे कर उसे और प्रभावशाली बनाया गया है. आभारी हूँ . बहुत-बहुत धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंभारती परिमल का हार्दिक आभार.
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