गुरुवार, 11 मार्च 2010

अब पौधों से बनेगा मिंट्टी में खपने वाला प्लास्टिक


सैन फ्रांस्सिको। प्लास्टिक अब औद्योगिक कचरा नहीं रहेगा। हाल ही में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि धरती के पर्यावरण के अनुकूल पौधों से प्लास्टिक बनाने में उन्होंने कामयाबी हासिल कर ली है। यानी अब नए किस्म का प्लास्टिक मिट्टी में आसानी से गल जाएगा और पर्यावरण के लिए घातक कचरा नहीं बनेगा। साथ ही यह कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों की रोकथाम में भी कारगर होगा। आईबीएम के शोधकर्ताओं ने एक ऐसा तरीका इजाद किया है जिससे प्लास्टिक बनाने के लिए पेट्रोलियम पदार्थो की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। नया प्लास्टिक जैविक रसायन से बना होगा और यह पर्यावरण को दूषित नहीं करेगा। स्वास्थ्य के लिए भी यह बेहद फायदेमंद साबित होगा।
आईबीएम के नॉर्थ कैलिफोर्निया स्थित अलमदेन रिसर्च सेंटर के विज्ञान और तकनीकी विभाग के मैनेजर चंद्रशेखर नारायण ने कहा कि यह नई खोज प्लास्टिक उद्योग जगत के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। ये प्लास्टिक बनेगा कैसे? इस सवाल पर चंद्रशेखर ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में जैविक चीजों का इस्तेमाल किया जाएगा। सड़ी-गली चीजों को नए प्राकृतिक तरीके से दोबारा बनाया जाएगा। जैविक कचरे को रीसाइकिल करके जैविक रूप से गल जाने वाले अणुओं में तब्दील किया जाएगा।
पौधों से प्लास्टिक बनाने के लिए आगे भी और नए आयाम छूने की गुंजाइश है। इस प्लास्टिक में पर्यावरण के साथ इसका और भी अधिक तालमेल बनाने की कोशिशें जारी हैं। अब खाने के डिब्बों और पैकेजिंग में इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक को और स्वास्थ्यवर्धक बनाया जाएगा।

2 टिप्‍पणियां:

Post Labels