शनिवार, 29 अगस्त 2009
खूब अवसर हिंदी में
अब हिंदी केवल राजभाषा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वैश्विक बाजार में भी अपनी जगह बना रही है। चाहे वह अध्यापन का कार्य हो या कॉल सेंटर्स, टूरिज्म और इंटरप्रेटर का, सभी में अवसर ही अवसर हैं।
आवश्यक गुण
जहां तक स्किल का सवाल है, तो छात्र को हिंदी ऑनर्स या एमए करते समय भाषा की अच्छी समझ जरूरी है। हिंदी भाषा और साहित्य का अध्ययन एक गहन पठन-पाठन की प्रक्रिया है। पढने-लिखने, विचार करने और किसी भी सिद्धांत और उसके व्यावहारिक पक्ष को समझने का भरपूर मौका इस क्षेत्र में मिलता है।
इस संबंध में दिल्ली के सत्यवती कॉलेज के प्रोफेसर मुकेश मानस का कहना है कि इसमें कविता, कहानी के अलावा मीडिया, अनुवाद और रचनात्मक लेखन जैसी कई चीजें हैं, जो करियर बनाने में मदद करती हैं। हिंदी से ऑनर्स करने वालों को नौकरी के लिए कोई दिक्कत नहीं होती। वे विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में हो सकते हैं। ऐसे अनेक क्षेत्र हैं, जहां छात्र अपनी किस्मत आजमा सकते हैं, जैसे -
अध्यापन
हिंदी से बीए व बीएड करने के बाद स्कूलों में हिंदी अध्यापक की नौकरी मिल जाती है। कॉलेज के स्तर पर अध्यापन करने वाले छात्रों को एमए के बाद एमफिल और पीएचडी करने के बाद कॉलेज में प्रवक्ता का पद मिल जाता है। पीएचडी होल्डर कॉलेज व विश्वविद्यालय स्तर पर देश में कहीं भी लेक्चरर की नौकरी पा सकते हैं। अध्यापन के लंबे अनुभव पर वे रीडर व प्रोफेसर भी बन सकते हैं।
मीडिया
हिंदी से स्नातक करने वालों के लिए मीडिया एक बडा अवसर लेकर आया है। देश-विदेश में फैला यह जाल हिंदी के छात्रों को कई तरह से काम करने का अवसर प्रदान करता है। हिंदी भाषा पर अच्छी पकड होने के कारण छात्रों को पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रवेश करने में आसानी होती है। स्टूडेंट्स बीए य एमए के बाद पत्रकारिता का डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं। यह कोर्स करने के बाद किसी भी पत्र-पत्रिका में रिपोर्टर या उप संपादक बन सकते हैं।
भारत सरकार का करीब हर संस्थान अपने यहां से हिंदी में पत्र-पत्रिकाएं प्रकाशित करता है। इन पत्रिकाओं में प्रकाशन से लेकर संपादन तक में हिंदी के छात्रों की जरूरत पडती है। प्रिंट मीडिया के अलावा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी हिंदी जानने वालों को प्राथमिकता दी जाती है। इसके अलावा रेडियो में भी रोजगार के अनेक अवसर हैं।
पर्यटन
पर्यटन के क्षेत्र में भी इनके लिए रोजगार के अवसर हैं। इस क्षेत्र में बेहतर करने के लिए कल्चरल टूरिज्म मैनेजमेंट में भी डिप्लोमा कर सकते हैं।
फिल्म
फिल्म और टीवी सीरियल में भी आप अपनी किस्मत आजमा सकते हैं। यदि आपको शब्दों से खेलने में मजा आता है, तो आपको यहां भी काम मिल सकता है और आपकी कल्पना उडान भरती है, तो स्क्रिप्ट राइटर के तौर पर आप यहां कोशिश कर सकते हैं। इसके अलावा आप गीतकार भी बन सकते हैं।
हिंदी अधिकारी
हिंदी के छात्रों के लिए विभिन्न बैंक राजभाषा अधिकारी की नियुक्ति करते हैं। हिंदी भाषा अधिनियम का प्रावधान है कि सभी संस्थानों में हिंदी अधिकारी को रखना पडेगा। भारत सरकार व निजी संस्थान में हिंदी अधिकारी के रूप में काम करने का अवसर सामने आता है। देश-विदेश में सरकारी संस्थानों में हिंदी सलाहकार के रूप में भी काम करने का अवसर भी मिल सकता है।
अनुवादक
यदि आप किसी दूसरी भाषा पर पकड रखते हैं, तो अनुवादक भी बन सकते हैं। विभिन्न ट्रेवल एजेंसियां और सरकारी व निजी संस्थान ऐसे लोगों को मौका देते हैं। मीडिया के क्षेत्र में भी ऐसे लोगों की काफी डिमांड होती है।
हिंदी का ज्ञान होने के साथ-साथ आपको अंग्रेजी का भी ज्ञान होना चाहिए। कर्मचारी चयन आयोग हर साल हिंदी अनुवादकों की भर्ती करता है।
विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा
हिंदी से स्नातक करने के बाद विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होकर बैंक, न्यायिक सेवा, सिविल सर्विस और स्टेट सर्विस के अलावा रेलवे व बैंक आदि में भी नौकरी के बेहतर अवसर हो सकते हैं।
अन्य क्षेत्र
हिंदी भाषा और साहित्य के छात्र लिंग्विस्टिक का भी कोर्स कर सकते हैं और अच्छी नौकरी पा सकते हैं। इसके साथ ही अगर हिंदी में अच्छी पकड है, तो क्रिकेट कमेंटरी से लेकर फैशन जगत व एड एजेंसी और एनजीओ में भी करियर बनाया जा सकता है।
संध्या रानी
लेबल:
प्रबंधन
जीवन यात्रा जून 1957 से. भोपाल में रहने वाला, छत्तीसगढ़िया गुजराती. हिन्दी में एमए और भाषा विज्ञान में पीएच.डी. 1980 से पत्रकारिता और साहित्य से जुड़ाव. अब तक देश भर के समाचार पत्रों में करीब 2000 समसामयिक आलेखों व ललित निबंधों का प्रकाशन. आकाशवाणी से 50 फ़ीचर का प्रसारण जिसमें कुछ पुरस्कृत भी. शालेय और विश्वविद्यालय स्तर पर लेखन और अध्यापन. धारावाहिक ‘चाचा चौधरी’ के लिए अंशकालीन पटकथा लेखन. हिन्दी गुजराती के अलावा छत्तीसगढ़ी, उड़िया, बँगला और पंजाबी भाषा का ज्ञान. संप्रति स्वतंत्र पत्रकार।
संपर्क:
डॉ. महेश परिमल, टी-3, 204 सागर लेक व्यू होम्स, वृंदावन नगर, अयोघ्या बायपास, भोपाल. 462022.
ईमेल -
parimalmahesh@gmail.com
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हिन्दी के साथ स्वयं
जवाब देंहटाएंऔर
स्वयं के साथ हिंदी
दोनों के आगे बढ़ने के लिए
बेहतरीन जानकारी है।
बेहद जानकारीपूर्ण आलेख है .. आजकल कई क्षेत्रों में हिन्दी का महत्व बढता जा रहा है !!
जवाब देंहटाएंbhut accha likha ha tumne
जवाब देंहटाएं