शनिवार, 4 जून 2016
राष्ट्रप्रेम की कविताएँ - खलील कुरैशी
मध्यप्रदेश के शाजापुर में जन्मे खलील कुरैशी बाल कवि के रूप में जाने जाते हैं। उनके अंदर राष्ट्रप्रेम कूट-कूट कर भरा हुआ है। उनका कहना है कि हमारी कविताओं ने आजादी की लड़ाई में मुख्य भूमिका निभाई है। अब उसे सामाजिक निर्माण और राष्ट्रीय सदभाव की दिशा में भी मुख्य भूमिका निभानी है। हमें इसके बीज बालमन में डालने होंगे। हर बालक पहले भारतीय है, फिर हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई है। अनेकता में एकता की भावना का यह ककहरा हमें ही सिखाना होगा। वे इसी दिशा में प्रयासरत होकर कई राष्ट्र प्रेम से जुड़ी कविताओं की रचना कर चुके हैं। यहाँ उनकी कुछ चुनिंदा कविताएँ प्रस्तुत हैं। कविता का अंश… यह भारत देश हमारा है, सबकी आँखों का तारा है। हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई, हैं सभी इसके शैदाई, इसकी खातिर हम जीएँ मरें, यही सच्चा स्वर्ग हमारा है। यह भारत देश हमारा है। इस गुलशन में नए रंग लिए, निखरा है खून शहीदों का, जब-जब भी इस पर वक्त पड़ा, मिल दुश्मन को ललकारा है, यह भारत देश हमारा है। आओ मिलकर संकल्प करें, भारत माँ की रक्षा के लिए, इसी श्यामल रज में मुक्ति हो, इसी माँ ने हमें उपकारा है, यह भारत देश हमारा है। ऐसी ही राष्ट्रप्रेम से जुड़ी अन्य कविताओं का आनंद ऑडियो की मदद से लीजिए…
लेबल:
कविता,
दिव्य दृष्टि
जीवन यात्रा जून 1957 से. भोपाल में रहने वाला, छत्तीसगढ़िया गुजराती. हिन्दी में एमए और भाषा विज्ञान में पीएच.डी. 1980 से पत्रकारिता और साहित्य से जुड़ाव. अब तक देश भर के समाचार पत्रों में करीब 2000 समसामयिक आलेखों व ललित निबंधों का प्रकाशन. आकाशवाणी से 50 फ़ीचर का प्रसारण जिसमें कुछ पुरस्कृत भी. शालेय और विश्वविद्यालय स्तर पर लेखन और अध्यापन. धारावाहिक ‘चाचा चौधरी’ के लिए अंशकालीन पटकथा लेखन. हिन्दी गुजराती के अलावा छत्तीसगढ़ी, उड़िया, बँगला और पंजाबी भाषा का ज्ञान. संप्रति स्वतंत्र पत्रकार।
संपर्क:
डॉ. महेश परिमल, टी-3, 204 सागर लेक व्यू होम्स, वृंदावन नगर, अयोघ्या बायपास, भोपाल. 462022.
ईमेल -
parimalmahesh@gmail.com
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Post Labels
- अतीत के झरोखे से
- अपनी खबर
- अभिमत
- आज का सच
- आलेख
- उपलब्धि
- कथा
- कविता
- कहानी
- गजल
- ग़ज़ल
- गीत
- चिंतन
- जिंदगी
- तिलक हॊली मनाएँ
- दिव्य दृष्टि
- दिव्य दृष्टि - कविता
- दिव्य दृष्टि - बाल रामकथा
- दीप पर्व
- दृष्टिकोण
- दोहे
- नाटक
- निबंध
- पर्यावरण
- प्रकृति
- प्रबंधन
- प्रेरक कथा
- प्रेरक कहानी
- प्रेरक प्रसंग
- फिल्म संसार
- फिल्मी गीत
- फीचर
- बच्चों का कोना
- बाल कहानी
- बाल कविता
- बाल कविताएँ
- बाल कहानी
- बालकविता
- भाषा की बात
- मानवता
- यात्रा वृतांत
- यात्रा संस्मरण
- रेडियो रूपक
- लघु कथा
- लघुकथा
- ललित निबंध
- लेख
- लोक कथा
- विज्ञान
- व्यंग्य
- व्यक्तित्व
- शब्द-यात्रा'
- श्रद्धांजलि
- संस्कृति
- सफलता का मार्ग
- साक्षात्कार
- सामयिक मुस्कान
- सिनेमा
- सियासत
- स्वास्थ्य
- हमारी भाषा
- हास्य व्यंग्य
- हिंदी दिवस विशेष
- हिंदी विशेष
जवाब देंहटाएंखलील कुरैशी जी की देशप्रेम की सुन्दर रचना के साथ परिचय कराने हेतु आभार!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ..