मंगलवार, 21 जून 2016
बाल कहानी - मूर्खता की नदी - सुधा भार्गव
कहानी का अंश... एक लड़का था। उसका नाम था मुरली। वह वकील साहब के घर काम करता। वकील साहब ज्यादातर लाइब्रेरी में ही अपना समय बिताया करते। वहाँ छोटी-बड़ी, पतली-मोटी किताबों की भीड़ लगी थी।
मुरली को किताबें बहुत पसंद थीं I मगर वह उनकी भाषा नहीं समझता था। खिसिया कर अपना सिर खुजलाने लगताI उसकी हालत देख किताबें खिलखिला कर हँसने लगतीं।
एक दिन उसने वकील साहब को मोटी-सी किताब पढ़ते देखा। उनकी नाक पर चश्मा रखा था। जल्दी-जल्दी उसके पन्ने पलट रहे थे I कुछ सोच कर वह कबाड़ी की दुकान पर गया जहाँ पुरानी और सस्ती किताबें मिलती थीं।
"चाचा मुझे बड़ी-सी, मोटी-सी किताब दे दो"
"किताब का नाम?"
"कोई भी चलेगी.... कोई भी दौड़ेगी...!"
"तू अनपढ़... किताब की क्या जरूरत पड़ गईI"
"पढूँगा"
"पढ़ेगा...! चाचा की आँखों से हैरानी टपकने लगी!"
"कैसे पढ़ेगा?"
"बताऊँ..."
"बता तो, तेरी खोपड़ी में क्या चल रहा हैI"
"बताऊँ... बताऊँ..."
मुरली धीरे से उठा, कबाड़ी की तरफ बढ़ा और उसका चश्मा खींच कर भाग गया।
भागते-भागते बोला - "चाचा, चश्मा लगाने से सब पढ़ लूंगाI मेरा मालिक ऐसे ही पढ़ता है। दो-तीन दिन बाद तुम्हारा चश्मा, और किताब लौटा जाऊँगा।" आगे की कहानी जानिए ऑडियो की मदद से...
लेबल:
दिव्य दृष्टि,
बाल कहानी
जीवन यात्रा जून 1957 से. भोपाल में रहने वाला, छत्तीसगढ़िया गुजराती. हिन्दी में एमए और भाषा विज्ञान में पीएच.डी. 1980 से पत्रकारिता और साहित्य से जुड़ाव. अब तक देश भर के समाचार पत्रों में करीब 2000 समसामयिक आलेखों व ललित निबंधों का प्रकाशन. आकाशवाणी से 50 फ़ीचर का प्रसारण जिसमें कुछ पुरस्कृत भी. शालेय और विश्वविद्यालय स्तर पर लेखन और अध्यापन. धारावाहिक ‘चाचा चौधरी’ के लिए अंशकालीन पटकथा लेखन. हिन्दी गुजराती के अलावा छत्तीसगढ़ी, उड़िया, बँगला और पंजाबी भाषा का ज्ञान. संप्रति स्वतंत्र पत्रकार।
संपर्क:
डॉ. महेश परिमल, टी-3, 204 सागर लेक व्यू होम्स, वृंदावन नगर, अयोघ्या बायपास, भोपाल. 462022.
ईमेल -
parimalmahesh@gmail.com
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Post Labels
- अतीत के झरोखे से
- अपनी खबर
- अभिमत
- आज का सच
- आलेख
- उपलब्धि
- कथा
- कविता
- कहानी
- गजल
- ग़ज़ल
- गीत
- चिंतन
- जिंदगी
- तिलक हॊली मनाएँ
- दिव्य दृष्टि
- दिव्य दृष्टि - कविता
- दिव्य दृष्टि - बाल रामकथा
- दीप पर्व
- दृष्टिकोण
- दोहे
- नाटक
- निबंध
- पर्यावरण
- प्रकृति
- प्रबंधन
- प्रेरक कथा
- प्रेरक कहानी
- प्रेरक प्रसंग
- फिल्म संसार
- फिल्मी गीत
- फीचर
- बच्चों का कोना
- बाल कहानी
- बाल कविता
- बाल कविताएँ
- बाल कहानी
- बालकविता
- भाषा की बात
- मानवता
- यात्रा वृतांत
- यात्रा संस्मरण
- रेडियो रूपक
- लघु कथा
- लघुकथा
- ललित निबंध
- लेख
- लोक कथा
- विज्ञान
- व्यंग्य
- व्यक्तित्व
- शब्द-यात्रा'
- श्रद्धांजलि
- संस्कृति
- सफलता का मार्ग
- साक्षात्कार
- सामयिक मुस्कान
- सिनेमा
- सियासत
- स्वास्थ्य
- हमारी भाषा
- हास्य व्यंग्य
- हिंदी दिवस विशेष
- हिंदी विशेष
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें