सोमवार, 31 अक्तूबर 2016
कविताएँ - शैलजा दुबे
कविता का अंश...
ज़िंदगी....मेरी नज़र में
ज़िंदगी एक आइना है,
सुख-दुख का मुआयना है।
खूबसूरत है, खुशगंवार है।
गुल से गुलशन गुलज़ार है।
ज़िंदगी सरगम है, संगीत है।
साजन से रूठा हुआ मीत है।
आलाप है, मल्हार है।
दुल्हन का सोलह श्रृंगार है।
ज़िंदगी सुबह है, शाम है।
आने जाने का नाम है।
कभी मीठी, कभी खट्टी है।
पहली बारिश से भीगी मिट्टी है।
ज़िंदगी नग़मा है, गज़ल है।
खेतों में लहराती फसल है।
कभी तकरार है, कभी प्यार है।
पहली मोहब्बत का इज़हार है।
ज़िंदगी वेदना भरी पुकार है।
मीठी सी थपकी दुलार है।
कभी ईर्षा कभी तिरस्कार है।
कभी सराहना कभी पुरस्कार है।
ज़िंदगी कभी आशा है, कभी निराशा है।
कभी मौन कभी भाषा है।
इसमें यादों के निशान हैं।
बंजर ज़मीन को उपजाता किसान है।
ज़िंदगी कभी बेसुरी, कभी सुरीली है।
सखी, सहेली, हमजोली है।
कभी उतार कभी चढ़ाव है।
कभी हलचल कभी ठहराव है।
ज़िंदगी कविता है, शायरी है।
किसी की यादों को समेटे डायरी है।
ज़िंदगी कभी मुकम्मल, कभी अधूरी है।
विश्वास पर घूमती धुरी है।
पिता की उँगली थामे हुए लाडला है।
माँ के संस्कारों से पल्लवित पौधा है।
ज़िंदगी लुत्फ़ है, खुमार है।
बागों में इठलाती हुई बहार है।
बचपन है,खिलौना है।
माथे पर लगा हुआ डिठौना है।
ज़िंदगी एक खुली किताब है।
फ़लक पर चमकता हुआ आफ़ताब है।
कभी ज़ख्म है, कभी मलहम है।
फूल की पंखुड़ी पर ठहरी हुई शबनम है।
ज़िंदगी दुर्योधन है, कंस है।
अपनों को डसता हुआ दंश है।
जिंदगी जिंदादिली की मिसाल है।
अंधेरे में जलती हुई मशाल है।
ऐसी ही अन्य भावपूर्ण कविता का आनंद ऑडियो की मदद से लीजिए....
लेबल:
कविता,
दिव्य दृष्टि
जीवन यात्रा जून 1957 से. भोपाल में रहने वाला, छत्तीसगढ़िया गुजराती. हिन्दी में एमए और भाषा विज्ञान में पीएच.डी. 1980 से पत्रकारिता और साहित्य से जुड़ाव. अब तक देश भर के समाचार पत्रों में करीब 2000 समसामयिक आलेखों व ललित निबंधों का प्रकाशन. आकाशवाणी से 50 फ़ीचर का प्रसारण जिसमें कुछ पुरस्कृत भी. शालेय और विश्वविद्यालय स्तर पर लेखन और अध्यापन. धारावाहिक ‘चाचा चौधरी’ के लिए अंशकालीन पटकथा लेखन. हिन्दी गुजराती के अलावा छत्तीसगढ़ी, उड़िया, बँगला और पंजाबी भाषा का ज्ञान. संप्रति स्वतंत्र पत्रकार।
संपर्क:
डॉ. महेश परिमल, टी-3, 204 सागर लेक व्यू होम्स, वृंदावन नगर, अयोघ्या बायपास, भोपाल. 462022.
ईमेल -
parimalmahesh@gmail.com
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