शुक्रवार, 21 अक्तूबर 2016
तिरंगे के बारे में कुछ जानकारियाँ….
लेख का अंश…
प्रत्येक देश का राष्ट्रीय ध्वज उस देश का प्रतीक होता है। इसलिए हर नागरिक का यह कर्तव्य होता है कि वह अपने राष्ट्र के पावन प्रतीक का निष्ठापूर्वक सम्मान करे। भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के नाम से जाना जाता है। हमारे इस ध्वज में तीन समान लंबाई-चौड़ाई वाली पट्टियाँ हैं। सबसे ऊपर त्याग की प्रतीक केसरिया, बीच में निर्मलता की प्रतीक सफेद और नीचे देश की समृद्धि और विकास की प्रतीक हरी पट्टी है। वास्तव में तिरंगे में चौथे रंग का भी प्रयोग हुआ है। यह रंग है नीला। ध्वज के मध्य में सफेद पट्टी पर अशोक चक्र इसी रंग में है। यह रंग नीले आकाश और सागर का प्रतीक है। चक्र में तीलियाँ हैं, जो 24 घंटे चलने वाली विकास की गति का प्रतीक है। आमतौर पर दुनिया भर में राष्ट्रीय ध्वज सूर्योदय के समय फहराए जाते हैं और सूर्यास्त के समय उतार लिए जाते हैं।
राष्ट्रीय ध्वज को फहराते या उतारते समय सम्मान के लिए सावधान की मुद्रा में खड़े रहना चाहिए। राष्ट्रीय ध्वज को फहराने या उसके प्रदर्शन के समय उसे किसी व्यक्ति या वस्तु विशेष के सामने झुकाना नहीं चाहिए। ऐसी ही राष्ट्रीय ध्वज से जुड़ी कुछ विेशेष नियमावली के बारे में ऑडियो की मदद से जानिए…
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दिव्य दृष्टि,
लेख
जीवन यात्रा जून 1957 से. भोपाल में रहने वाला, छत्तीसगढ़िया गुजराती. हिन्दी में एमए और भाषा विज्ञान में पीएच.डी. 1980 से पत्रकारिता और साहित्य से जुड़ाव. अब तक देश भर के समाचार पत्रों में करीब 2000 समसामयिक आलेखों व ललित निबंधों का प्रकाशन. आकाशवाणी से 50 फ़ीचर का प्रसारण जिसमें कुछ पुरस्कृत भी. शालेय और विश्वविद्यालय स्तर पर लेखन और अध्यापन. धारावाहिक ‘चाचा चौधरी’ के लिए अंशकालीन पटकथा लेखन. हिन्दी गुजराती के अलावा छत्तीसगढ़ी, उड़िया, बँगला और पंजाबी भाषा का ज्ञान. संप्रति स्वतंत्र पत्रकार।
संपर्क:
डॉ. महेश परिमल, टी-3, 204 सागर लेक व्यू होम्स, वृंदावन नगर, अयोघ्या बायपास, भोपाल. 462022.
ईमेल -
parimalmahesh@gmail.com
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