शुक्रवार, 14 अक्तूबर 2016
कविता - अम्मा की चिट्ठी - अरुण आदित्य
कविता का अंश...
गाँवों की पगडण्डी जैसे,
टेढ़े अक्षर डोल रहे हैं ।
अम्मा की ही है यह चिट्ठी,
एक-एक कर बोल रहे हैं ।
अड़तालीस घंटे से छोटी,
अब तो कोई रात नहीं है।
पर आगे लिखती है अम्मा,
घबराने की बात नहीं है ।
दीया बत्ती माचिस सब है,
बस थोड़ा सा तेल नहीं है।
मुखिया जी कहते इस जुग में,
दिया जलाना खेल नहीं है।
गाँव देश का हाल लिखूँ क्या,
ऐसा तो कुछ खास नहीं है।
चारों ओर खिली है सरसों,
पर जाने क्यों वास नहीं है।
केवल धड़कन ही गायब है ,
बाकी सारा गाँव वही है।
नोन तेल सब कुछ महंगा है,
इन्सानों का भाव वही है ।
रिश्तों की गर्माहट गायब,
जलता हुआ अलाव वही है।
शीतलता ही नहीं मिलेगी,
आम नीम की छाँव वही है।
टूट गया पुल गंगा जी का,
लेकिन अभी बहाव वही है।
मल्लाहा तो बदल गया पर,
छेदों वाली नाव वही है।
बेटा सुना शहर में तेरे,
मार-काट का दौर चल रहा।
कैसे लिखूँ यहाँ आ जाओ,
उसी आग में गाँव जल रहा।
कर्फ्यू यहाँ नहीं लगता,
पर कर्फ्यू जैसा लग जाता है।
रामू का वह जिगरी जुम्मन,
मिलने से अब कतराता है।
इस अधूरी कविता को पूरा सुनने के लिए ऑडियो की मदद लीजिए...
लेबल:
कविता,
दिव्य दृष्टि
जीवन यात्रा जून 1957 से. भोपाल में रहने वाला, छत्तीसगढ़िया गुजराती. हिन्दी में एमए और भाषा विज्ञान में पीएच.डी. 1980 से पत्रकारिता और साहित्य से जुड़ाव. अब तक देश भर के समाचार पत्रों में करीब 2000 समसामयिक आलेखों व ललित निबंधों का प्रकाशन. आकाशवाणी से 50 फ़ीचर का प्रसारण जिसमें कुछ पुरस्कृत भी. शालेय और विश्वविद्यालय स्तर पर लेखन और अध्यापन. धारावाहिक ‘चाचा चौधरी’ के लिए अंशकालीन पटकथा लेखन. हिन्दी गुजराती के अलावा छत्तीसगढ़ी, उड़िया, बँगला और पंजाबी भाषा का ज्ञान. संप्रति स्वतंत्र पत्रकार।
संपर्क:
डॉ. महेश परिमल, टी-3, 204 सागर लेक व्यू होम्स, वृंदावन नगर, अयोघ्या बायपास, भोपाल. 462022.
ईमेल -
parimalmahesh@gmail.com
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Post Labels
- अतीत के झरोखे से
- अपनी खबर
- अभिमत
- आज का सच
- आलेख
- उपलब्धि
- कथा
- कविता
- कहानी
- गजल
- ग़ज़ल
- गीत
- चिंतन
- जिंदगी
- तिलक हॊली मनाएँ
- दिव्य दृष्टि
- दिव्य दृष्टि - कविता
- दिव्य दृष्टि - बाल रामकथा
- दीप पर्व
- दृष्टिकोण
- दोहे
- नाटक
- निबंध
- पर्यावरण
- प्रकृति
- प्रबंधन
- प्रेरक कथा
- प्रेरक कहानी
- प्रेरक प्रसंग
- फिल्म संसार
- फिल्मी गीत
- फीचर
- बच्चों का कोना
- बाल कहानी
- बाल कविता
- बाल कविताएँ
- बाल कहानी
- बालकविता
- भाषा की बात
- मानवता
- यात्रा वृतांत
- यात्रा संस्मरण
- रेडियो रूपक
- लघु कथा
- लघुकथा
- ललित निबंध
- लेख
- लोक कथा
- विज्ञान
- व्यंग्य
- व्यक्तित्व
- शब्द-यात्रा'
- श्रद्धांजलि
- संस्कृति
- सफलता का मार्ग
- साक्षात्कार
- सामयिक मुस्कान
- सिनेमा
- सियासत
- स्वास्थ्य
- हमारी भाषा
- हास्य व्यंग्य
- हिंदी दिवस विशेष
- हिंदी विशेष
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें