मंगलवार, 26 अप्रैल 2016
बाल कविता - देश हमारा - पीहू हजारिका
कविता का कुछ अंश...
सबसे
सुंदर, सबसे प्यारा, देश हमारा।
ऊँचा पर्वतराज हिमालय, पहने हिम का ताज हिमालय,
कंचन नदियाँ
दूध की धारा
देश हमारा।
धवल हिमालय का यह प्रांगण
गंगा
नित धोती है आँगन
मेघ बरसते, रस की धारा
देश हमारा
लहरें आ चरणाें को धोती,
बिखरातीं ला-लाकर मोती
सिर धुनता है, सागर खारा
देश हमारा...
पूरी कविता सुनने के लिए ऑडियो की मदद लीजिए...
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दिव्य दृष्टि,
बाल कविता

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