शनिवार, 30 अप्रैल 2016

अकबर-बीरबल की कहानी - 2

कंजूस व्यापारी... कहानी का कुछ अंश... अकबर के राज्य में हरिनाथ नाम का एक व्यक्ति रहता था। हरिनाथ एक प्रतिभाशाली चित्रकार था। वह चित्र बनाकर अपना जीवन व्यतीत करता था। क्योंकि वह चित्रकारी में बहुत अच्छा था, इसलिए वह पूरे राज्य में प्रसिद्ध था। दूर दराज के क्षेत्रों के अमीर लोग उससे अपना चित्र बनाने का आग्रह करते थे। हरिनाथ एक चित्र बनाने में बहुत समय लगाता था, क्योंकि वह पहले उसकी पूरी जानकारी इकट्ठी करता था इसी कारण उसके चित्र जीवित प्रतीत होते थे। परंतु वह बहुत पैसे नहीं कमा पाता था और कमाया हुआ अधिकतर धन चित्र बनाने के लिए कच्चे माल की खरीद में खर्च हो जाता था। एक दिन एक अमीर व्यापारी ने हरिनाथ को एक चित्र बनाने के लिए आमंत्रित किया। हरिनाथ इस उम्मीद से व्यापारी के घर गया कि यह उसे उसके काम के अच्छे पैसे दे देगा। वह कुछ दिनों के लिए वहां रूका और उसने व्यापारी को अपनी चित्रकारी से संतुष्ट करने के लिए कड़ी मेहनत की। किन्तु व्यापारी एक कंजूस व्यक्ति था। जब कुछ दिनों की कड़ी मेहनत के बाद चित्र पूरा हो गया, तब हरिनाथ उसे व्यापारी के पास ले गया। कंजूस व्यापारी ने मन में सोचा, ”यह चित्र तो वास्तव में बहुत अच्छा है किन्तु यदि मैंने इसकी सुन्दरता की तारीफ करी, तो मुझे हरिनाथ को सोने के सौ सिक्के अदा करने होंगे।“ इसलिए व्यापारी ने चित्र में गलतियां ढूंढनी शुरू कर दी। उसने कहा, ”तुम ने इसमें मेरे बाल सफेद कर दिये और मुझे ऐसा दिखा दिया कि मैं बूढ़ा हो गया हूं। मैं इसका भुगतान नहीं करूंगा।“ हरिनाथ हैरान रह गया। वह नहीं जानता था कि व्यापारी उसे चित्रकारी के पैसे नहीं देना चाहता था, इसलिए चित्र में गलतियां ढूंढ रहा है। हरिनाथ ने कहा, ”मेरे मालिक! यदि आप चाहें, तो मैं यह चित्र दुबारा बना देता हूं। इसलिए उसने सफेद बालों को ढक दिया। किंतु व्यापारी ने जब दुबारा बने चित्र को देखा, तो वह उसमें गलतियां निकालने लगा। उसने कहा, ”इसमें तो मेरी एक आंख दूसरी आंख से छोटी है। मैं तुम्हें इस बकवास चित्र के लिए कोई भुगतान नहीं करूंगा।“ हरिनाथ ने फिर से चित्र को सुधारने की पेशकश की चित्र बनाने के लिए कुछ समय मांगकर वहां से चला गया। हर बार हरिनाथ व्यापारी के पास चित्र लेकर जाता, परंतु वह उसमें और गलतियां दिखाने लगता। अंत में जब हरिनाथ व्यापारी से थक गया तब वह बीरबल के पास सहायता मांगने गया। बीरबल ने उस चित्रकार की सहायता की या नहीं और यदि की भी तो किस प्रकार... ये जानने के लिए ऑडियो की मदद लीजिए...

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