मंगलवार, 23 अगस्त 2016
बाल कहानी – जन्मदिन का उपहार – किशोर तारे
कहानी का अंश….
मिनी चूहा और बिल्लू बिल्ला दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे। दोनों का जन्मदिन भी एक ही दिन आता था। सारे दोस्त आ-आकर बिल्लू को बधाई दे रहे थे। वह बहुत खुश था। फिर वह अपने दोस्त मिनी को जन्मदिवस की बधाई देने के लिए घर से निकल पड़ा। मिनी चूहा अपने भाई-बहनों और माता-पिता के साथ नदी किनारे रहता था। वह बेसब्री से अपने मित्र बिल्लू बिल्ला का इंतजार कर रहा था। दोनों ने जब एक-दूसरे को देखा तो खुशी के मारे चिल्ला पड़े – हेप्पी बर्थ डे टू यू। बिल्लू और मिनी की दोस्ती पूरे जंगल में मशहूर थी। दोनों ने एक-दूसरे को जन्मदिवस की मुबारकबाद दी। फिर मिनी अपने दोस्त बिल्लू को अपने घर ले गया। वहाँ उसकी मम्मी ने उन दोनों के लिए मिठाई बनाई थी। मिठाई के साथ-साथ उन्हें खूब सारा आशीर्वाद भी दिया। दोनों दोस्त फिर खेलने के लिए बाहर निकल पड़े। खेलते-खेलते बहुत देर हो गई। अब बिल्लू को अपने घर की याद आई। पापा उसका इंतजार कर रहे होंगे। उन्होंने शाम को स्पेशल चीज बनवाने के लिए बोला है। पता नहीं क्या बनाएँगे। बिल्लू ने अपने दोस्त मिनी को भी शाम को घर आने की दावत दी और वह अपने घर की ओर चल पड़ा। जब पापा ने उसे प्यार से गले लगाया तो पापा के प्रति उसका डर खत्म हुआ। उसने पापा से पूछा कि वे उसे क्या स्पेशल चीज देंगे? लेकिन पापा ने शाम को ही पता चलेगा कह कर उसे खेलने भेज दिया और वे मम्मी के साथ मिलकर शाम की दावत की तैयारी में लग गए। बिल्लू ने घर के अंदर जाकर दूध पिया और बाहर खेलने के लिए निकल पड़ा। जब वह बाहर निकल रहा था तो उसने मम्मी-पापा के बीच होने वाली बातचीत सुन ली। बातचीत सुनकर वह परेशान हो गया। उसे कुछ सूझ नहीं रहा था। वह क्या करे? आखिर बिल्लू ने ऐसी क्या बात सुनी कि वह परेशान हो गया? यह जानने के लिए ऑडियो की मदद लीजिए…
लेबल:
दिव्य दृष्टि,
बाल कहानी
जीवन यात्रा जून 1957 से. भोपाल में रहने वाला, छत्तीसगढ़िया गुजराती. हिन्दी में एमए और भाषा विज्ञान में पीएच.डी. 1980 से पत्रकारिता और साहित्य से जुड़ाव. अब तक देश भर के समाचार पत्रों में करीब 2000 समसामयिक आलेखों व ललित निबंधों का प्रकाशन. आकाशवाणी से 50 फ़ीचर का प्रसारण जिसमें कुछ पुरस्कृत भी. शालेय और विश्वविद्यालय स्तर पर लेखन और अध्यापन. धारावाहिक ‘चाचा चौधरी’ के लिए अंशकालीन पटकथा लेखन. हिन्दी गुजराती के अलावा छत्तीसगढ़ी, उड़िया, बँगला और पंजाबी भाषा का ज्ञान. संप्रति स्वतंत्र पत्रकार।
संपर्क:
डॉ. महेश परिमल, टी-3, 204 सागर लेक व्यू होम्स, वृंदावन नगर, अयोघ्या बायपास, भोपाल. 462022.
ईमेल -
parimalmahesh@gmail.com
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