सोमवार, 15 अगस्त 2016
राष्ट्र के शृंगार - श्रीकृष्ण सरल
कविता का अंश...
राष्ट्र के शृंगार! मेरे देश के साकार सपनों!
देश की स्वाधीनता पर आँच तुम आने न देना।
जिन शहीदों के लहू से लहलहाया चमन अपना
उन वतन के लाड़लों की
याद मुर्झाने न देना।
देश की स्वाधीनता पर आँच तुम आने न देना।
तुम न समझो, देश की स्वाधीनता यों ही मिली है,
हर कली इस बाग़ की, कुछ खून पीकर ही खिली है।
मस्त सौरभ, रूप या जो रंग फूलों को मिला है,
यह शहीदों के उबलते खून का ही सिलसिला है।
बिछ गए वे नींव में, दीवार के नीचे गड़े हैं,
महल अपने, शहीदों की छातियों पर ही खड़े हैं।
नींव के पत्थर तुम्हें सौगंध अपनी दे रहे हैं
जो धरोहर दी तुम्हें,
वह हाथ से जाने न देना।
देश की स्वाधीनता पर आँच तुम आने न देना।।
देश के भूगोल पर जब भेड़िये ललचा रहें हो
देश के इतिहास को जब देशद्रोही खा रहे हों
देश का कल्याण गहरी सिसकियाँ जब भर रहा हो
आग-यौवन के धनी! तुम खिड़कियाँ शीशे न तोड़ो,
भेड़ियों के दाँत तोड़ो, गरदनें उनकी मरोड़ो।
जो विरासत में मिला वह, खून तुमसे कह रहा है-
सिंह की खेती
किसी भी स्यार को खाने न देना।
देश की स्वाधीनता पर आँच तुम आने न देना।।
तुम युवक हो, काल को भी काल से दिखते रहे हो,
देश का सौभाग्य अपने खून से लिखते रहे हो।
ज्वाल की, भूचाल की साकार परिभाषा तुम्हीं हो,
देश की समृद्धि की सबसे बड़ी आशा तुम्हीं हो।
ठान लोगे तुम अगर, युग को नई तस्वीर दोगे,
गर्जना से शत्रुओं के तुम कलेजे चीर दोगे।
दाँव पर गौरव लगे तो शीश दे देना विहँस कर,
देश के सम्मान पर
काली घटा छाने न देना।
देश की स्वाधीनता पर आँच तुम आने न देना।
इस अधूरी कविता को पूरा सुनने के लिए ऑडियो की मदद लीजिए...
लेबल:
कविता,
दिव्य दृष्टि

सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Post Labels
- अतीत के झरोखे से
- अपनी खबर
- अभिमत
- आज का सच
- आलेख
- उपलब्धि
- कथा
- कविता
- कहानी
- गजल
- ग़ज़ल
- गीत
- चिंतन
- जिंदगी
- तिलक हॊली मनाएँ
- दिव्य दृष्टि
- दिव्य दृष्टि - कविता
- दिव्य दृष्टि - बाल रामकथा
- दीप पर्व
- दृष्टिकोण
- दोहे
- नाटक
- निबंध
- पर्यावरण
- प्रकृति
- प्रबंधन
- प्रेरक कथा
- प्रेरक कहानी
- प्रेरक प्रसंग
- फिल्म संसार
- फिल्मी गीत
- फीचर
- बच्चों का कोना
- बाल कहानी
- बाल कविता
- बाल कविताएँ
- बाल कहानी
- बालकविता
- भाषा की बात
- मानवता
- यात्रा वृतांत
- यात्रा संस्मरण
- रेडियो रूपक
- लघु कथा
- लघुकथा
- ललित निबंध
- लेख
- लोक कथा
- विज्ञान
- व्यंग्य
- व्यक्तित्व
- शब्द-यात्रा'
- श्रद्धांजलि
- संस्कृति
- सफलता का मार्ग
- साक्षात्कार
- सामयिक मुस्कान
- सिनेमा
- सियासत
- स्वास्थ्य
- हमारी भाषा
- हास्य व्यंग्य
- हिंदी दिवस विशेष
- हिंदी विशेष
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें