सोमवार, 1 अगस्त 2016
कहानी - सबसे प्यारी बहन - शालिनी मुखरैया
कहानी का अंश... शाम को आने दो पापा को, तुम्हारी और पिटाई होगी । ' राहुल की माँ सुनीता ने कहा ।
राहुल एक कोने में सहमा सा खड़ा हुआ था । माँ ने उसकी पिटाई की थी क्योंकि आज फिर उसने अपनी छ. महीने की बहन रुचि को मारा था ।
'न जाने क्या हो गया है इस लड़के को' सुनीता क्रोध में थी ।
जब देखो छोटी बहन पर हाथ चलाता है। '
नन्हीं रुचि के गाल पर ऊँगुलियों की छाप थी । माँ ने राहुल की आवाज नहीं सुनी तो उसका गुस्सा उसने नन्हीं रुचि पर निकाला था । कभी- कभी सुनीता परेशान हो जाती दोनों को संभालते हुए । रूचि के आ जाने से राहुल में अचानक परिवर्तन आ गया था 1
उसे लगने लगा कि रुचि के रूप में उसका प्रतिद्वन्दी घर में आ गया है । बात-बात पर वह घर की चीजें तोड़ता नहीं तो रुचि को तंग करता । कभी उसके चिकोटी काट कर उसको रुला देता तो ? उसकी बोतल की निपल काट देता। हर तरह से सुनीता का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट करने की कोशिश करता ।
शाम को पापा जब घर पर आए तो की शिकायत हुई । समस्या गंभीर । राहुल कहने को छोटा नहीं था । पूरे आठ वर्ष का हो गया था ।
'राहुल इधर आओ' राहुल के पिता बुलाया ।
'तुमने बहन को क्यों मारा? '
राहुल सिर झुकाए खड़ा रहा । एक व थप्पड़ राहुल के गाल पर पड़ा । सुबक पड़ा । मुझ से कोई प्यार नहीं । आप दोनों बस रुचि को ही प्यार करते हैं । मैं यहाँ नहीं रहूँगा । मैं घर छोड़ कर चला जाऊँगा' राहुल रोते हुए अपने कमरे में चला गया ।
राहुल के माता- पिता अवाक थे । बात इतनी गंभीर हो जाएगी ऐसा उन्होंने सोचा भी नहीं था। यदि समय रहते इस समस्या का हल नहीं निकाला गया तो राहुल विद्रोही हो जाएगा । यह बात राहुल के माता- पिता को परेशान किए हुए थी ।
आखिर उन्होंने इस समस्या का क्या हल निकाला? जानने के लिए ऑडियो की मदद लीजिए...
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कहानी,
दिव्य दृष्टि
जीवन यात्रा जून 1957 से. भोपाल में रहने वाला, छत्तीसगढ़िया गुजराती. हिन्दी में एमए और भाषा विज्ञान में पीएच.डी. 1980 से पत्रकारिता और साहित्य से जुड़ाव. अब तक देश भर के समाचार पत्रों में करीब 2000 समसामयिक आलेखों व ललित निबंधों का प्रकाशन. आकाशवाणी से 50 फ़ीचर का प्रसारण जिसमें कुछ पुरस्कृत भी. शालेय और विश्वविद्यालय स्तर पर लेखन और अध्यापन. धारावाहिक ‘चाचा चौधरी’ के लिए अंशकालीन पटकथा लेखन. हिन्दी गुजराती के अलावा छत्तीसगढ़ी, उड़िया, बँगला और पंजाबी भाषा का ज्ञान. संप्रति स्वतंत्र पत्रकार।
संपर्क:
डॉ. महेश परिमल, टी-3, 204 सागर लेक व्यू होम्स, वृंदावन नगर, अयोघ्या बायपास, भोपाल. 462022.
ईमेल -
parimalmahesh@gmail.com
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