मंगलवार, 26 जुलाई 2016
कहानी - आमने-सामने
कहानी - आमने-सामने…
कहानी का अंश…
हजारों वर्ष पहले वाराणसी में ब्रह्मदत्त कुमार नाम का एक युवा राजा राज्य करता था। उसका जीवन बहुत सरल था। वह अपना सारा समय इस प्रयास में लगाता था कि उसकी प्रजा कैसे हमेशा सुखी रहे। वह अपने दरबार में कुछ सच्चे और र्ईमानदार सामन्तों को यह पता लगाने के लिए राज्य भर में क्षद्म भेष में घूमने के लिए भेजता था कि अधिकारी गण प्रजा के साथ कैसा व्यवहार करते हैं? यदि कोई अधिकारी या जमीनदार बेईमान या प्रजा के प्रति निर्दय होता तो राजा के पास उसे चेतावनी या दण्ड के लिए भेज दिया जाता था। इतना ही नहीं, राजा प्रजा को आपसी समझदारी और सामंजस्य बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित भी करता था। अपने मतभेदों को पारस्परिक सद्भाव से सुलझा लेने की सलाह भी देता था। राजा के मंत्री उनकी समस्याओं पर विचार करने तथा उनका समाधान करने के लिए बैठकें आयोजित किया करते थे। वाराणसी शीघ्र ही शांति और समृद्धि का आश्रय स्थल बन गया। राजा अपने विश्वासपात्रों से पूछते थे कि क्या बता सकते हो कि प्रजा को प्रशासन में कोई दोष दिखाई देता है? लेकिन राजा से कोई शिकायत नहीं करता था। उन्हें राजा से कोई शिकायत ही नहीं थी। परंतु राजा इस बात से संतोष अनुभव नहीं करता था। वे तीर्थयात्री के वेश में गाँव और बाजारों में घूमते थे और आम लोगों के साथ घुलमिल कर उनके विचार जानते-सुनते। उन्होंने कभी भी किसी को निंदा करते हुए नहीं सुना। एक बार उनके मन में विचार आया कि अपने राज्य से बाहर जाकर सीमान्त क्षेत्र में लोगों के विचार जानने चाहिए। वे अपने सारथी को लेकर सीमान्त क्षेत्र का दौरा करन चल पड़े। आगे क्या हुआ? यह जानने के लिए ऑडियो की सहायता लीजिए…
लेबल:
कहानी,
दिव्य दृष्टि
जीवन यात्रा जून 1957 से. भोपाल में रहने वाला, छत्तीसगढ़िया गुजराती. हिन्दी में एमए और भाषा विज्ञान में पीएच.डी. 1980 से पत्रकारिता और साहित्य से जुड़ाव. अब तक देश भर के समाचार पत्रों में करीब 2000 समसामयिक आलेखों व ललित निबंधों का प्रकाशन. आकाशवाणी से 50 फ़ीचर का प्रसारण जिसमें कुछ पुरस्कृत भी. शालेय और विश्वविद्यालय स्तर पर लेखन और अध्यापन. धारावाहिक ‘चाचा चौधरी’ के लिए अंशकालीन पटकथा लेखन. हिन्दी गुजराती के अलावा छत्तीसगढ़ी, उड़िया, बँगला और पंजाबी भाषा का ज्ञान. संप्रति स्वतंत्र पत्रकार।
संपर्क:
डॉ. महेश परिमल, टी-3, 204 सागर लेक व्यू होम्स, वृंदावन नगर, अयोघ्या बायपास, भोपाल. 462022.
ईमेल -
parimalmahesh@gmail.com
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