शुक्रवार, 22 जुलाई 2016

कई कीर्तिमान स्थापित करेगी रजनीकांत की फिल्म ‘कबाली’

डॉ. महेश परिमल
दक्षिण भारत के सुपरस्टार रजनीकांत की फिल्म ‘कबाली’ रिलीज होने वाली है। यह फिल्म पूरे विश्व में एक साथ 12 हजार स्क्रिन पर दिखाई जाएगी। यह फिल्म निश्चित रूप से हिट होगीइसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है। इस फिल्म को लेकर तमिलनाड़ु के दूधवालों ने सभी रजनीकांत भक्तों ‘थलाइवा’ से अनुरोध किया है कि वे फिल्म के रिलीज के समय रजनीकांत के लकड़ी के कटआउट को दूध से अभिषेक करना छोड़ दें। क्योंकि उसके कारण तमिलनाड़ु के गरीब बच्चों को उस दिन दूध नहीं मिल पाता। जिसे थिएटर में रजनीकांत की फिल्म होनी होती हैउसके बाहर रजनीकांत के भक्त 50 से 100 फीट ऊंचा लकड़ी का कटआउट रखा जाता है। फिल्म के प्रीमियर के दिन कटआउट को दूध से नहलाया जाता है। पटाखे चलाए जाते हैंमिठाइयां बांटी जाती हैं। बताया गया है कि 22 जुलाई को करीब 50 हजार लीटर दूध का इस्तेमाल होना है। इस कारण चेन्नई की किसी भी चाय दुकान में चाय भी नसीब नहीं होगी।
कबाली’ फिल्म विश्वभर के 12 हजार स्क्रीन पर एक साथ रिलीज हो रही है। इसकी तुलना में सलमान खान की फिल्मसुलतान’ केवल 6 हजार स्क्रीन पर रिलीज हुई थी। कुछ दिनों पहले ही यू-ट्यूब पर ‘कबाली’ का ट्रेलर रिलीज किया यगा। इसके कुछ ही दिनों बाद उसे ढाई करोड़ हिट्स मिल गए। ये एक कीर्तिमान है। 64 वर्षीय सुपरस्टार रजनीकांत की यह फिल्म और भी कई कीर्तिमान रचने की तैयारी में है। फिल्म उत्तर भारत में करीब एक हजार स्क्रीन पर रिलीज होनी है। केवल चीन में ही वह 4500 स्क्रीन पर रिलीज होने वाली है। संभवत: ‘कबाली’ ही वह एकमात्र भारतीय फिल्म हैजो पूरे एशिया के सभी देशों में एक साथ रिलीज हो रही है। चीन में 4500 स्क्रीन पर रिलीज होने के पीछे का कारण यही है कि इसमें ताइवान के सुपरस्टॉर विंस्टन चाओ की महत्वपूर्ण भूमिका है। ये कलाकार चीन में काफी लोकप्रिय हैं।  इन्होंने जेकी चेन के साथ भी काम किया है। जापानमलेशिया और इंडोनेशिया जैसे देशों में वह 300-300 स्क्रीन पर रिलीज हो रही है। एक फिल्म के रिलीज होने की इतनी बड़ी तैयारी इस देश में शायद ही कभी देखने को मिली हो।
सलमान खान की सुलतान रिलीज होने के पहले ही सप्ताह में 200 करोड़ की कमाई कर चुकी थी। पर फिल्म ‘कबाली’ तो पहले ही तीन दिनों में इतनी कमाई कर लेगी। ऐसा माना जा रहा है। यह इसलिए दावे के साथ कहा जा रहा है कि तमिलनाड़ु सरकार ने अपने यहां फिल्मों के टिकट के दाम को नियंत्रित कर रखा है। तमिलनाड़ु में किसी भी फिल्म की टिकट 120 रुपए से अधिक में नहीं बेची जा सकती।कबाली’ के लिए भी वहां 50, 80 और 120 रुपए का भाव रखा गया है। इसकी तुलना में मुम्बई और बेंगलुरू जैसे शहरों में सलमान की सुलतान की टिकटें 1500 रुपए तक में बेची गई थी। सुलतान फिल्म 1500रुपए में टिकट बेचकर तीन दिनों में 200 करोड़ की कमाई कर रही हैतो ‘कबाली’ फिल्म 120 रुपए की टिकट पर ही 200करोड़ रुपए का कलेक्शन दस गुना माना जाना चाहिए।
अमेरिका के 400 थिएटरों में ‘कबाली’ रिलीज होनी है। इसकी बुकिंग भी शुरू होने के दो घंटे बार ही तीन दिनों की टिकट बिक गई थी। चेन्नई के सभी थिएटरों में दिनभर चलने वाली फिल्म ‘कबाली’ से भी काफी आय होने की संभावना है। एसीपीआई सिनेमा द्वारा चेन्नई के कुल 27 स्क्रीन पर फिल्म दिखाई जानी है। उसके राज के 96 शो दिखाए जाएंगे। तीन दिनों में 288 शो की बुकिंग पहले ही तीन घंटों में फुल हो चुकी है। चेन्नई के थिएटरों में कबाली की टिकट नहीं मिलने की संभावना को देखते हुए कई दर्शकों ने फिल्म देखने के लिए विशेषरूप से कोयटम्बूर जाने की योजना बना रहे हैं। यह भी हास्यास्पद है कि शुक्रवार को लोग आफिस से किस बहाने से छुट्टी लेंगे। उनके बहाने क्या-क्या होंगे। इसके जोक्स अभी से ही सोशल मीडिया में चर्चित हो चुके हैं। सोशल मीडिया में यह भी अफवाह है कि लोगों की रुचि को ध्यान में रखते हुए उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए 22 जुलाई को दोपहर एक बजे ‘कबाली’ का एक विशेष शो का आयोजन किया गया है। जो कि मात्र एक अफवाह से अधिक कुछ नहीं है।
‘कबाली’ फिल्म के लिए आखिर इतनी बेकरारी क्यों है? इस फिल्म में रजनीकांत अपने उम्र के डॉन की भूमिका निभा रहे हैं। रजनीकांत ने 1994 में बाशा फिल्म में डॉन की भूमिका निभाई थी। इसके बाद वह पहली बार डॉन की भूमिका में हैं। फिल्म की कहानी मलेशिया के बेकग्राउंड पर आधारित है। इसमें रजनीकांत का मुकाबला तमिलनाड़ु के अलावा ताइवान, चीन और मलेशियन माफियाओं के साथ भी है। क्योंकि रजनीकांत फिल्म में तमिल के अलावा मलय और चीन की मेंडरिन भाषा भी बोलेंगे। इसलिए मलेशिया और चीन जैसे देशों में भी इस फिल्म की उत्सुकता से प्रतीक्षा की जा रही है। अपने फिल्मी कैरियर में रजनीकांत ने कुल 158 फिल्मों में काम किया है। ‘कबाली’ उनकी 159वीं फिल्म है। इन 158 फिल्मों में से 125 हिट रही हैं। रजनीकांत की अंतिम हिट फिल्म अंथिरन 2010 में रिलीज हुई थी। इसके बाद 2014 में उनकी दो फिल्में आईं। दोनों ही बुरी तरह से पिट गई। इसमें उनकी  बेटी ऐश्वर्या द्वारा 140 करोड़ रुपए के खर्च से बनाई गई फिल्म कोचडाइयान का भी समावेश होता है।
रजनीकांत और हिंदी फिल्मों के सुपरस्टार में यह अंतर है कि रजनीकांत जब शूटिंग करते हैं, तब किसी भी सामाजिक कार्यक्रम में किसी भी प्रकार का मेकअप किए बगैर पहुंच जाते हैं। यहां तक कि वे विग भी नहीं लगाते। रजनीकांत के गुण उनकी फिल्मों में नहीं, बल्कि आम जीवन में भी सुपरस्टॉर बनाती हैं। एक वर्ग ऐसा भी है, जो उन्हें भगवान की तरह पूजता ही नहीं, बल्कि भगवान ही मानता है। वे आज भी जमीन से जुड़े अभिनेता हैं। उनके बारे में एक बार कहा गया कि उन्हें दक्षिण भारत के किसी मंदिर में जाना था। वे आम आदमी बनकर मंदिर जाना चाहते थे। इसलिए उन्होंने एक भिखारी को कुछ रुपए देकर उसके कपड़े खरीद लिए। बस फिर क्या था, उन्होंने एक भिखारी के रूप में आम आदमी बनकर मंदिर के दर्शन कर लिए। दूसरा कोई अभिनेता होता, तो स्वयं को वीआईपी के रूप में पेश करता और मंदिर के दर्शन करता। पिछले महीने ही सोनू निगम ने एक आम आदमी बनकर सड़क पर एक भिखारी के रूप में अपने ही गाय गीतों को दोहराया। ऐसे में उसके गाने से प्रभावित होकर एक प्रशंसक ने चुपके से उसके हाथ पर 12 रुपए रख दिए। सोनू निगम से अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी कमाई मानते हैं। उनके लिए यह किसी पुरस्कार से कम नहीं है। इसी तरह फिल्म ‘पैसा’ की शूटिंग के दौरान पृथ्वीराजकपूर को किसी ने दस पैसे दिए थे, जिसे उन्होंने अपने माथे से लगाया और जीवन को सबसे बड़ा इनाम बताया।
डॉ. महेश परिमल

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