बुधवार, 14 सितंबर 2016
कविता - नरेन्द्र पुरोहित - हिंदी दिवस विशेष - 4
कविता का अंश...
सुनो कहानी...
हिन्दी की जय बोलो हिन्दी बिन्दी हिन्दुस्तान की।
सबकी भाषा अलग-अलग है, अलग अलग विस्तार है,
भावों की सीमा के भीतर, अलग-अलग संसार है।
सब भाषाओं के फूलों का, इक सालोना हार है,
अलग-अलग वीणा है, लेकिन एक मधुर झंकार है।
भाषाओं में ज्योति जली है, कवियों के बलिदान की।
हिन्दी की जय बोलो हिन्दी भाषा हिन्दुस्तान की।
हिन्दी की गौरव गाथा का नया निराला ढंग है,
कहीं वीरता, कहीं भक्ति है, कहीं प्रेम का रंग है।
कभी खनकती हैं तलवारें, बजता कहीं मृदंग है,
कभी प्रेम की रस धारा में, डूबा सारा अंग है।
वीर भक्ति रस की ये गंगा, यमुना है कायान की।
हिन्दी की जय बोलो, हिन्दी भाषा हिन्दुस्तान की।
सुनो चंद की हुँकारों को, जगनिक की ललकार को,
सूरदास की गुँजारों को, तुलसी की मनुहार को।
आडम्बर पर सन्त कबीरा की चुभती फटकार को,
गिरिधर की दासी मीरा की, भावभरी रसधार को।
हिन्दी की जय बोलो हिन्दी-बिन्दी हिन्दुस्तान की।
हिन्दी को नमन--हिन्दी को नमन।
भारतेन्दु ने पौधा सींचा महावीर ने खड़ा किया,
अगर गुप्त ने विकसाया तो जयशंकर ने बड़ा किया।
पन्त निराला ने झंडे को मजबूती से खड़ा किया,
और महादेवी ने झंडा दिशा-दिशा मे उड़ा दिया।
इस अधूरी कविता का पूरा आनंद लेने के लिए ऑडियो की सहायता लीजिए...
लेबल:
कविता,
दिव्य दृष्टि
जीवन यात्रा जून 1957 से. भोपाल में रहने वाला, छत्तीसगढ़िया गुजराती. हिन्दी में एमए और भाषा विज्ञान में पीएच.डी. 1980 से पत्रकारिता और साहित्य से जुड़ाव. अब तक देश भर के समाचार पत्रों में करीब 2000 समसामयिक आलेखों व ललित निबंधों का प्रकाशन. आकाशवाणी से 50 फ़ीचर का प्रसारण जिसमें कुछ पुरस्कृत भी. शालेय और विश्वविद्यालय स्तर पर लेखन और अध्यापन. धारावाहिक ‘चाचा चौधरी’ के लिए अंशकालीन पटकथा लेखन. हिन्दी गुजराती के अलावा छत्तीसगढ़ी, उड़िया, बँगला और पंजाबी भाषा का ज्ञान. संप्रति स्वतंत्र पत्रकार।
संपर्क:
डॉ. महेश परिमल, टी-3, 204 सागर लेक व्यू होम्स, वृंदावन नगर, अयोघ्या बायपास, भोपाल. 462022.
ईमेल -
parimalmahesh@gmail.com
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Post Labels
- अतीत के झरोखे से
- अपनी खबर
- अभिमत
- आज का सच
- आलेख
- उपलब्धि
- कथा
- कविता
- कहानी
- गजल
- ग़ज़ल
- गीत
- चिंतन
- जिंदगी
- तिलक हॊली मनाएँ
- दिव्य दृष्टि
- दिव्य दृष्टि - कविता
- दिव्य दृष्टि - बाल रामकथा
- दीप पर्व
- दृष्टिकोण
- दोहे
- नाटक
- निबंध
- पर्यावरण
- प्रकृति
- प्रबंधन
- प्रेरक कथा
- प्रेरक कहानी
- प्रेरक प्रसंग
- फिल्म संसार
- फिल्मी गीत
- फीचर
- बच्चों का कोना
- बाल कहानी
- बाल कविता
- बाल कविताएँ
- बाल कहानी
- बालकविता
- भाषा की बात
- मानवता
- यात्रा वृतांत
- यात्रा संस्मरण
- रेडियो रूपक
- लघु कथा
- लघुकथा
- ललित निबंध
- लेख
- लोक कथा
- विज्ञान
- व्यंग्य
- व्यक्तित्व
- शब्द-यात्रा'
- श्रद्धांजलि
- संस्कृति
- सफलता का मार्ग
- साक्षात्कार
- सामयिक मुस्कान
- सिनेमा
- सियासत
- स्वास्थ्य
- हमारी भाषा
- हास्य व्यंग्य
- हिंदी दिवस विशेष
- हिंदी विशेष
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें