शुक्रवार, 16 सितंबर 2016
बाल कहानी – बुद्धि कहाँ रहती है? – गुरुनारायण पांडे
कहानी का अंश... राजा भोज दरबार में विराजमान थे। द्वारपाल ने अभिवादन किया और बोला – महाराज, एक बालक आपसे मिलने का हठ कर रहा है। राजा ने बालक को राजसभा में लाने की आज्ञा दी। दस-बारह वर्ष का एक सुंदर बालक हँसते हुए राजसभा में प्रवेश करता है। महाराज ने मुस्कराते हुए पूछा – क्या चाहते हो कुमार? बालक ने गंभीर होकर कहा – मेरे कुछ प्रश्न हैं महाराज। कोई उनका उत्तर ठीक से नहीं देता है। लोग बालक समझकर मुझे डाँट देते हैं। मैंने सोचा, महाराज भोज का दरबार विद्वानों का दरबार है। वहाँ मेरे प्रश्नों का उत्तर अवश्य मिलेगा। इसी आशा में मैं यहाँ आया हूँ। राजा ने बालक को प्रोत्साहित करते हुए कहा – हाँ, हाँ, पूछो, तुम्हारे प्रश्नों का सही-सही उत्तर दिया जाएगा। बालक ने पूछा – बुद्धि कहाँ रहती है महाराज? वह दिल में, दिमाग या सारे शरीर में रहती है? या फिर कहीं और रहती है? प्रश्न कुछ अजीब-सा था। राजा ने महामंत्री की ओर देखते हुए कहा – आप इस प्रश्न का उत्तर दीजिए महामंत्री जी। महामंत्री जी घबरा गए। राजदरबार का मामला ठहरा। उन्होंने प्रश्न के उत्तर के लिए एक दिन का समय माँगा। बालक को अतिथि गृह में ठहराया गया। महामंत्री जी विचार में पड़ गए – पता नहीं, बालक क्या उत्तर चाहता है? क्यों न उसी से पूछ लिया जाए? रात में चुपके से वह बालक के पास पहुँचे। इधर-उधर की बातें करने के बाद उन्होंने बालक से प्रश्न का उत्तर पूछा। क्या बालक ने महामंत्री को प्रश्न का उत्तर बताया? क्या भरी सभा में महामंत्री उस बालक के प्रश्न का उत्तर दे पाए? क्या वह अपने उत्तर से बालक को खुश कर पाए? बालक ने ऐसा प्रश्न ही क्यों किया? वह बालक कौन था? इन सभी प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए ऑडियो की मदद लीजिए....
लेबल:
दिव्य दृष्टि,
बाल कहानी
जीवन यात्रा जून 1957 से. भोपाल में रहने वाला, छत्तीसगढ़िया गुजराती. हिन्दी में एमए और भाषा विज्ञान में पीएच.डी. 1980 से पत्रकारिता और साहित्य से जुड़ाव. अब तक देश भर के समाचार पत्रों में करीब 2000 समसामयिक आलेखों व ललित निबंधों का प्रकाशन. आकाशवाणी से 50 फ़ीचर का प्रसारण जिसमें कुछ पुरस्कृत भी. शालेय और विश्वविद्यालय स्तर पर लेखन और अध्यापन. धारावाहिक ‘चाचा चौधरी’ के लिए अंशकालीन पटकथा लेखन. हिन्दी गुजराती के अलावा छत्तीसगढ़ी, उड़िया, बँगला और पंजाबी भाषा का ज्ञान. संप्रति स्वतंत्र पत्रकार।
संपर्क:
डॉ. महेश परिमल, टी-3, 204 सागर लेक व्यू होम्स, वृंदावन नगर, अयोघ्या बायपास, भोपाल. 462022.
ईमेल -
parimalmahesh@gmail.com
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