शुक्रवार, 9 सितंबर 2016

अकबर–बीरबल की कहानी – 11

सबसे उज्जवल क्या है? कहानी का अंश… एक दिन बादशाह अकबर दरबार में बैठे थे। एकाएक उन्होंने दरबारियों से पूछा – सबसे उज्जवल क्या है? दरबारियों में से किसी ने कपास तो किसी ने फूल तथा दूसरी चीजों के नाम बताए। मतगणना से ज्ञात हुआ कि लोगों का दूध तथा कपास पर ज्यादा मत था। बीरबल अभी तक चुप थे। उन्हें चुप देखकर बादशाह बोले – क्या बात है बीरबल? तुम बिलकुल चुप हो। तुम्हारी इस बारे में क्या राय है? बीरबल ने उत्तर दिया – जहाँपनाह, मेरी समझ में तो सबसे उज्जवल सूरज की रोशनी होती है। बादशाह बोले – प्रमाण सहित तुम्हें इस बात को सिद्ध करना होगा। बीरबल ने यह बात स्वीकार कर ली। दसूरे दिन जब बादशाह अकबर अपने शयनकक्ष में आराम कर रहे थे, तब बीरबल ने एक कटोरा दूध और दो-चार खिले हुए कपास के फूल ले जाकर उनके दरवाजे के पास रख दिए। कमरा चारों तरफ से बंद था और उसमें बिलकुल प्रकाश नहीं आ रहा था। यह काम बीरबल ने बिलकुल चुपचाप किया था। जब बादशाह अकबर आराम करके उठे तो वह सीधे दरवाजे की तरफ गए और उनकी ठोकर लगकर सारा दूध गिर पड़ा। किवाड़ खोलने से प्रकाश हुआ तो बादशाह को दूध तथा कपास ठीक दरवाजे के पास देख कर आश्चर्य हुआ। जब वह कमरे से बाहर निकले तो बीरबल को वहाँ मौजूद देखकर समझ गए कि यह बीरबल की ही कारगुजारी है। उन्होंने बीरबल से दूध तथा कपास दरवाजे पर रखने का कारण पूछा… बीरबल ने क्या जवाब दिया होगा? क्या अकबर उनके जवाब से संतुष्ट हो गए होंगे? अपनी इस जिज्ञासा के समाधान के लिए ऑडियो की मदद लीजिए…

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